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देवांश केसरी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित

रोहिणी सेक्टर 21 में रहने वाले देवांश केसरी के पिता ज्ञान प्रकाश ने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records ) की तरफ से सम्मान पत्र भेजा गया है. आस पड़ोस के लोग और अन्य रिश्तेदार भी इस सम्मान के बाद देवांश को बधाई दे रहे हैं.

देवांश को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित
देवांश को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित
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Published : Nov 6, 2022, 9:04 PM IST

नई दिल्ली: अपनी स्मरण शक्ति से हर किसी को हैरान कर देने वाले महज तीन साल सात महीने के देवांश केसरी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records ) ने सम्मानित किया है. देवांश के इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है. देवांश की इस प्रतिभा ने हर किसी को अचंभित कर दिया है. उसकी प्रतिभा को देखते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से सर्टिफिकेट और मेडल भेजा गया है.

रोहिणी सेक्टर 21 में रहने वाले देवांश केसरी के पिता ज्ञान प्रकाश ने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records ) की तरफ से सम्मान पत्र भेजा गया है. आस पड़ोस के लोग और अन्य रिश्तेदार भी इस सम्मान के बाद देवांश को बधाई दे रहे हैं.

देवांश को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित
देवांश को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित
देवांश को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित
देवांश को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित

ये भी पढ़ें : दिल्ली की हवा में सुधार, डीजल वाहनों पर लगे प्रतिबंध हटे, पढ़ें सरकार की नई गाइडलाइन

उन्होंने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने के बाद अब वह एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए प्रयास करेंगे. मां पायल केसरी ने इस सम्मान का पूरा श्रेय देवांश को दिया. देवांश के इस रिकॉर्ड पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि ये उसकी प्रतिभा का ही परिणाम है कि उसने ये कर दिखाया. उन्होंने कहा कि आज पूरा परिवार खुशी में जश्न मना रहा है. देवांश के पिता ज्ञान प्रकाश ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि उनके बच्चे को सही दिशा प्रदान करने के लिए सरकार की तरफ से मदद की जाए ताकि वह अपने परिवार के साथ पूरे समाज और देश का नाम रोशन कर सके.

बता दें, महज तीन साल सात माह की उम्र में देवांश, सिर्फ झंडे देखकर दुनिया के 214 देशों के नाम बता देता है. देवांश को करीब 50 वैज्ञानिकों और उनके आविष्कार भी याद है. इतना ही नहीं देवांश को सभी भारतीय राज्यों के नाम उनकी राजधानियां याद हैं. देवांश को सिर्फ फूल और फलों के नाम ही नहीं, बल्कि उनके वैज्ञानिक नाम भी अच्छी तरह से याद हैं. देवांश की इस प्रतिभा को देखते हुए उसे इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स से की तरफ से सर्टिफिकेट और मेडल से सम्मानित किया गया.

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नई दिल्ली: अपनी स्मरण शक्ति से हर किसी को हैरान कर देने वाले महज तीन साल सात महीने के देवांश केसरी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records ) ने सम्मानित किया है. देवांश के इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है. देवांश की इस प्रतिभा ने हर किसी को अचंभित कर दिया है. उसकी प्रतिभा को देखते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से सर्टिफिकेट और मेडल भेजा गया है.

रोहिणी सेक्टर 21 में रहने वाले देवांश केसरी के पिता ज्ञान प्रकाश ने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records ) की तरफ से सम्मान पत्र भेजा गया है. आस पड़ोस के लोग और अन्य रिश्तेदार भी इस सम्मान के बाद देवांश को बधाई दे रहे हैं.

देवांश को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित
देवांश को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित
देवांश को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित
देवांश को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित

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उन्होंने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने के बाद अब वह एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए प्रयास करेंगे. मां पायल केसरी ने इस सम्मान का पूरा श्रेय देवांश को दिया. देवांश के इस रिकॉर्ड पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि ये उसकी प्रतिभा का ही परिणाम है कि उसने ये कर दिखाया. उन्होंने कहा कि आज पूरा परिवार खुशी में जश्न मना रहा है. देवांश के पिता ज्ञान प्रकाश ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि उनके बच्चे को सही दिशा प्रदान करने के लिए सरकार की तरफ से मदद की जाए ताकि वह अपने परिवार के साथ पूरे समाज और देश का नाम रोशन कर सके.

बता दें, महज तीन साल सात माह की उम्र में देवांश, सिर्फ झंडे देखकर दुनिया के 214 देशों के नाम बता देता है. देवांश को करीब 50 वैज्ञानिकों और उनके आविष्कार भी याद है. इतना ही नहीं देवांश को सभी भारतीय राज्यों के नाम उनकी राजधानियां याद हैं. देवांश को सिर्फ फूल और फलों के नाम ही नहीं, बल्कि उनके वैज्ञानिक नाम भी अच्छी तरह से याद हैं. देवांश की इस प्रतिभा को देखते हुए उसे इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स से की तरफ से सर्टिफिकेट और मेडल से सम्मानित किया गया.

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