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जर्जर भवन में मजबूरी की पढ़ाई, खतरे में 800 बच्चों का जीवन

आदर्श नगर विधानसभा के केवल पार्क इलाके में स्थित दिल्ली नगर निगम का तीन मंजिला स्कूल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. इस स्कूल में करीब 800 बच्चे डर के साए में पढ़ रहे है. स्थिति यह है कि बिल्डिंग की दीवारों में दरार पड़ चुकी है. एक मामूली सा झटका पूरे बिल्डिंग को तबाह कर सकता है. बावजूद इसके जिम्मेदार नजर घुमाकर बैठे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : May 23, 2022, 6:18 PM IST

हादसों को दावत देता निगम का स्कूल
हादसों को दावत देता निगम का स्कूल

नई दिल्ली: आदर्श नगर विधानसभा के केवल पार्क स्थित दिल्ली नगर निगम का स्कूल हादसों को दावत दे रहा है. स्थिति यह है कि किसी को भी अंदेशा नही है कि जर्जर इमारत कब गिर जाए और बड़ा हादसा हो जाए. इस जर्जर स्कूल में पढ़ने के लिए 800 छात्र-छात्राएं आते हैं. इसके अलावा यहां स्कूल प्रशासन के 17 लोग काम करते हैं. सभी डर के साए में पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर हैं.

हादसों को दावत देता निगम का स्कूल

स्कूल के चारों ओर बोर्ड लगे हैं की बिल्डिंग से दूर रहें, छज्जे कभी भी गिर सकते हैं. ऐसे में यहां बच्चों की पढ़ाई करवाना लापरवाही का ही नतीजा है. साफ तौर पर निगम बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है. इस इमारत को करीब 30 साल पहले बनाया गया था. कहने को तो यह इमारत तीन मंजिला है, लेकिन इसके ऊपरी मंजिल की हालत तो बहुत ही खराब है.

छत जर्जर होकर गिरने के कगार पर है. बड़े-बड़े सीमेंट के टुकड़े फर्श पर पड़े हुए हैं. जिन दो मंजिल को सुरक्षित बताया जा रहा है वहां की हालत भी खराब है. इन्हीं दो मंजिल में शिक्षक और छात्र बैठकर पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर हैं. जहां हर वक्त हादसे का डर लगा रहता है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दो दिन पहले स्कूल का दौरा किया था. उन्होंने स्कूल बिल्डिंग की जर्जर स्थिति को देखते हुए निगम पर उठाए सवाल थे.

इससे पहले स्कूल प्रशासन ने निगम के उच्च अधिकारियों और स्थानीय पार्षद से लेकर मेयर तक को स्कूल की स्थिति से अवगत कराया. कई बार लिखित आवेदन भी दिया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए. स्थानीय निवासी रविशंकर ने बताया कि यह स्कूल काफी पुराना है. बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है. बावजूद इसके निगम अपनी आंखें स्कूल की ओर से मूंदकर बैठा है.

यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी विवाद: चैत्र नवरात्र की चतुर्थी पूजा का वीडियो आया सामने, दावा इसी साल की गई थी श्रृंगार गौरी की पूजा

नाम ना बताने की शर्त पर स्कूलकर्मी ने बताया कि अधिकारियों और निगम पार्षद के साथ उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर ने स्कूल का दौरा भी किया था. उसके बाद स्कूल मे रेनोवेशन कराने का काम शुरू कराया गया. लेकिन कुछ दिन बाद किसी वजह से काम को बीच में रोका दिया गया. बताया जा रहा है कि स्कूल की नई बिल्डिंग सवा चार करोड़ में बनाने की योजना है. लेकिन इस योजना पर कब अमल किया जाएगा, इसकी जानकारी स्कूल प्रशासन को भी नहीं है.

"यह स्कूल काफी पुराना है. दिल्ली सरकार की ओर से एजुकेशन फंड जारी किया जाता है. निगम को स्कूल का रेनोवेशन कराने के लिए फंड अलॉट कराया गया था, जो नाकाफी था और उसका दुरुपयोग हो रहा था. इसीलिए काम को बीच में रुकवाया गया और अब नई बिल्डिंग बनाने के नाम पर सवा चार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट प्रक्रिया में है. जल्दी प्रोजेक्ट शुरू होगा और एक बार फिर स्कूल की नई बिल्डिंग देखने को मिलेगी"- नवीन त्यागी, पूर्व पार्षद (बीजेपी)

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नई दिल्ली: आदर्श नगर विधानसभा के केवल पार्क स्थित दिल्ली नगर निगम का स्कूल हादसों को दावत दे रहा है. स्थिति यह है कि किसी को भी अंदेशा नही है कि जर्जर इमारत कब गिर जाए और बड़ा हादसा हो जाए. इस जर्जर स्कूल में पढ़ने के लिए 800 छात्र-छात्राएं आते हैं. इसके अलावा यहां स्कूल प्रशासन के 17 लोग काम करते हैं. सभी डर के साए में पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर हैं.

हादसों को दावत देता निगम का स्कूल

स्कूल के चारों ओर बोर्ड लगे हैं की बिल्डिंग से दूर रहें, छज्जे कभी भी गिर सकते हैं. ऐसे में यहां बच्चों की पढ़ाई करवाना लापरवाही का ही नतीजा है. साफ तौर पर निगम बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है. इस इमारत को करीब 30 साल पहले बनाया गया था. कहने को तो यह इमारत तीन मंजिला है, लेकिन इसके ऊपरी मंजिल की हालत तो बहुत ही खराब है.

छत जर्जर होकर गिरने के कगार पर है. बड़े-बड़े सीमेंट के टुकड़े फर्श पर पड़े हुए हैं. जिन दो मंजिल को सुरक्षित बताया जा रहा है वहां की हालत भी खराब है. इन्हीं दो मंजिल में शिक्षक और छात्र बैठकर पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर हैं. जहां हर वक्त हादसे का डर लगा रहता है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दो दिन पहले स्कूल का दौरा किया था. उन्होंने स्कूल बिल्डिंग की जर्जर स्थिति को देखते हुए निगम पर उठाए सवाल थे.

इससे पहले स्कूल प्रशासन ने निगम के उच्च अधिकारियों और स्थानीय पार्षद से लेकर मेयर तक को स्कूल की स्थिति से अवगत कराया. कई बार लिखित आवेदन भी दिया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए. स्थानीय निवासी रविशंकर ने बताया कि यह स्कूल काफी पुराना है. बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है. बावजूद इसके निगम अपनी आंखें स्कूल की ओर से मूंदकर बैठा है.

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नाम ना बताने की शर्त पर स्कूलकर्मी ने बताया कि अधिकारियों और निगम पार्षद के साथ उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर ने स्कूल का दौरा भी किया था. उसके बाद स्कूल मे रेनोवेशन कराने का काम शुरू कराया गया. लेकिन कुछ दिन बाद किसी वजह से काम को बीच में रोका दिया गया. बताया जा रहा है कि स्कूल की नई बिल्डिंग सवा चार करोड़ में बनाने की योजना है. लेकिन इस योजना पर कब अमल किया जाएगा, इसकी जानकारी स्कूल प्रशासन को भी नहीं है.

"यह स्कूल काफी पुराना है. दिल्ली सरकार की ओर से एजुकेशन फंड जारी किया जाता है. निगम को स्कूल का रेनोवेशन कराने के लिए फंड अलॉट कराया गया था, जो नाकाफी था और उसका दुरुपयोग हो रहा था. इसीलिए काम को बीच में रुकवाया गया और अब नई बिल्डिंग बनाने के नाम पर सवा चार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट प्रक्रिया में है. जल्दी प्रोजेक्ट शुरू होगा और एक बार फिर स्कूल की नई बिल्डिंग देखने को मिलेगी"- नवीन त्यागी, पूर्व पार्षद (बीजेपी)

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