नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने हौज खास स्थित डियर पार्क से हिरणों को हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि डियर पार्क को बंद करने की बजाय उसमें कम से कम 50 हिरण होने चाहिए. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डियर पार्क से हिरणों को हटाने की वजह पूछी. तब कोर्ट को बताया गया कि डियर पार्क में जरूरत से ज्यादा हिरण हैं.
हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) डियर पार्क में कुछ हिरणों को रखते हुए उन्हें किसी दूसरे हरित इलाके में शिफ्ट कर सकती है. आप उन्हें दिल्ली से बाहर क्यों शिफ्ट कर रहे हैं. हिरणों को दिल्ली में ही रहने दीजिए. कोर्ट ने कहा कि डियर पार्क में जब हिरण होंगे तो बच्चे वहां जा सकेंगे. कोर्ट ने डीडीए से कहा कि आपके पास जमीन की बहुतायत है. आप हिरणों को डियर पार्क से बाहर लेकर दिल्ली में ही किसी दूसरी जगह शिफ्ट कीजिए.
कोर्ट ने कहा कि अगर हिरणों को डियर पार्क से राजस्थान ले जाया जाएगा तो वे बच नहीं पाएंगे, क्योंकि वहां चीते ज्यादा हैं. डियर पार्क से हिरणों को हटाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका न्यू दिल्ली नेचर सोसायटी ने दायर किया था. सोसायटी ने सेंट्रल जू अथॉरिटी के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसमें डियर पार्क के सभी जानवरों को राजस्थान और असोला भाटी सेंचुरी में भेजने को कहा गया था.
इस आदेश के बाद कई हिरणों को यहां से राजस्थान ले जाया गया है. याचिका में कहा गया था कि सेंट्रल जू अथॉरिटी का आदेश वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करता है.