नई दिल्ली: कहते हैं कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है और ये बात दिल्ली के 3 वर्षीय देवांश केसरी पर बिल्कुल फिट बैठती है. इन दिनों इस बच्चे की अनोखी प्रतिभा लोगों की खूब तारीफें बटोर रही है. इतना ही नहीं, देवांश का नाम जल्द ही इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शुमार होने वाला है. तो आइए जानते हैं क्या है देवांश की वह प्रतिभा जो उसे नन्ही सी उम्र में सफलता की सीढ़ियां चढ़ा रही है.
दरससल, दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 21 के निवासी ज्ञान प्रकाश के छोटे बेटे देवांश अपनी तेज यादाश्त के चलते 215 देशों के झंडों को (Devansh recognizes flags of 215 countries) पहचानता है. साथ ही उसे 50 वैज्ञानिकों और उनके आविष्कार, सभी भारतीय राज्य और उनकी राजधानी, 20 तरह के फूल, फल एवं उनके वैज्ञानिक नाम, 16 प्रकार के आकारों के नाम, 15 रंगों के नाम, 20 पालतू और 20 जंगली जानवरों के नाम, 21 पक्षियों के नाम, 24 समुद्री जीवों के नाम, 24 कीट, सरीसृप और उभयचरों के नाम कंठस्थ हैं.
लेकिन फेहरिस्त यहीं खत्म नहीं होती, देवांश को 16 प्रकार के वाहनों के नाम, 12 ऐतिहासिक जगहों के नाम, 16 महापुरुषों के नाम, सभी ग्रहों और सभी तरह के वाद्ययंत्रों कै नाम भी याद हैं. उसकी इसी प्रतिभा को देखते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स की टीम की ओर से उसे सराहना भी मिली है. उसके पिता ज्ञान प्रकाश ने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स से संसदीय बोर्ड से उन्हें यह जानकारी दी गई है कि देवांश का नाम रिकॉर्ड के लिए चुन लिया गया है और जल्द ही उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि देवांश जब दो साल नौ महीने का था तभी उसने कक्षा छह में पढ़ने वाली बहन की 4 पन्नों की स्पीच, केवल सुनकर ही याद कर ली थी. तभी से हमने उसकी तैयारी करानी शुरू कर दी और आज वह चीजों को बहुत ही जल्दी समझकर याद कर लेने में माहिर हो गया है.
उनका कहना है कि उम्र बढ़ने पर यह क्या-क्या कर लेगा, इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है. अब देवांश के पिता की सरकार से मांग है कि कौटिल्य की तरह देवांश की भी सहायता की जाए जिससे उसकी प्रतिभा को सही दिशा मिल सके और उसकी प्रतिभा देश के काम आ सके.