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किराड़ी: दिहाड़ी मजदूर परेशान, सड़कों पर घंटों इंतजार लेकिन नहीं मिल रहा काम

दिल्ली में मजदूरों को अभी भी काम के लिए परेशान होना पड़ रहा है. बता दें कि अनलॉक 3.0 में भी काम ना होने के कारण मजदूर घंटों बेठकर मायूस होकर वापस लोटने को मजबूर हैं.

daily wage workers
दिहाड़ी मजदूर
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Published : Aug 3, 2020, 4:17 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना के कारण लोगों का काम पूरी तरह ठप हो चुका है. खासकर दिल्ली में अभी भी मजदूरों को काम के लिए भटकना पड़ रहा है. किराड़ी में 40 फुटा रोड पर दिहाड़ी मजदूर काम की तलाश में घंटों इंतजार करते नजर आ जाते हैं. रक्षाबंधन वाले दिन भी रोजगार की तलाश में मजदूर सड़कों पर नजर आए. सभी का कहना है कि मजदूर का काम नहीं मिल रहा है. कोरोना के कारण कोई भी काम देने में कतरा रहा है. जिसकी वजह से हर रोज सुबह 6:00 बजे आकर बैठ जाते हैं लेकिन रोजगार नहीं मिलता तो दोपहर को निराश होकर वापस घर लौट जाते हैं.

काम नहीं मिलने के कारण दिहाड़ी मजदूर परेशान

बता दें कि रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन भी काम ना मिलने की वजह से सभी मजदूर मायूस नजर आए. मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के समय भी काम नहीं था, अब काम है भी तो लोगों के पास पैसा नहीं है. इस पैसे की तंगी ने इनके त्यौहार को भी धुंधला कर दिया है. त्यौहार मनाए बिना ही दिहाड़ी मजदूर काम की तलाश में निकल पढ़ते हैं. लेकिन काम नहीं मिलने के कारण हर कोई परेशान है.

4 दिन में एक बार मिलता है काम

ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब एक मजदूर से बात की तो उनका कहना था कि सुबह 6:00 बजे ही काम की तलाश में निकल पड़ते हैं. कंस्ट्रक्शन का काम बंद पड़ा हुआ है, इसलिए काम नहीं है. दो-चार दिन में एक बार काम मिलता है.

सरकार ही करें कुछ इंतजाम

दूसरे मजदूर का कहना था कि दिल्ली में कोरोना वायरस के कारण सबके रोजगार खत्म हो गए हैं. हम लोग खाने के लिए तरस गए थे. शुक्रगुजार हैं कि दिल्ली सरकार ने गरीबों के लिए अनाज मुफ्त में दिलवाया, खाना मुफ्त में दिलवाया. जिसकी वजह से हमारे परिवार का पालन पोषण हो सका. लॉकडाउन के समय परेशानी नहीं हुई, स्कूलों में जाकर खाना भी लिया. लेकिन, इस वक्त बस रोजगार की तलाश है. सारी सुविधाएं बंद हो चुकी है बिना काम के गुजारा नहीं है. सरकार को इस बारे में कुछ सोचना चाहिए.

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना के कारण लोगों का काम पूरी तरह ठप हो चुका है. खासकर दिल्ली में अभी भी मजदूरों को काम के लिए भटकना पड़ रहा है. किराड़ी में 40 फुटा रोड पर दिहाड़ी मजदूर काम की तलाश में घंटों इंतजार करते नजर आ जाते हैं. रक्षाबंधन वाले दिन भी रोजगार की तलाश में मजदूर सड़कों पर नजर आए. सभी का कहना है कि मजदूर का काम नहीं मिल रहा है. कोरोना के कारण कोई भी काम देने में कतरा रहा है. जिसकी वजह से हर रोज सुबह 6:00 बजे आकर बैठ जाते हैं लेकिन रोजगार नहीं मिलता तो दोपहर को निराश होकर वापस घर लौट जाते हैं.

काम नहीं मिलने के कारण दिहाड़ी मजदूर परेशान

बता दें कि रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन भी काम ना मिलने की वजह से सभी मजदूर मायूस नजर आए. मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के समय भी काम नहीं था, अब काम है भी तो लोगों के पास पैसा नहीं है. इस पैसे की तंगी ने इनके त्यौहार को भी धुंधला कर दिया है. त्यौहार मनाए बिना ही दिहाड़ी मजदूर काम की तलाश में निकल पढ़ते हैं. लेकिन काम नहीं मिलने के कारण हर कोई परेशान है.

4 दिन में एक बार मिलता है काम

ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब एक मजदूर से बात की तो उनका कहना था कि सुबह 6:00 बजे ही काम की तलाश में निकल पड़ते हैं. कंस्ट्रक्शन का काम बंद पड़ा हुआ है, इसलिए काम नहीं है. दो-चार दिन में एक बार काम मिलता है.

सरकार ही करें कुछ इंतजाम

दूसरे मजदूर का कहना था कि दिल्ली में कोरोना वायरस के कारण सबके रोजगार खत्म हो गए हैं. हम लोग खाने के लिए तरस गए थे. शुक्रगुजार हैं कि दिल्ली सरकार ने गरीबों के लिए अनाज मुफ्त में दिलवाया, खाना मुफ्त में दिलवाया. जिसकी वजह से हमारे परिवार का पालन पोषण हो सका. लॉकडाउन के समय परेशानी नहीं हुई, स्कूलों में जाकर खाना भी लिया. लेकिन, इस वक्त बस रोजगार की तलाश है. सारी सुविधाएं बंद हो चुकी है बिना काम के गुजारा नहीं है. सरकार को इस बारे में कुछ सोचना चाहिए.

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