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लापता बच्चों के परिजनों से ठगी, 900 परिवारों को ठगने वाला साइबर स्कैमर यूपी से गिरफ्तार - Man held for duping families of missing in Delhi

Cheating the families of missing children: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है जो लापता बच्चों के परिजनों को फोन कर उनसे ठगी करता था. आरोपी ने बताया कि उसने अब तक 900 से ज्यादा परिवार को ठगा है. पुलिस की छानबीन के बाद आरोपी श्याम सुंदर चौहान को यूपी के मऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 21, 2023, 10:19 AM IST

900 परिवारों को ठगने वाला साइबर स्कैमर यूपी से गिरफ्तार

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. उत्तरी जिले की साइबर यूनिट ने एक ऐसे साइबर स्कैमर को गिरफ्तार किया है जो लापता बच्चों के परिवार को फोन कर उनके बारे में जानकारी देने की एवज में पैसे ठग रहा था. गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम श्याम सुंदर चौहान (28) है, जो रानीपुर मऊ (यूपी) का रहने वाला है.

सरकारी पोर्टल से निकालता था जानकारी: आरोपी ने मऊ के किसी कॉलेज से BCA किया है और वह पढ़ाई के बाद बेरोजगार था. उसने पुलिस को बताया कि वह जल्द पैसा कमाने के चक्कर में दिल्ली एनसीआर में गुम हुए बच्चों के डेटा को सरकारी पोर्टल ZIPNet (Zonal Integrated Police Network) और दूसरे प्लेटफार्म पर मिसिंग पर्सन की डिटेल्स से लापता बच्चों के परिवार का नंबर निकालता था. और उन्हे फोन कर उनसे पैसों की मांग करता था.

उत्तर प्रदेश के मऊ से आरोपि गिरफ्तार: उत्तरी जिले के डीसीपी मनोज कुमार मीणा ने बताया कि,"दिल्ली के वज़ीराबाद इलाके से एक बच्चा लापता हो गया था. परिवार ने बच्चे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने लापता बच्चे की जानकारी मिसिंग पर्सन के लिए बनाए गए पोर्टल पर अपलोड कर दी. जिसके बाद एक शख्स ने उसी दिन परिवार को फोन कर बच्चे के बारे में जानकारी होने की बात कही. जिसके बाद आरोपी ने उससे हजार रुपये ठग लिए. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत जांच-पड़ताल शुरू की. जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मऊ के रहने वाले श्याम सुंदर चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया.

करीब 900 परिवारों को बनाया निशाना: गौरतलब है कि, पुलिस दिल्ली एनसीआर में ज्यादातर गुमशुदा बच्चों की जानकारी जिपनेट डेटाबेस पर अपलोड करती है, जिसे आसानी से कोई भी निकाल सकता है. आरोपी इसी का फायदा उठाकर दिल्ली एनसीआर से गायब बच्चों के परिजनों को फोन कर कहता कि उनका बच्चा मिल गया है. बच्चे की रिकवरी के लिए पुलिस टीम भेजनी है. जिनके लिए कुछ पैसे की जरूरत है. परिवार अपने बच्चों की सकुशल बरामदगी के लिए आसानी से अमाउंट उसके खाते में ट्रांसफर कर देते थे. यह अमाउंट दो हजार से दस हजार रुपए तक होता था. इसी तरह आरोपी ने बीते 4 महीना में करीब 900 परिवार को ठगा है. वहीं उत्तरी जिले में भी 44 परिवारों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है.

900 परिवारों को ठगने वाला साइबर स्कैमर यूपी से गिरफ्तार

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. उत्तरी जिले की साइबर यूनिट ने एक ऐसे साइबर स्कैमर को गिरफ्तार किया है जो लापता बच्चों के परिवार को फोन कर उनके बारे में जानकारी देने की एवज में पैसे ठग रहा था. गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम श्याम सुंदर चौहान (28) है, जो रानीपुर मऊ (यूपी) का रहने वाला है.

सरकारी पोर्टल से निकालता था जानकारी: आरोपी ने मऊ के किसी कॉलेज से BCA किया है और वह पढ़ाई के बाद बेरोजगार था. उसने पुलिस को बताया कि वह जल्द पैसा कमाने के चक्कर में दिल्ली एनसीआर में गुम हुए बच्चों के डेटा को सरकारी पोर्टल ZIPNet (Zonal Integrated Police Network) और दूसरे प्लेटफार्म पर मिसिंग पर्सन की डिटेल्स से लापता बच्चों के परिवार का नंबर निकालता था. और उन्हे फोन कर उनसे पैसों की मांग करता था.

उत्तर प्रदेश के मऊ से आरोपि गिरफ्तार: उत्तरी जिले के डीसीपी मनोज कुमार मीणा ने बताया कि,"दिल्ली के वज़ीराबाद इलाके से एक बच्चा लापता हो गया था. परिवार ने बच्चे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने लापता बच्चे की जानकारी मिसिंग पर्सन के लिए बनाए गए पोर्टल पर अपलोड कर दी. जिसके बाद एक शख्स ने उसी दिन परिवार को फोन कर बच्चे के बारे में जानकारी होने की बात कही. जिसके बाद आरोपी ने उससे हजार रुपये ठग लिए. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत जांच-पड़ताल शुरू की. जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मऊ के रहने वाले श्याम सुंदर चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया.

करीब 900 परिवारों को बनाया निशाना: गौरतलब है कि, पुलिस दिल्ली एनसीआर में ज्यादातर गुमशुदा बच्चों की जानकारी जिपनेट डेटाबेस पर अपलोड करती है, जिसे आसानी से कोई भी निकाल सकता है. आरोपी इसी का फायदा उठाकर दिल्ली एनसीआर से गायब बच्चों के परिजनों को फोन कर कहता कि उनका बच्चा मिल गया है. बच्चे की रिकवरी के लिए पुलिस टीम भेजनी है. जिनके लिए कुछ पैसे की जरूरत है. परिवार अपने बच्चों की सकुशल बरामदगी के लिए आसानी से अमाउंट उसके खाते में ट्रांसफर कर देते थे. यह अमाउंट दो हजार से दस हजार रुपए तक होता था. इसी तरह आरोपी ने बीते 4 महीना में करीब 900 परिवार को ठगा है. वहीं उत्तरी जिले में भी 44 परिवारों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है.

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