नई दिल्ली: छठ महापर्व में अब दो दिन का समय बचा है. पर्व को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा कराई जा रही तैयारियों को लेकर बुराड़ी इलाके की छठ समितियों के पदाधिकारी नाराज नजर आ रहे है. लोगों का कहना है कि 18 से 20 तारीख तक छठ महापर्व है, लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार की ओर से छठ घाटों पर किसी तरह की तैयारी नहीं कराई गई है.
संस्थाएं निजी खर्चे से छठ की तैयारी कर रही हैं. कई जगह पर निगम पार्षद द्वारा छठ की तैयारी को लेकर घाटों की सफाई कराई गई है लेकिन वह पूरी तरह से पर्याप्त नहीं है. जिसको लेकर श्रद्धालु और समितियां के पदाधिकारी दिल्ली सरकार से नाराज हैं.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्वांचल मोर्चे की अध्यक्ष संध्या ने बताया कि बीते कई साल से दिल्ली सरकार द्वारा छठ घाटों की तैयारी को लेकर केवल खानापूर्ति कराई जा रही है. घाटों की तैयारी को लेकर निर्धारित 15 तारीख बीत जाने के बावजूद किसी प्रकार की तैयारी नजर नहीं आ रही है. केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए एक ट्रैक्टर और पंपिंग सेट की मदद से तालाब में भरे गंदे पानी को बाहर निकाला जा रहा है. तालाब में इतनी गंदगी है कि उसमें घुसने वाले लोगों को खुजली होने लगती है.
आरटीआई एक्टिविस्ट प्रदीप कुमार ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से दिए गए टेंडन में भी काफी विरोधाभास नजर आ रहा है. टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कंपनियों द्वारा छठ घाटों की सफाई नहीं कराई गई है.
लोगों ने कहा कि बुराड़ी विधानसभा में 28 से ज्यादा छठ घाट है, जो बदहाली के शिकार हैं. छठ समितियों के अध्यक्ष अपने खर्चे से छठ महापर्व की तैयारी करने में जुटे हुए हैं. आरटीआई एक्टिविस्ट ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा बुराड़ी इलाके में साथ छठ घाटों की तैयारी के लिए 32 लाख रुपए का टेंडर एस्टीमेट तैयार किया गया है, लेकिन कंपनियों को ये टेंडर केवल 6 लाख 90 हजार रुपये में दिया गया है. क्या इतने कम पैसों में छठ घाटों की सफाई और तैयारी हो पाएगी ?
इस बारे में जब छठ घाट पर आए श्रद्धालुओं से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से की जा रही तैयारियों से वह संतुष्ट नहीं हैं. तालाब में मूर्ति विसर्जन के दौरान प्रतिमाओं से बने कीचड़ को अभी तक नहीं निकला गया है. तालाब में केमिकल भरा हुआ है. इसमें जाने से उन्हें कई प्रकार के चर्म रोगों की समस्या से जूझना पड़ेगा.
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