नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बुधवार को आयोग की एक टीम के साथ कुछ शौचालयों का निरीक्षण किया. लगभग 9 बजे आयोग की टीम गोकुल पुरी में संजय कॉलोनी झुग्गी के एमसीडी शौचालय पहुंची. वह शौचालय की गंदी और दयनीय स्थिति को देखकर अचंभित रह गई. वहां शौचालय में कोई देखभाल करने वाला मौजूद नहीं था. वह जगह इतनी गंदी थी कि कोई भी शौचालय के अंदर नहीं जा सकता था. शौचालयों की अस्वच्छ स्थिति के कारण कई महिलाओं और लड़कियों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि शौचालय परिसर में मलमूत्र पड़ा था. परिसर में दुर्गंध की वजह से स्वाति मालीवाल को उल्टी आ रही थी और टीम के कुछ सदस्यों को उल्टी आ गई.
क्षेत्र के निवासियों ने आयोग को सूचित किया कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद शौचालय परिसर को साफ करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो इलाके में बीमारी और परेशानी का अड्डा बन गया है. उन्होंने यह भी कहा कि असामाजिक तत्व रात के समय शौचालय के पास इकट्ठा हो जाते हैं, जिससे महिलाओं और लड़कियों के लिए जगह असुरक्षित हो जाती है.
इसके बाद स्वाति मालीवाल ने DUSIB शौचालय का निरीक्षण किया. वहां आयोग ने देखा कि पुरुष केयरटेकर महिला शौचालय क्षेत्र के अंदर था, जबकि कई शौचालयों में दरवाजे नहीं थे. इस वजह से महिलाओं और लड़कियों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था. इसके बाद आयोग ने दिल्ली के कल्याणपुरी और त्रिलोकपुरी इलाके के शौचालयों का दौरा किया. वहां यह देखा गया कि शौचालय परिसर दयनीय स्थिति में थे और शौचालय में दरवाजा नहीं था.
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सार्वजनिक शौचालयों की गंदी और असुरक्षित स्थिति को देखकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष हैरान रह गईं. उन्होंने मौके पर अधिकारियों को बुलाकर फटकार लगाई और निरीक्षण के दौरान शौचालयों की सफाई सुनिश्चित करवाई. इसके अलावा उन्होंने एमसीडी और डूसिब के वरिष्ठ अधिकारियों और सार्वजनिक शौचालयों में पूरी तरह से गंदी और असुरक्षित स्थितियों के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने के लिए अफसरों को तलब किया है.
स्वाति मालीवाल ने कहा, "मैं दिल्ली में सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति से निराश हूं. इन शौचालयों में खुले में पड़ी गंदगी बता रही है कि इनकी महीनों से सफाई नहीं हुई है. इसके अलावा, उनमें से कई में दरवाजे और प्रकाश की व्यवस्था नहीं हैं और वे असामाजिक गतिविधियों के लिए एक केंद्र बन गए हैं, जिससे महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंता पैदा होती है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. हमने इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को समन जारी किया है और मामले में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.
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