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36 घंटे बाद मिली रविंद्र की लाश, बवाना नहर में दोस्तों संग गया था नहाने - body found in Bawana Canal after 36 hours

रविंदर सोमवार शाम को अपने दोस्तों के साथ बवाना नहर में खेड़ा पुल के पास नहाने के लिए आया था. पुरानी नहर में सब दोस्त नहा रहे थे. उसी दौरान रविंद्र का पांव फिसल गया और वो नहर में डूब गया.

बवाना नहर में लाश
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Published : Oct 23, 2019, 6:30 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 6:58 PM IST

नई दिल्ली: 36 घंटे बाद बवाना नहर में डूबे रविंद्र का शव मिल गया है. 36 घंटे से रविंद्र के शव को गोताखोर और दिल्ली दमकल विभाग के कर्मचारी नहर में लगातार तलाश रहे थे, साथ में नहर किनारे पुलिस भी मौजूद थी. बावजूद इसके रविंद्र का शव नहीं मिल रहा था.

36 घंटे बाद नहर में मिली रविंद्र की लाश

सोमवार से जारी था सर्च अभियान

बीते सोमवार शाम को सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. जिसके बाद मंगलवार को पूरे दिन नहर के अंदर करीब 5 से 6 किलोमीटर की दूरी तक गोताखोरों ने गोते लगाए, कई बार बोट से जाल डालकर भी नहर में सर्चिंग की गई, लेकिन रविंद्र का शव नहीं मिला.

पैर फिसलने से नहर में डूब गया था रविंद्र
रविंदर सोमवार शाम को अपने चार दोस्तों के साथ बवाना नहर में खेड़ा पुल के पास नहाने के लिए आया था. पुरानी नहर में सब दोस्त नहा रहे थे. उसी दौरान रविंद्र का पांव फिसल गया. परिजनों के मुताबिक रविंदर को तैरना नहीं आता था और वो नहर में बह गया. इसके बाद तुरंत पुलिस, दमकल विभाग और परिजनों को सूचना दी गई थी. नहर में शव ढूंढने वाले गोताखोरों का कहना था कि 24 घंटे के बाद अक्सर शव फूल कर पानी के ऊपर आते हैं. उससे पहले चलती हुई नहर में शव मुश्किल ही मिल पाते हैं.

कई किलोमीटर दूर नहर के छोर पर मिला शव
आखिरकार 36 घंटे बाद करीब 5 से 7 किलोमीटर दूर जाकर हैदरपुर प्लांट के पास जहां नहर का अंतिम छोर है और वहां पर जाल में फंसा हुआ रविंद्र का शव मिला. रविंद्र के शव को गोताखोरों ने पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल की मोर्चरी में भिजवा दिया है और पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंपा जाएगा.

अक्सर होती है ऐसी घटनाएं
फिलहाल परिवार में गम का माहौल है, रविंद्र की दो छोटी-छोटी बेटियां भी है. इस नहर में डूबने की ये कोई पहली घटना नहीं है, अक्सर इस तरह की घटना होना आम बात हो गई है.

नई दिल्ली: 36 घंटे बाद बवाना नहर में डूबे रविंद्र का शव मिल गया है. 36 घंटे से रविंद्र के शव को गोताखोर और दिल्ली दमकल विभाग के कर्मचारी नहर में लगातार तलाश रहे थे, साथ में नहर किनारे पुलिस भी मौजूद थी. बावजूद इसके रविंद्र का शव नहीं मिल रहा था.

36 घंटे बाद नहर में मिली रविंद्र की लाश

सोमवार से जारी था सर्च अभियान

बीते सोमवार शाम को सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. जिसके बाद मंगलवार को पूरे दिन नहर के अंदर करीब 5 से 6 किलोमीटर की दूरी तक गोताखोरों ने गोते लगाए, कई बार बोट से जाल डालकर भी नहर में सर्चिंग की गई, लेकिन रविंद्र का शव नहीं मिला.

पैर फिसलने से नहर में डूब गया था रविंद्र
रविंदर सोमवार शाम को अपने चार दोस्तों के साथ बवाना नहर में खेड़ा पुल के पास नहाने के लिए आया था. पुरानी नहर में सब दोस्त नहा रहे थे. उसी दौरान रविंद्र का पांव फिसल गया. परिजनों के मुताबिक रविंदर को तैरना नहीं आता था और वो नहर में बह गया. इसके बाद तुरंत पुलिस, दमकल विभाग और परिजनों को सूचना दी गई थी. नहर में शव ढूंढने वाले गोताखोरों का कहना था कि 24 घंटे के बाद अक्सर शव फूल कर पानी के ऊपर आते हैं. उससे पहले चलती हुई नहर में शव मुश्किल ही मिल पाते हैं.

कई किलोमीटर दूर नहर के छोर पर मिला शव
आखिरकार 36 घंटे बाद करीब 5 से 7 किलोमीटर दूर जाकर हैदरपुर प्लांट के पास जहां नहर का अंतिम छोर है और वहां पर जाल में फंसा हुआ रविंद्र का शव मिला. रविंद्र के शव को गोताखोरों ने पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल की मोर्चरी में भिजवा दिया है और पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंपा जाएगा.

अक्सर होती है ऐसी घटनाएं
फिलहाल परिवार में गम का माहौल है, रविंद्र की दो छोटी-छोटी बेटियां भी है. इस नहर में डूबने की ये कोई पहली घटना नहीं है, अक्सर इस तरह की घटना होना आम बात हो गई है.

Intro:dl_Northwest delhi,

Location - bawana canal...

बाईट -- परिजन और गोताखोर ।

स्टोरी--- 36 घंटे बाद मिला बवाना नहर में डूबे रविंद्र का शव । 36 घंटे से रविंद्र के शव को गोताखोर और दिल्ली दमकल विभाग के कर्मचारी नहर में लगातार तलाश रहे थे, साथ में नहर किनारे पुलिस भी मौजूद थी । बावजूद उसके रविंद्र का शव नहीं मिल रहा था । बीते सोमवार शाम को सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया उसके बाद मंगलवार को पूरे दिन नहर के अंदर करीब 5 से 6 किलोमीटर की दूरी तक गोताखोरों ने गोते लगाए, कई बार वोट से जाल डालकर भी नहर में सर्चिंग की गई लेकिन रविंद्र का शव नहीं मिला ।

Body:नहर में शव ढूंढने वाले गोताखोरों का भी यही कहना था कि 24 घंटे के बाद अक्सर फूल कर पानी के ऊपर आते हैं, उससे पहले चलती हुई नहर में शव मुश्किल ही मिल पाते हैं । रविंदर सोमवार शाम को अपने चार दोस्तों के साथ बवाना नहर में खेड़ा पुल के पास नहाने के लिए आया था । पुरानी नहर में यह सब नहा रहे थे उसी दौरान रविंद्र का पांव फिसल गया । परिजनों ने अनुसार रविंदर को तैरना नहीं आता था और वह नहर में बह गया । इसके बाद तुरंत पुलिस दमकल विभाग और परिजनों को सूचना दी गई थी ।

सोमवार शाम से ही सर्च ऑपरेशन जारी था, आज 36 घंटे बाद करीब 5 से 7 किलोमीटर दूर जाकर हैदरपुर प्लांट के पास जहां नहर का अंतिम छोर है और वहां पर जाल में फंस हुआ रविंद्र का शव मिला । फिलहाल रविंद्र के शव को गोताखोरों ने पानी से निकाल कर पुलिस को सौंप दिया ।पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल की मोर्चरी में भिजवा दिया है और पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंपा जाएगा ।

Conclusion:फिलहाल परिवार में गम का माहौल है रविंद्र की दो छोटी-छोटी बेटियां भी है । जरूरत है इस नहर पर सावधानी बरतें, नहर के किनारे बैठने और नहाने से परहेज ही करें तो बेहतर है । क्योंकि यह पहली घटना नहीं इस नहर में अक्सर इस तरह की घटना होना आम बात है ।
Last Updated : Oct 23, 2019, 6:58 PM IST
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