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बुराड़ी में मकान में आग लगने पर 12 साल के बच्चे की मौत - 12 साल के बच्चे की मौत

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बीती रात एक मकान में आग लग गई, जिसमें झुलसकर 12 साल के एक बच्चे की मौत हो गई. दमकल विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

12 year old child dies
12 साल के बच्चे की मौत
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Published : Nov 6, 2021, 3:01 PM IST

नई दिल्ली: बुराड़ी इलाके में बीती रात एक मकान में आग लगने से 12 साल के बच्चे की मौत हो गई. घटना करीब नौ बजे की है. मृतक बच्चे की तबीयत खराब थी और वह घर में सोया हुआ था. अचानक ऊपरी मंजिल के कमरे में आग लगी और आग ने विकराल रूप ले लिया, जिससे आग में झुलस कर बच्चे की मौत हो गई. घटना की सूचना स्थानीय पुलिस व दमकल विभाग को दी गई. दमकल की गाड़ियां पहुंचने से पहले ही इलाके के लोगों ने आग पर काबू पाया. मृतक बच्चे का पिता दिहाड़ी मजदूरी कर अपने बच्चों का भरण पोषण करता है.

मृतक बच्चे की मां ने अपने परिवार की मंगल कामना के लिए घर में जोत लगाई और वहीं जोत बच्चे की मौत का कारण बन गई. पूरी घटना बीते शाम की है. पुनीत की तबीयत खराब थी और वह घर में ऊपरी मंजिल पर सोया हुआ था. उसी कमरे में लकड़ी का एक छोटा सा मंदिर भी दीवार पर टंगा हुआ था. अचानक से लकड़ी के मंदिर में आग लगी और देखते ही देखते आग पूरे कमरे में फैल गई. दम घुटने से बच्चा बेहोश हो गया और आग में जलकर बच्चे की मौत हो गई.

12 साल के बच्चे की मौत.

ये भी पढ़ें: जहांगीरपुरी इलाके में एक घंटे के भीतर दो हत्याएं, इलाके में हड़कंप

जानकारी के मुताबिक, हादसे के वक्त बच्चे की मां पड़ोस में रहने वाली अपनी मां के घर गई हुई थी और बच्चे का पिता ग्राउंड फ्लोर पर था. जैसे ही घर से आग की लपटें बाहर निकलने लगी, पड़ोसियों ने बच्चे के पिता को बताया और आग बुझाने की कोशिश की तब तक आग पूरे घर में फैल चुकी थी. घटना की सूचना दमकल और पुलिस विभाग को दी गई दमकल की गाड़ियां भी आग बुझाने के लिए आईं लेकिन दमकल कर्मी भी लाचार थे. गलियां संकरी होने के चलते गाड़ी घटनास्थल से करीब 400 मीटर की दूरी पर खड़ी रही और पड़ोस के लोगों ने आग पर पूरी तरह से काबू पाया.

ये भी पढ़ें: बदरपुर: बीच बचाव में पुलिसकर्मी को लगी गोली, अस्पताल में भर्ती

इलाके के लोगों ने बताया कि वह सब गली में बैठे हुए थे और अचानक घर से धुआं निकलने लगा. पता चला कि 12 साल का बच्चा कमरे में सोया हुआ था उसकी तबीयत खराब थी. बच्चे का पिता राजेश देहाड़ी मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पालता है. पुनीत परिवार में दूसरे नंबर का बेटा था, जिसकी दर्दनाक हादसे में मौत हो गई. इस परिवार के लिए यह खुशियां मातम में बदल गईं और अब परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है और बच्चे की मां हादसे के बाद से बेसुध पड़ी हुई है.

ये भी पढ़ें: ट्रक सहित 45 लाख का बासमती चावल ले गए चोर, चालक निकला मास्टरमाइंड

इलाके के लोगों ने बताया कि बुराड़ी क्षेत्र में दमकल केंद्र नहीं हैं कई बार आगजनी की घटना होती है तो गाड़ियां जहांगीरपुरी, नरेला व रूप नगर से आती है. बुराड़ी की इस घटना के बाद यहां के लोगों ने सरकार से मांग की है कि बुराड़ी इलाके में भी एक दमकल केंद्र बनाया जाए ताकि भविष्य में होने वाले आगजनी की घटनाओं को टाला जा सके.

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नई दिल्ली: बुराड़ी इलाके में बीती रात एक मकान में आग लगने से 12 साल के बच्चे की मौत हो गई. घटना करीब नौ बजे की है. मृतक बच्चे की तबीयत खराब थी और वह घर में सोया हुआ था. अचानक ऊपरी मंजिल के कमरे में आग लगी और आग ने विकराल रूप ले लिया, जिससे आग में झुलस कर बच्चे की मौत हो गई. घटना की सूचना स्थानीय पुलिस व दमकल विभाग को दी गई. दमकल की गाड़ियां पहुंचने से पहले ही इलाके के लोगों ने आग पर काबू पाया. मृतक बच्चे का पिता दिहाड़ी मजदूरी कर अपने बच्चों का भरण पोषण करता है.

मृतक बच्चे की मां ने अपने परिवार की मंगल कामना के लिए घर में जोत लगाई और वहीं जोत बच्चे की मौत का कारण बन गई. पूरी घटना बीते शाम की है. पुनीत की तबीयत खराब थी और वह घर में ऊपरी मंजिल पर सोया हुआ था. उसी कमरे में लकड़ी का एक छोटा सा मंदिर भी दीवार पर टंगा हुआ था. अचानक से लकड़ी के मंदिर में आग लगी और देखते ही देखते आग पूरे कमरे में फैल गई. दम घुटने से बच्चा बेहोश हो गया और आग में जलकर बच्चे की मौत हो गई.

12 साल के बच्चे की मौत.

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जानकारी के मुताबिक, हादसे के वक्त बच्चे की मां पड़ोस में रहने वाली अपनी मां के घर गई हुई थी और बच्चे का पिता ग्राउंड फ्लोर पर था. जैसे ही घर से आग की लपटें बाहर निकलने लगी, पड़ोसियों ने बच्चे के पिता को बताया और आग बुझाने की कोशिश की तब तक आग पूरे घर में फैल चुकी थी. घटना की सूचना दमकल और पुलिस विभाग को दी गई दमकल की गाड़ियां भी आग बुझाने के लिए आईं लेकिन दमकल कर्मी भी लाचार थे. गलियां संकरी होने के चलते गाड़ी घटनास्थल से करीब 400 मीटर की दूरी पर खड़ी रही और पड़ोस के लोगों ने आग पर पूरी तरह से काबू पाया.

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इलाके के लोगों ने बताया कि वह सब गली में बैठे हुए थे और अचानक घर से धुआं निकलने लगा. पता चला कि 12 साल का बच्चा कमरे में सोया हुआ था उसकी तबीयत खराब थी. बच्चे का पिता राजेश देहाड़ी मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पालता है. पुनीत परिवार में दूसरे नंबर का बेटा था, जिसकी दर्दनाक हादसे में मौत हो गई. इस परिवार के लिए यह खुशियां मातम में बदल गईं और अब परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है और बच्चे की मां हादसे के बाद से बेसुध पड़ी हुई है.

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इलाके के लोगों ने बताया कि बुराड़ी क्षेत्र में दमकल केंद्र नहीं हैं कई बार आगजनी की घटना होती है तो गाड़ियां जहांगीरपुरी, नरेला व रूप नगर से आती है. बुराड़ी की इस घटना के बाद यहां के लोगों ने सरकार से मांग की है कि बुराड़ी इलाके में भी एक दमकल केंद्र बनाया जाए ताकि भविष्य में होने वाले आगजनी की घटनाओं को टाला जा सके.

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