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Delhi Riots: गवाही के दौरान आरोपियों को नहीं पहचान पाया पीड़ित, अगली सुनवाई 23 मई को - Delhi Riots 2020

दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में सोमवार को दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले की सुनवाई हुई. यह सुनवाई सोनू व अन्य से जुड़े मामले में थी. इसमें दिल्ली दंगे के पीड़ित ऑटो चालक मोहशीन को गवाह के रूप में बुलाया गया था. वहीं सुनवाई के दौरान गवाह आरोपियों को पहचना नहीं पाया. इस मामले की अगली सुनवाई 23 मई निर्धारित की गई है.

Delhi Riots
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Published : May 22, 2023, 8:12 PM IST

नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट में सोमवार को दिल्ली दंगों से जुड़े करावल नगर थाने के एक मामले की सुनवाई हुई. सोनू व अन्य से जुड़े मामले में गवाही के लिए मोहशीन को बुलाया गया था. गवाह से सबसे पहले कड़कड़डूमा नार्थ ईस्ट कोर्ट के अतरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल ने सवाल पूछना शुरू किया. कोर्ट ने उससे पूछा दंगे के उस दिन कहां थे और क्या कर रहे थे? गवाह ने बताया कि वह पहले दर्जी का काम करता था. मगर उसके कुछ दिन बाद उसने दिल्ली में ऑटो रिक्शा चलाना शुरू कर दिया था. दिल्ली दंगे के उस वक़्त जामा मस्जिद के करीब वाले रोड पर था. तभी दोपहर 12 बजे के करीब किसी सलमान का फ़ोन कॉल आया और उसने सूचना दी कि दिल्ली में अचानक से दंगे भड़क गए हैं, इसलिए तुम तुरंत अपने लोनी वाले निवास स्थान की तरफ लौट आओ.

गवाह ने बताया कि जब वो शास्त्री पार्क पुश्ता की ओर पहुंचा तभी दो बुजुर्ग लोगों ने ऑटो रिक्शा को रोका और पूछा कि तुम कहां तक जा रहे हो? सवारी वाले लोगों ने बोला कि वो उन्हें भी बीच रास्ते तक कही छोड़ दे. उन्हें छोड़कर नानकसर गुरुद्वारे वाले रास्ते से पुस्ते की ओर से जा रहा था, तभी अपनी सुरक्षा के लिए अपने ऑटो रिक्शा में स्कूल के कुछ बच्चों को सवारी रूप में बैठा लिया. जब वो उनको पुस्ता वाले रास्ते से लेकर जा रहा था, तभी 50 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने रास्ता रोक लिया और उससे उसका नाम पूछाकर उसे पीटना शुरू कर दिया.

कोर्ट ने गवाह से पूछा कि तुम्हारा और क्या समान उस भीड़ ने छीना था? गवाह ने कहा कि मेरा मोबाइल और पैसे कुछ नहीं छीना गया. पिटाई से मैं बेहोश सा हो गया था, लेकिन भीड़ में से ही किसी ने मेरा मुंह धुलाया और मुझे लोनी वाले रास्ते की ओर छोड़ आया. गवाह ने कोर्ट को बताया कि भीड़ के लोगों ने मेरे सामने ही मेरा ऑटो रिक्शा जला दिया. कोर्ट के पूछने पर गवाह ने बताया कि मैं भीड़ में से किसी को नहीं पहचानता और ना ही किसी को पहले से जानता था.

इसे भी पढ़ें: Rumors of Bombs in School: हाईकोर्ट ने स्कूलों में बम होने की अफवाह मामले में पुलिस से मांगा जवाब

बचाव पक्ष के वकील ने गवाह से पूछा कि क्या तुम उस ऑटो रिक्शा का नंबर जानते हो, जिसको तुम चला रहे थे? गवाह ने पूरा नंबर नहीं बता पाया. बचाव पक्ष के वकील के पूछने पर गवाह ने बताया कि उसने इस मामले की शिकायत पुलिस थाने में भी की थी. कोर्ट ने गवाह से पूछा कि जो व्यक्ति इस समय कोर्ट में मौजूद है क्या तुम इसको पहचानते हो? तो गवाह ने उसको पहचानने से इंकार कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई कल 23 मई निर्धारित की गई है.

इसे भी पढ़ें: LG met President: दिल्ली के उपराज्यपाल ने की राष्ट्रपति से मुलाकात, नए अध्यादेश को लागू करने पर चर्चा

नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट में सोमवार को दिल्ली दंगों से जुड़े करावल नगर थाने के एक मामले की सुनवाई हुई. सोनू व अन्य से जुड़े मामले में गवाही के लिए मोहशीन को बुलाया गया था. गवाह से सबसे पहले कड़कड़डूमा नार्थ ईस्ट कोर्ट के अतरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल ने सवाल पूछना शुरू किया. कोर्ट ने उससे पूछा दंगे के उस दिन कहां थे और क्या कर रहे थे? गवाह ने बताया कि वह पहले दर्जी का काम करता था. मगर उसके कुछ दिन बाद उसने दिल्ली में ऑटो रिक्शा चलाना शुरू कर दिया था. दिल्ली दंगे के उस वक़्त जामा मस्जिद के करीब वाले रोड पर था. तभी दोपहर 12 बजे के करीब किसी सलमान का फ़ोन कॉल आया और उसने सूचना दी कि दिल्ली में अचानक से दंगे भड़क गए हैं, इसलिए तुम तुरंत अपने लोनी वाले निवास स्थान की तरफ लौट आओ.

गवाह ने बताया कि जब वो शास्त्री पार्क पुश्ता की ओर पहुंचा तभी दो बुजुर्ग लोगों ने ऑटो रिक्शा को रोका और पूछा कि तुम कहां तक जा रहे हो? सवारी वाले लोगों ने बोला कि वो उन्हें भी बीच रास्ते तक कही छोड़ दे. उन्हें छोड़कर नानकसर गुरुद्वारे वाले रास्ते से पुस्ते की ओर से जा रहा था, तभी अपनी सुरक्षा के लिए अपने ऑटो रिक्शा में स्कूल के कुछ बच्चों को सवारी रूप में बैठा लिया. जब वो उनको पुस्ता वाले रास्ते से लेकर जा रहा था, तभी 50 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने रास्ता रोक लिया और उससे उसका नाम पूछाकर उसे पीटना शुरू कर दिया.

कोर्ट ने गवाह से पूछा कि तुम्हारा और क्या समान उस भीड़ ने छीना था? गवाह ने कहा कि मेरा मोबाइल और पैसे कुछ नहीं छीना गया. पिटाई से मैं बेहोश सा हो गया था, लेकिन भीड़ में से ही किसी ने मेरा मुंह धुलाया और मुझे लोनी वाले रास्ते की ओर छोड़ आया. गवाह ने कोर्ट को बताया कि भीड़ के लोगों ने मेरे सामने ही मेरा ऑटो रिक्शा जला दिया. कोर्ट के पूछने पर गवाह ने बताया कि मैं भीड़ में से किसी को नहीं पहचानता और ना ही किसी को पहले से जानता था.

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बचाव पक्ष के वकील ने गवाह से पूछा कि क्या तुम उस ऑटो रिक्शा का नंबर जानते हो, जिसको तुम चला रहे थे? गवाह ने पूरा नंबर नहीं बता पाया. बचाव पक्ष के वकील के पूछने पर गवाह ने बताया कि उसने इस मामले की शिकायत पुलिस थाने में भी की थी. कोर्ट ने गवाह से पूछा कि जो व्यक्ति इस समय कोर्ट में मौजूद है क्या तुम इसको पहचानते हो? तो गवाह ने उसको पहचानने से इंकार कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई कल 23 मई निर्धारित की गई है.

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