नई दिल्ली: हेल्थ यूनिटी ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से यौमे आशूरा के मौके पर उलेमाओं की एक बैठक का आयोजन सीलमपुर इलाके में किया गया. इस मीटिंग में उलेमाओं में ना सिर्फ यौमे आशूरा की फजीलत (महत्ता) बयान की गई बल्कि मोहर्रम के दिन को सौग के बजाए साल के अहम महीनों में शामिल बताया, और मोहर्रम की 9 और 10 सितंबर को रोजा रखने को अफजल बताया. उलेमाओं ने कहा कि यौमे आशूरा के मौके पर गरीब मिस्कीन और जरूरतमंदों के साथ अपनों को भी खाना खिलाना चाहिए.
10 मोहर्रम की फजीलत पर डाला प्रकाश
उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर मार्केट में स्थित इमाम बाड़े वाली गली में हेल्थ यूनिटी ऑर्गनाइजेशन के चेयरमैन एस.करीम के निवास स्थान पर यौमे आशूरा के मौके पर उलेमाओं के एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसकी अध्यक्षता कश्मीरी गेट स्थित मदरसा अब्दुर रब के पूर्व शेखुल हदीस मौलाना इफ्तेखार हुसैन अहमद मदनी ने की तथा संचालन एस.करीम ने किया. इस कार्यक्रम में मौजूद सभी उलेमाओं ने यौमे आशूरा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इस दिन यानी 10 मोहर्रम की फजीलत बयान की.
इस मौके पर मौलाना इफ्तिखार हुसैन मदनी ने समेत अन्य उलेमाओं ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि आखिर क्या सोचकर लोग मोहर्रम उल हरम के महीने में किसी भी तरह के शादी और अन्य खुशी के आयोजनों से मनाही कर देते हैं, जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है. यौमे आशूरा के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से मदरसा बैतूल उलूम से मौलाना जमशेद कासमी, मोहम्मदी मस्जिद के इमाम मुफ्ती शाहबाज कासमी, मदरसा मिस्बाह उल कुरान के अध्यापक मुफ्ती जुबैर कासमी, मेहमुदिया स्कूल के प्रिंसिपल हाफिज शकील, डॉ. मौहम्मद अनस ने मोहर्रम की फजीलत मौजूद लोगों से बयान की.
सरकार के दिशा-निर्देशों का हुआ पालन
कार्यक्रम के अंत में मौलाना इफ्तेखार ने दुनिया से इस महामारी के खत्म होने और सभी लोगों को इस बीमारी से महफूज रखने के लिए ऊपरवाले से दुआ भी कराई. यौमे आशूरा के इस कार्यक्रम के दौरान महामारी कोरोना से बचाव और सरकार के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया गया, सभी लोग न केवल मास्क लगाए हुए थे, बल्कि यहां पहुंचने वाले सभी लोगों के हाथों को सैनिटाइज भी किया जा रहा था.