नई दिल्ली: 1 नवंबर को करवा चौथ मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. करवा चौथ में श्रृंगार में आभूषण के तौर पर ज्यादातर गोल्ड, सिल्वर और मेटल के कई डिजाइनर आभूषण बाजार में हैं, लेकिन इस बार टेरेकोटा से बने आकर्षक आभूषणों का भी बेहतर विकल्प है. ग्वालियर से आए हरीश धवन ने 'ETV भारत' को बताया कि उनके पास मिट्टी से बने ऐसे आकर्षक आभूषण हैं, जिनकी डिमांड करवा चौथ के दिनों में बढ़ गई हैं. महिलाएं इन आभूषणों को करवा चौथ के दिन पहनने और गिफ्ट करने के लिए खरीद रही है.
उन्होंने बताया कि यह आभूषण दो तरह की मिट्टी से बने हैं, जिनमें किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. यह पूरी तरह से नैचुरल है. उनके पास जितनी भी ज्वेलरी हैं सभी को टेराकोटा की मिट्टी से बनाया गया है. इसकी कीमत 750 रुपए से लेकर 5000 रुपए है.
काली और लाल मिट्टी से बनाई गई ज्वेलरीः उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति में पशु पक्षियों को भी आभूषणों से सजाया जाता है. मिट्टी से बने ये आभूषण बेहद आकर्षक हैं. इनको ग्वालियर की शहरीय जनजाति की पद्धति से तैयार किया गया है. इसमें दो विशेष मिट्टियों का इस्तेमाल किया गया है, जो काली और लाल मिट्टी हैं.
इस ज्वेलरी की खासियत है कि इसमें किसी भी तरह के डाई या मोल्ड का इस्तेमाल नहीं किया गया है. यह पूरी तरह से हाथ से निर्मित मिट्टी की ज्वेलरी है. 7 वर्षों तक सेहरिए जनजाति के लोगों के साथ रहकर इस कला को सीखा है. इसके अलावा उन्होंने नेशनल ऑफ डिप्लोमा फाइन आर्ट और स्क्ल्पचर्स से किया. साथ ही निफ्ट से क्रिएटिव क्राफ्ट का कोर्स भी किया है.
विदेशों में भी इन आभूषणों की बहुत डिमांडः इस बार खास है कि दिल्ली की महिलाओं ने करवा चौथ के लिए मिट्टी से निर्मित आभूषणों का चयन किया है. हरीश ने बताया कि एक माला ऐसी है, जो देखने में बिल्कुल रुद्राक्ष की तरह है लेकिन उनको भी लाल मिट्टी से बनाया गया है. उन्होंने बताया कि वो 1969 मिट्टी के आभूषण बना रहे हैं, यह उनका पुस्तैनी काम है. उनसे पहले उनके पिता भी मिट्टी के आभूषण बनाया करते थे. देशभर में इनकी बिक्री के अलावा विदेश में भी अपने इन आभूषणों को सेल किया है.
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