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करोड़ों की लागत से बना शॉपिंग कॉम्प्लेक्स शुरू होने से पहले ही बना खंडहर

डीडीए के अधिकारी इस कॉप्लेक्स में मौजूद दुकानों को न तो सेल कर रहे हैं और न ही उन्हें किराए पर दिया जा रहा है. इस कॉम्प्लेक्स का किसी भी तरह का कोई रखरखाव नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते इस कॉम्प्लेक्स की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है.

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Published : Apr 14, 2019, 9:11 AM IST

खंडहर में तब्दील हो रहा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के यमुना विहार बी-ब्लॉक में करोड़ों की लागत से बना डीडीए का कमर्शियल कंपलेक्स फिलहाल धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है. प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

दरअसल डीडीए के अधिकारी इस कॉप्लेक्स में मौजूद दुकानों को न तो सेल कर रहे हैं और न ही उन्हें किराए पर दिया जा रहा है. इस कॉम्प्लेक्स का किसी भी तरह का कोई रखरखाव नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते इस कॉम्प्लेक्स की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि जल्द से जल्द अधिकारियों और नेताओं ने इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया तो यह आने वाले दिनों में महज खंडहर बनकर ही रह जाएगा. इसमें असमाजिक तत्व अपना डेरा जमा लेंगे.

'कंपलेक्स की दुकानों को नहीं कर रहे सेल'
इस कमर्शियल कंपलेक्स को तैयार हुए 2 साल गुजर गए हैं, लेकिन आज तक डीडीए न तो इस कमर्शियल कंपलेक्स की दुकानों को सेल कर पा रहा है और न ही यहां किसी भी तरह की दुकानें और ऑफिस किराए पर दिए गए हैं,जिसके चलते यह कॉम्प्लेक्स धीरे धीरे दुर्दशा का शिकार हो रहा है.

खंडहर में तब्दील हो रहा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स

डीडीए से कई बार कर चुके हैं इसकी शिकायत
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि इस शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण डीडीए ने स्थानीय नागरिकों को सुविधा देने के लिए कराया था. डेढ़ करोड़ से ज्यादा की लागत लगाने के बावजूद भी इसका कुछ नहीं हुआ. इसे लेकर कई बार डीडीए के अधिकारियों से इसकी शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद किसी के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है.

दर्जनभर दुकानें और हॉल, पर अलॉटमेंट नहीं
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कॉम्पेक्स में दुकानों का एलॉटमेंट ना होने के चलते वो इलाके के लोगों के काम नहीं आ पाता. इस कमर्शियल कंपलेक्स में भी एक दर्जन दुकानों और दो बड़े हॉल मौजूद हैं. इसके अलावा इस कंपलेक्स में पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है. इसके बावजूद भी आज तक इस कांप्लेक्स में किसी भी तरह की दुकानों का अलॉटमेंट नहीं किए जाने से स्थानीय लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.

टूट गए हैं दुकानों के शटर और खिड़कियां
कहने को इस कमर्शियल कंपलेक्स के मेन गेट पर ताला लटका हुआ है लेकिन उसके बावजूद भी कांप्लेक्स के शीशे और खिड़कियां पूरी तरह से तोड़ दिए गए हैं. यहां तक कि अंदर बने दुकानों के शटर भी टूटे हुए हैं अंदर चारों तरफ गंदगी का आलम पसरा हुआ है.

दो सालों में काफी नुकसान
पिछले 2 साल में इस कॉप्लेक्स को लोगों ने काफी नुकसान पहुंचाया है. दुकानों में लगे रोशनदान और खिड़कियों के शीशे चकनाचूर कर दिए गए हैं. इसके अलावा कई दुकानों में लगे शटर को भी उखाड़ने की कोशिश की गई है. उधर विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दमकल विभाग से एनओसी नहीं मिलने की वजह से ये कॉम्प्लेक्स शुरू नहीं हो पा रहा है.

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के यमुना विहार बी-ब्लॉक में करोड़ों की लागत से बना डीडीए का कमर्शियल कंपलेक्स फिलहाल धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है. प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

दरअसल डीडीए के अधिकारी इस कॉप्लेक्स में मौजूद दुकानों को न तो सेल कर रहे हैं और न ही उन्हें किराए पर दिया जा रहा है. इस कॉम्प्लेक्स का किसी भी तरह का कोई रखरखाव नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते इस कॉम्प्लेक्स की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि जल्द से जल्द अधिकारियों और नेताओं ने इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया तो यह आने वाले दिनों में महज खंडहर बनकर ही रह जाएगा. इसमें असमाजिक तत्व अपना डेरा जमा लेंगे.

'कंपलेक्स की दुकानों को नहीं कर रहे सेल'
इस कमर्शियल कंपलेक्स को तैयार हुए 2 साल गुजर गए हैं, लेकिन आज तक डीडीए न तो इस कमर्शियल कंपलेक्स की दुकानों को सेल कर पा रहा है और न ही यहां किसी भी तरह की दुकानें और ऑफिस किराए पर दिए गए हैं,जिसके चलते यह कॉम्प्लेक्स धीरे धीरे दुर्दशा का शिकार हो रहा है.

खंडहर में तब्दील हो रहा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स

डीडीए से कई बार कर चुके हैं इसकी शिकायत
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि इस शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण डीडीए ने स्थानीय नागरिकों को सुविधा देने के लिए कराया था. डेढ़ करोड़ से ज्यादा की लागत लगाने के बावजूद भी इसका कुछ नहीं हुआ. इसे लेकर कई बार डीडीए के अधिकारियों से इसकी शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद किसी के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है.

दर्जनभर दुकानें और हॉल, पर अलॉटमेंट नहीं
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कॉम्पेक्स में दुकानों का एलॉटमेंट ना होने के चलते वो इलाके के लोगों के काम नहीं आ पाता. इस कमर्शियल कंपलेक्स में भी एक दर्जन दुकानों और दो बड़े हॉल मौजूद हैं. इसके अलावा इस कंपलेक्स में पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है. इसके बावजूद भी आज तक इस कांप्लेक्स में किसी भी तरह की दुकानों का अलॉटमेंट नहीं किए जाने से स्थानीय लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.

टूट गए हैं दुकानों के शटर और खिड़कियां
कहने को इस कमर्शियल कंपलेक्स के मेन गेट पर ताला लटका हुआ है लेकिन उसके बावजूद भी कांप्लेक्स के शीशे और खिड़कियां पूरी तरह से तोड़ दिए गए हैं. यहां तक कि अंदर बने दुकानों के शटर भी टूटे हुए हैं अंदर चारों तरफ गंदगी का आलम पसरा हुआ है.

दो सालों में काफी नुकसान
पिछले 2 साल में इस कॉप्लेक्स को लोगों ने काफी नुकसान पहुंचाया है. दुकानों में लगे रोशनदान और खिड़कियों के शीशे चकनाचूर कर दिए गए हैं. इसके अलावा कई दुकानों में लगे शटर को भी उखाड़ने की कोशिश की गई है. उधर विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दमकल विभाग से एनओसी नहीं मिलने की वजह से ये कॉम्प्लेक्स शुरू नहीं हो पा रहा है.

Intro:उत्तर पूर्वी दिल्ली के यमुना विहार बी ब्लॉक में करोड़ों की लागत से बना डीडीए का कमर्शियल कंपलेक्स फिलहाल धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है, दरअसल डीडीए के अधिकारी इस कॉप्लेक्स में मौजूद दुकानों को न तो सेल कर रहे हैं और न ही उन्हें किराए पर दिया जा रहा है, क्योंकि इस कॉम्प्लेक्स का किसी भी तरह का कोई रखरखाव नहीं किया जा रहा है जिसके चलते इस कॉम्प्लेक्स की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि जल्द जल्द के अधिकारियों और नेताओं ने इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया तो यह आने वाले दिनों में महज खंडहर बनकर ही रह जाएगा और यसमे असमाजिक तत्व अपना डेरा जमा लेंगे.


Body:यमुना विहार बी ब्लॉक के निवासियों के लिए डीडीए ने पिछले काफी साल पहले एक कमर्शियल कांप्लेक्स का निर्माण किया था हैरत की बात तो यह है कि इस कमर्शियल कंपलेक्स को तैयार हुए 2 साल गुजर गए हैं लेकिन आज तक डीडीए न तो इस कमर्शियल कंपलेक्स की दुकानों को सेल कर पा रहा है और न ही यहां किसी भी तरह की दुकानें और ऑफिस किराए पर दिए गए हैं,जिसके चलते यह कॉम्प्लेक्स धीरे धीरे दुर्दशा का शिकार हो रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है यदि जल्द से जल्द डीडीए के अफसरों ने इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया तो यह खंडहर में तब्दील हो जाएगा और इसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ेगा.

डीडीए से कई बार कर चुके हैं इसकी शिकायत
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि इस शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण डीडीए ने स्थानीय नागरिकों को सुविधा देने के लिए कराया था, डेढ़ करोड़ से ज्यादा की लागत लगाने के बावजूद भी इसका कुछ नहीं हुआ, इसे लेकर कई बार डीडीए के अधिकारियों से इसकी शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद किसी के कानों पर कोई जूं नहीं रेंग रही है जिसके कारण यह कॉम्प्लेक्स धीरे-धीरे खराब होता जा रहा है.

दर्जनभर दुकानें और हॉल, पर अलॉटमेंट नहीं
स्थानीय निवासियों का कहना है कि डीडीए के द्वारा लोगों को सुविधा देने के नाम पर इस तरह के शॉपिंग कंपलेक्स बना दिया जाते हैं लेकिन ठीक ढंग से रखरखाव और एलॉटमेंट नहीं होने के चलते वह इलाके के लोगों के काम नहीं आ पाता इस कमर्शियल कंपलेक्स में भी एक दर्जन दुकानों और दो बड़े हॉल मौजूद हैं इसके अलावा इस कंपलेक्स में पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है इसके बावजूद भी आज तक इस कांप्लेक्स में किसी भी तरह की दुकानों का अलॉटमेंट नहीं किए जाने से स्थानीय लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.

टूट गए हैं दुकानों के शटर और खिड़कियां
कहने को इस कमर्शियल कंपलेक्स के मेन गेट पर ताला लटका हुआ है लेकिन उसके बावजूद भी कांप्लेक्स के शीशे और खिड़कियां पूरी तरह से तोड़ दिए गए हैं यहां तक के अंदर बने दुकानों के शटर भी टूटे हुए हैं अंदर चारों तरफ गंदगी का आलम पसरा हुआ है. पिछले 2 साल में इस कॉप्लेक्स को लोगों ने काफी नुकसान पहुंचाया है, दुकानों में लगे रोशनदान और खिड़कियों के शीशे चकनाचूर कर दिए गए हैं इसके अलावा कई दुकानों में लगे शटर को भी उखाड़ने की कोशिश की गई है, उधर विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दमकल विभाग से एनओसी नहीं मिलने की वजह से यह कॉम्प्लेक्स शुरू नहीं हो पा रहा है.





Conclusion:बाईट 1
एसके शर्मा
प्रेजिडेंट,यमुना विहार एसोसिएशन

बाईट 2
डी.के. पांडेय
स्थानीय निवासी

बाईट 3
के.के. शर्मा
स्थानीय निवासी

बाईट 4
मौ.जमील
स्थानीय निवासी
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