नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर तमाम योजनाएं चलाई जाती हैं. कई जागरुकता अभियानों के जरिए यमुना तटों पर यमुना की सफाई को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जाता है. इसके बावजूद यमुना में सफाई नहीं हो पाती और यमुना के तट पर गंदगी के अंबार लगे रहते हैं. सरकारें यमुना नदी को स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती हैं, लेकिन यमुना का जल स्वच्छ नहीं हो पाता.
इसका कारण यमुना में गिरने वाले गंदे नाले हैं, जिसकी वजह से यमुना का जल प्रदूषित होता है और यमुना का पानी पीने योग्य नहीं हो पाता. यमुना को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से तमाम संस्थाएं आंदोलन भी करती रही हैं. इसी कड़ी में सेव इंडिया फाउंडेशन ने सुर घाट पर 24 घंटे का 'सुनो यमुना की पुकार' सत्याग्रह आंदोलन चलाया. इसमें भारी संख्या में सेव इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन चलाकर यमुना को स्वच्छ बनाने का संदेश दिया.
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सेव फाउंडेशन संस्था के अध्यक्ष प्रीत सिंह ने बताया कि नमामि गंगे के नाम पर 13 प्रोजेक्ट आए. उस पर भी दिल्ली सरकार ठीक तरीके से काम नहीं कर पा रही है, जिसके चलते यमुना की सफाई, यमुना के तटों का सौंदर्यकरण और यमुना में गिरने वाले गंदे नालों से यमुना का जल दूषित रहता है. दिल्ली वासियों को यमुना का स्वच्छ पानी पीने को नहीं मिलता है. इन्हीं मुद्दों को लेकर यह धरना प्रदर्शन और सत्याग्रह आंदोलन चलाया गया है.
साथ ही सिंह का यह भी कहना था कि दिल्ली में हो रहे खुलेआम धर्मांतरण को लेकर भी दिल्ली सरकार के खिलाफ यह सत्याग्रह आंदोलन चलाया जा रहा है. यदि दिल्ली सरकार यमुना को 1 महीने के अंदर स्वच्छ नहीं कर पाती है और दिल्ली वासियों को स्वच्छ यमुना का पीने का पानी नहीं मिलता है तो इस सत्याग्रह आंदोलन को आगे भी बढ़ाया जाएगा. आज इस सत्याग्रह आंदोलन को 24 घंटे के लिए रखा गया है. आगे इस आंदोलन को तेजी से बढ़ाया जाएगा.
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