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केजरीवाल थप्पड़कांड: मनोज तिवारी के खिलाफ दायर मानहानि मामले में फैसला सुरक्षित - ईटीवी

कोर्ट ने बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और हरीश खुराना के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में बतौर अभियुक्त समन जारी किया जाए या नहीं पर फैसला सुरक्षित रखा है.

केजरीवाल को थप्पड़ etv bharat
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Published : Aug 2, 2019, 10:49 PM IST

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ मारने के मामले में मानहानि केस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और हरीश खुराना के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में बतौर अभियुक्त समन जारी किया जाए या नहीं पर फैसला सुरक्षित रखा है. कोर्ट इस पर 16 अगस्त को फैसला सुनाएगी.

दर्ज किया सुशील चौहान का बयान
1 जुलाई को एक गवाह पवन चौहान ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था. पिछले 29 जून को कोर्ट ने याचिकाकर्ता और आम आदमी पार्टी के झुग्गी-झोपड़ी सेल के अध्यक्ष सुशील चौहान का बयान दर्ज किया था. पिछले 30 मई को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. याचिका में कहा गया है कि पिछले 4 मई को केजरीवाल पर हुए हमले के बाद मनोज तिवारी और हरीश खुराना ने प्रेस कांफ्रेंस और ट्विटर पर थप्पड़ मारने वाले को आम आदमी पार्टी का सदस्य बताया था.

'आम आदमी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश'
याचिका में कहा गया है कि ऐसा कर इन नेताओं ने आम आदमी पार्टी की छवि वोटर्स के बीच खराब करने की कोशिश की है. याचिका में मनोज तिवारी और हरीश खुराना के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस चलाने की मांग की है. बता दें कि पिछले 4 मई को पश्चिमी दिल्ली में रोड शो के दौरान अरविंद केजरीवाल को खुली जीप में सुरेश नामक एक व्यक्ति ने थप्पड़ मारा था. सुरेश फिलहाल जमानत पर बाहर है. इस मामले पर बीजेपी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे एक नाटक करार दिया था.

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ मारने के मामले में मानहानि केस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और हरीश खुराना के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में बतौर अभियुक्त समन जारी किया जाए या नहीं पर फैसला सुरक्षित रखा है. कोर्ट इस पर 16 अगस्त को फैसला सुनाएगी.

दर्ज किया सुशील चौहान का बयान
1 जुलाई को एक गवाह पवन चौहान ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था. पिछले 29 जून को कोर्ट ने याचिकाकर्ता और आम आदमी पार्टी के झुग्गी-झोपड़ी सेल के अध्यक्ष सुशील चौहान का बयान दर्ज किया था. पिछले 30 मई को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. याचिका में कहा गया है कि पिछले 4 मई को केजरीवाल पर हुए हमले के बाद मनोज तिवारी और हरीश खुराना ने प्रेस कांफ्रेंस और ट्विटर पर थप्पड़ मारने वाले को आम आदमी पार्टी का सदस्य बताया था.

'आम आदमी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश'
याचिका में कहा गया है कि ऐसा कर इन नेताओं ने आम आदमी पार्टी की छवि वोटर्स के बीच खराब करने की कोशिश की है. याचिका में मनोज तिवारी और हरीश खुराना के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस चलाने की मांग की है. बता दें कि पिछले 4 मई को पश्चिमी दिल्ली में रोड शो के दौरान अरविंद केजरीवाल को खुली जीप में सुरेश नामक एक व्यक्ति ने थप्पड़ मारा था. सुरेश फिलहाल जमानत पर बाहर है. इस मामले पर बीजेपी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे एक नाटक करार दिया था.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ मारने के मामले में बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और हरीश खुराना के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में बतौर अभियुक्त समन जारी किया जाए या नहीं इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट इस पर 16 अगस्त को फैसला सुनाएगा।



Body:1 जुलाई को एक गवाह पवन चौहान ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था । पिछले 29 जून को कोर्ट ने याचिकाकर्ता और आम आदमी पार्टी झुग्गी-झोपड़ी सेल के अध्यक्ष सुशील चौहान का बयान दर्ज किया था। पिछले 30 मई को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान ले लिया था।
याचिका में कहा गया है कि पिछले 4 मई को केजरीवाल पर हुए हमले के बाद मनोज तिवारी और हरीश खुराना ने प्रेस कांफ्रेंस और ट्विटर पर थप्पड़ मारनेवाले को आम आदमी पार्टी का सदस्य बताया। याचिका में कहा गया है कि ऐसा कर इन नेताओं ने आम आदमी पार्टी की छवि वोटर्स के बीच खराब करने की कोशिश की। याचिका में मनोज तिवारी और हरीश खुराना के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस चलाने की मांग की है।



Conclusion:आपको बता दें कि पिछले 4 मई को पश्चिमी दिल्ली में रोड शो के दौरान अरविंद केजरीवाल को खुली जीप में रोड शो के दौरान सुरेश नामक एक व्यक्ति ने थप्पड़ मारा। सुरेश फिलहाल जमानत पर बाहर है। इस मामले पर बीजेपी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे एक नाटक करार दिया था।
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