नई दिल्ली: कुरान की आयतों पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में याचिका लगाने वाले वसीम रिज़वी को एक बार फिर से कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी. सुप्रीम कोर्ट ने न केवल याचिका खारिज की बल्कि याचिकाकर्ता पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मुसलमानों ने खुशी का इजहार करते हुए इसे रिज़वी जैसे लोगों के लिए एक सबक बताया है.
वसीम रिज़वी की याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए चीफ काजी मुफ्ती मौ.ताहिर हुसैन ने खुशी का इजहार किया. साथ ही कोर्ट के इस फैसले का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा इंसाफ किया है. हमें देश की अदालतों और कानून पर पूरा भरोसा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह बहुत अच्छा किया है, हम इस फैसले का स्वागत करते हैं.
रिज़वी को सजा भी होनी चाहिए थी
दरअसल कुरान करीम की आयतों को निकालने का अधिकार किसी को नहीं है, यह हक किसी को भी नहीं है. वसीम रिज़वी ने इन आयतों को समझा नहीं है, जब वह किसी आलिम से मिलकर उन आयतों को समझेंगे तो उन्हें खुद यह मालूम हो जाएगा. उन्होंने कहा कि रिज़वी की याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बहुत अच्छा किया है. हम उसका स्वागत करते हैं. साथ ही उनका कहना है कि कोर्ट ने उन पर कम जुर्माना लगाया है और ज्यादा जुर्माना लगाना चाहिए था, ताकि कोई भी यह हिम्मत और जुर्रत न कर सके. उन पर ज्यादा से ज्यादा जुर्माना होना चाहिए था और उनको सजा भी होनी चाहिए थी.
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रिज़वी की हरकत का विरोध जताया था
सुप्रीम कोर्ट में वसीम रिज़वी की याचिका खारिज होने पर अमीरों यूथ ब्रिगेड के प्रेसिडेंट अब्दुल अमीर अमीरों ने कहा कि यकीनन अदालत ने यह बहुत अच्छा काम किया है. इस फैसले से मुसलमानों में बहुत खुशी का समय है. एक तरफ रिज़वी की याचिका खारिज हुई. वहीं निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज खोले जाने को लेकर भी मुसलमानों में दोहरी खुशी है. उन्होंने बताया कि टीम अमीरों ने रिज़वी की इस हरकत के खिलाफ पूरे क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान चलाकर रिज़वी की हरकत का विरोध जताया था, आज इस फैसले से हमें बहुत खुशी है.
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सरकारी नियमों का पालन करते हुए रमजान में करें इबादत
अब्दुल अमीर ने कहा कि कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में सभी सोशल डिस्तेंसिंग का पालन करते हुए सरकारी गाइडलाइंस को फॉलो करें. रमजान के दौरान इधर उधर समय खराब करने से बेहतर अपने घरों में रहकर इबादत करें और खुद को इस बीमारी से महफूज रखें.
मुसलमानों में खुशी का माहौल
वहीं रज़ा अकादमी मुंबई के चेयरमैन मौलाना नूरी ने कहा कि वसीम रिज़वी जैसे कितने आए कितने गए और कितने आएंगे और कितने जाएंगे. हमें बड़ी खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को न सिर्फ खारिज कर दिया बल्कि उस पर 50 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मुझे अकेले ही नहीं बल्कि वो सभी मुसलमानों में खुशी का माहौल है.