नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के ब्रहमपुरी की गलियों में पचास सालों से आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ रहने वाले हिंदू-मुस्लिम कुछ बाहरी तत्वों के जरिए इलाके का माहौल खराब करबे से खासे हैरान और परेशान हैं. घटना को कई दिन गुजरने के बाद हालात जरूर नियंत्रण में हैं, लेकिन आज भी यहां के हिंदू-मुस्लिम एकसाथ मिलकर रातों को पहरा दे रहे हैं. ताकि फिर कोई बाहरी अराजक तत्व गलियों में घुसकर किसी हरकत को अंजाम ना दे.
इलाके से हिंसा से सहमे निवासी
जानकारी के मुताबिक घोंडा चौक मौजपुर से कुछ दूरी पर ही मौजूद ब्रहमपुरी की ज्यादातर गालियां इधर ब्रहमपुरी मेन रोड तो दूसरी तरफ आरपार हैं. यहां की मुस्लिम बाहुल्य आबादी के साथ ही यहां बहुत सी गलियों में हिंदू परिवार भी सालों से रहते हैं और एक दूसरे के त्योहार भी मिलजुलकर मनाते हैं. कभी किसी के साथ किसी भी तरह का कोई मनमुटाव कहासुनी कभी नहीं हुई. गली नंबर-13 के पिछले हिस्से में भी कई हिंदू परिवार रहते हैं. इससे मिली एक गली से गुजरकर 17 नंबर गली और दूसरी गलियों में भी जाया जा सकता है.
इन गलियों में रहने वाले लोग कुछ दिन पहले मचे हंगामे पथराव की औचक हुई घटना से आज भी बुरी तरह से आहत हैं. किसी की समझ में ये बात नहीं आ रही कि आखिर उस दिन बाहरी तत्वों ने कैसे सालों से साथ रहने वाले हिंदू-मुसलमान के आपसी सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की.
साथ मिलकर दे रहे हैं पहरा
उस दिन हुए हंगामे को यहां के लोग आज भी भुला नहीं पाए हैं. रात में मचे हंगामे में घायल हुए एक युवक की हालत आरएमएल अस्पताल में आज भी गंभीर बनी है. कल ही उसके सिर का एक बड़ा ऑपरेशन हुआ है. डर दोनों पक्षों में इस कदर घर कर गया है कि आज दोनों समुदायों के लोग रातों को जागकर एकसाथ पहरा दे रहे हैं कहीं कोई बाहरी तत्व फिर से कोई हरकत ना कर दे.
मुस्लिम जिम्मेदारों ने उठाया हिंदू परिवारों को बचाने का बीड़ा
इन गलियों में सालों से एक साथ रहने वाले हिंदू मुसलमान उस रात के हंगामे से आज भी सकते में हैं. उस रात में भी इन गलियों के जिम्मेदार और नौजवानों ने ये बात साफ कर दी थी. चाहे कुछ भी हो जाये लेकिन, वो हिंदू परिवारों के घरों पर कोई आंच भी नहीं आने देंगे. इन लोगों ने बाहरी तत्वों का पूरा विरोध किया और सभी को यहां से बैरंग लौटने पर मजबूर कर दिया. इस दौरान कई नौजवान चोटिल भी हुए, लेकिन यहां के भाईचारे सद्भाव को बचाने में सफल हो गए. यही वजह है कि यहां के हिंदू परिवार आज भी एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.