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Delhi Crime: सस्ता छड़ दिलाने के नाम पर 100 से ज्यादा कारोबारियों के साथ ठगी, 2 साइबर ठग गिरफ्तार

दिल्ली की साइबर पुलिस ने सस्ता छड़ दिलाने के नाम पर 100 से ज्यादा कारोबारियों के साथ ठगी करने के मामले में दो , 2 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. Delhi Cyber Police, More than 100 businessmen cheated

100 से ज्यादा कारोबारियों के साथ ठगी के दो आरोपी गिरफ्तार
100 से ज्यादा कारोबारियों के साथ ठगी के दो आरोपी गिरफ्तार
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 10, 2023, 10:39 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: लोहे की सस्ती छड़ बेचने का झांसा देकर छड़ कारोबारियों के साथ ठगी करने वाले गैंग का साइबर पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. उत्तर पूर्वी दिल्ली की साइबर पुलिस ने गैंग के दो सदस्यों को बिहार के पटना से गिरफ्तार किया है. उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला के डीसीपी डा जॉय टिर्की ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान दीपक कुमार और बिहार के शेखपुरा निवासी जितेंद्र कुमार के तौर पर हुई है. डीसीपी नहीं बताया कि 29 सितंबर को एक लोहा कारोबारी ने ठगी शिकायत दर्ज कराई थी.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया गया था कि वह लोहे की छड़/टीएमटी बार (सरिया) के व्यापार में थोक व्यापारी है और 'त्रिपाठी टेंडर' के नाम से एक दुकान चला रहा हैं. 12 सितंबर 2023 को जब वह ऑनलाइन थोक में लोहे की छड़ के आपूर्तिकर्ताओं को सर्च कर रहा था, उसे उसी क्षेत्र में एक विज्ञापन मिला. उसने दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, जिसने खुद को टीएमटी बार के बिक्री विभाग का कर्मचारी बताया.

ये भी पढ़ें: Delhi Crime: महिला वकील के साथ ठगी करने वाले मास्टरमाइंड को दिल्ली पुलिस ने दबोचा

आखिरकार 13 लाख 33 हजार 300 रुपये की लागत से 25 टन लोहे की छड़ें खरीदने का सौदे को अंतिम रूप दिया गया. आधी राशि का भुगतान अग्रिम रूप से आरटीजीएस के माध्यम से किया जाना था और शेष राशि का भुगतान खेप की आपूर्ति के बाद किया जाना था. सौदे के कोटेशन पेपर भी शिकायतकर्ता को व्हाट्सएप पर भेजे गए थे.

शिकायतकर्ता ने आरटीजीएस के माध्यम से अग्रिम भुगतान के रूप में 6,70,300 रुपये जमा कराए किए, लेकिन लोहे की छड़ों की खेप की आपूर्ति नहीं की गई और बाद में बार-बार कॉल / अनुरोध के बावजूद उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई. जिसके बाद शिकायतकर्ता को ठगे जाने का एहसास हुआ. अपराध की गंभीरता के देखते हुए विशेष टीम का गठन किया गया. टीम ने उन बैंक खातों की जांच की जिसमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे.

एचडीएफसी बैंक में जमा की गई 3,70,000 रुपये की राशि पटना के एटीएम से निकाली गई थी, हालांकि, पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई के कारण, केनरा बैंक में जमा 3 लाख रुपये बैंक द्वारा फ्रीज कर दिए गए थे. तकनीकी निगरानी के आधार पर कथित आरोपी की लोकेशन बिहार के नालंदा जिले के इलाके में पाई गई.

टीम ने नालंदा और पटना के आसपास के इलाके में आरोपी व्यक्तियों के विभिन्न संभावित ठिकानों पर कई छापे मारे. तकनीकी निगरानी और मैनुअल प्रयासों के माध्यम से एकत्र की गई जानकारी के आधार पर, टीम दो आरोपी को धर दबोचा. जिनकी पहचान बिहार के गया निवासी और बिहार के शेखपुरा निवासी जितेंद्र कुमार के तौर पर हुई.

लगातार पूछताछ करने पर आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पटना शहर के बाहरी इलाके में गैंग बना कर काम कर रहे थे. और पिछले एक साल में 100 से अधिक लोगों के साथ जालसाजी कर चुके हैं. उनके परिसरों से 15 मोबाइल फोन, 25 सिम कार्ड, 20 एटीएम कार्ड, 7 चेक बुक, 4 पासबुक, 1 वाई-फाई डोंगल और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए.

ये भी पढ़ें: Ghaziabad Crime: सस्ते आईफोन का झांसा दिखाकर इंस्टाग्राम पर हो रही थी ठगी, पुलिस ने 5 जालसाजों को दबोचा

नई दिल्ली/नोएडा: लोहे की सस्ती छड़ बेचने का झांसा देकर छड़ कारोबारियों के साथ ठगी करने वाले गैंग का साइबर पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. उत्तर पूर्वी दिल्ली की साइबर पुलिस ने गैंग के दो सदस्यों को बिहार के पटना से गिरफ्तार किया है. उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला के डीसीपी डा जॉय टिर्की ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान दीपक कुमार और बिहार के शेखपुरा निवासी जितेंद्र कुमार के तौर पर हुई है. डीसीपी नहीं बताया कि 29 सितंबर को एक लोहा कारोबारी ने ठगी शिकायत दर्ज कराई थी.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया गया था कि वह लोहे की छड़/टीएमटी बार (सरिया) के व्यापार में थोक व्यापारी है और 'त्रिपाठी टेंडर' के नाम से एक दुकान चला रहा हैं. 12 सितंबर 2023 को जब वह ऑनलाइन थोक में लोहे की छड़ के आपूर्तिकर्ताओं को सर्च कर रहा था, उसे उसी क्षेत्र में एक विज्ञापन मिला. उसने दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, जिसने खुद को टीएमटी बार के बिक्री विभाग का कर्मचारी बताया.

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आखिरकार 13 लाख 33 हजार 300 रुपये की लागत से 25 टन लोहे की छड़ें खरीदने का सौदे को अंतिम रूप दिया गया. आधी राशि का भुगतान अग्रिम रूप से आरटीजीएस के माध्यम से किया जाना था और शेष राशि का भुगतान खेप की आपूर्ति के बाद किया जाना था. सौदे के कोटेशन पेपर भी शिकायतकर्ता को व्हाट्सएप पर भेजे गए थे.

शिकायतकर्ता ने आरटीजीएस के माध्यम से अग्रिम भुगतान के रूप में 6,70,300 रुपये जमा कराए किए, लेकिन लोहे की छड़ों की खेप की आपूर्ति नहीं की गई और बाद में बार-बार कॉल / अनुरोध के बावजूद उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई. जिसके बाद शिकायतकर्ता को ठगे जाने का एहसास हुआ. अपराध की गंभीरता के देखते हुए विशेष टीम का गठन किया गया. टीम ने उन बैंक खातों की जांच की जिसमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे.

एचडीएफसी बैंक में जमा की गई 3,70,000 रुपये की राशि पटना के एटीएम से निकाली गई थी, हालांकि, पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई के कारण, केनरा बैंक में जमा 3 लाख रुपये बैंक द्वारा फ्रीज कर दिए गए थे. तकनीकी निगरानी के आधार पर कथित आरोपी की लोकेशन बिहार के नालंदा जिले के इलाके में पाई गई.

टीम ने नालंदा और पटना के आसपास के इलाके में आरोपी व्यक्तियों के विभिन्न संभावित ठिकानों पर कई छापे मारे. तकनीकी निगरानी और मैनुअल प्रयासों के माध्यम से एकत्र की गई जानकारी के आधार पर, टीम दो आरोपी को धर दबोचा. जिनकी पहचान बिहार के गया निवासी और बिहार के शेखपुरा निवासी जितेंद्र कुमार के तौर पर हुई.

लगातार पूछताछ करने पर आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पटना शहर के बाहरी इलाके में गैंग बना कर काम कर रहे थे. और पिछले एक साल में 100 से अधिक लोगों के साथ जालसाजी कर चुके हैं. उनके परिसरों से 15 मोबाइल फोन, 25 सिम कार्ड, 20 एटीएम कार्ड, 7 चेक बुक, 4 पासबुक, 1 वाई-फाई डोंगल और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए.

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