नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के हर्ष विहार इलाके में स्थित मंडोली जेल में एक युवक ने खुदकुशी कर ली. युवक हत्या और लूटपाट समेत कई संगीन धाराओं में जेल में सजा काट रहा था. जांच में यह बात भी सामने आई है कि मृतक को साल 2015 में आनंद विहार पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था.
मृतक की पहचान विवेक के रूप में हुई. जेल में मिले विवेक के पते पर जब पुलिस ने संपर्क किया तो पता लगा कि वहां पर उसका कोई रिश्तेदार नहीं रहता. वहां मिले संपर्क से पुलिस उसके राजस्थान में रहने वाले परिजनों तक पहुंची.
बेटे के मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे परिजन
परिजनों के मुताबिक वह लोग 2011 में राजस्थान से लापता हुए अपने बेटे के मिलने की आस छोड़ चुके थे, उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा मिलेगा भी तो मृत अवस्था में. सूचना मिलते ही परिजन दिल्ली पहुंच गए. जीटीबी मोर्चरी में बेटे को देख परिजनों का दिल भी पसीज गया.
जिंदा रहते नहीं की गई परिजनों की तलाश
मृतक के परिजन इस बात से खासे व्याकुल थे कि 2015 में पकड़े जाने के बाद आखिर पुलिस ने परिजनों को तलाशने की कोशिश क्यों नहीं की. अगर उसके मरने के बाद जो सक्रियता पुलिस ने दिखाई, वह उसके जीते जी दिखाई होती तो परिजन अपने बेटे को जीवित मिल जाते.
सूत्र बताते हैं कि युवक ने पकड़े जाने पर अपना गलत नाम लिखवाया था और दिल्ली में प्रगति मैदान के पास स्थित शनि मंदिर का पता दिया था. उस समय ज्यादा तलाश नहीं की गई, जिसकी वजह से माना जा रहा है कि उसकी कोर्ट में कोई पैरवी भी नहीं हुई और वह जेल में ही पड़ा रहा. फिलहाल युवक की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट की जांच के बाद शव को परिजनों के हवाले किया गया.