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कड़कड़डूमा कोर्ट ने दहेज हत्या के चार आरोपियों को सशर्त दी अग्रिम जमानत

दहेज हत्या से जुड़े मामले में एक ही परिवार के चार आरोपियों को दिल्ली स्थित कड़कड़डूमा कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है. ज्योति नगर थाने में चार लोगों पर मृतक पीड़िता के परिवार वालों की और से शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी.

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कड़कड़डूमा कोर्ट
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Published : Aug 8, 2023, 8:15 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली स्थित कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरविंद बंसल ने सोमवार को दहेज हत्या से जुड़े मामले में एक ही परिवार के चार आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी है. ज्योति नगर पुलिस थाने में दहेज हत्या से जुड़े एक मामले की शिकायत दर्ज हुई थी. जिसमें मृतक पीड़िता के ससुराल वाले ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी. जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. इसी मामले में पीड़िता के ससुर व पति पहले से ही न्यायिक हिरासत में है.

इस मामले में जुड़े आरोपी शालिनी, हिमांशी, राजेश्वरी, हर्ष बाबू सभी ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी. ज्योति नगर थाने में इन सभी लोगों पर मृतक पीड़िता के परिवार वालों की और से शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस वालों ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304-B/498A/34 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

आरोपियो के वकील ने कोर्ट से अपने निवेदन में कहा कि सभी आरोपी/आवेदनकर्ताओं को इस मामले में मृतका के परिवारवालों की और से झूठा फंसा दिया गया है. जबकि इन लोगों का इस घटना से कुछ लेना देना नहीं है. अवदनकर्ताओं ने कभी भी मृतका को न तो सताया और न ही कभी दहेज की मांग की है. आरोपी/आवेदनकर्ता जांच अधिकारी के साथ जांच में सहयोग करने को भी तैयार है. इसलिए कोर्ट सभी आरोपीयों को अपने द्वारा लगाई गई शर्तों पर जमानत प्रदान करे.

अभियोजन पक्ष के वकील और जांच अधिकारी ने इस मामले को बहुत ही गंभीर बताया और कहा कि मृतक पीड़िता की शादी को मात्र 13 महीने ही हुए थे, जिसमें आरोपियो द्वारा लगातार परेशान करने व दहेज की मांग से परेशान होकर पीड़िता ने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि 27 जून 2023 को पीसीआर पर एक मदद की एक कॉल प्राप्त हुई थी. जिसपर पता चला कि एक नवविवाहित महिला ने आत्महत्या कर ली है. पुलिस को कॉल करने वाला मृतका का पति अंकित था. जिसकी शादी मृतका के साथ साल 2022 को हुई थी. उसकी 3 माह की छोटी बेटी भी है. आरोपी पति और उसके पिता दोनों न्यायिक हिरासत में है. अगर इनको जमानत दी जाती है तो ये लोग गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें : दिल्ली की अदालत ने हत्या के प्रयास मामले में दोषी आरोपी को सशर्त अंतरिम जमानत दी

कोर्ट ने दोनों पक्षो को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि ये सभी आरोपी मृतका के रिश्ते में सास, नन्द और देवर है और जांच अधिकारी के साथ जांच में सहयोग करने को भी तैयार है. इसलिए इन सभी को 25 हजार के मुचलके पर सशर्त अग्रिम जमानत दी जाती है. साथ ही अगर आरोपी किसी भी गवाह को धमकाने व सबूतों को मिटाने की कोशिस करने या जांच अधिकारी के साथ जांच में सहयोग नही करेंगे तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी.

ये भी पढ़ें : कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगे से जुड़े मामले के 4 आरोपियों को दी जमानत, गवाह नहीं कर पाया पहचान

नई दिल्ली: दिल्ली स्थित कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरविंद बंसल ने सोमवार को दहेज हत्या से जुड़े मामले में एक ही परिवार के चार आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी है. ज्योति नगर पुलिस थाने में दहेज हत्या से जुड़े एक मामले की शिकायत दर्ज हुई थी. जिसमें मृतक पीड़िता के ससुराल वाले ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी. जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. इसी मामले में पीड़िता के ससुर व पति पहले से ही न्यायिक हिरासत में है.

इस मामले में जुड़े आरोपी शालिनी, हिमांशी, राजेश्वरी, हर्ष बाबू सभी ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी. ज्योति नगर थाने में इन सभी लोगों पर मृतक पीड़िता के परिवार वालों की और से शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस वालों ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304-B/498A/34 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

आरोपियो के वकील ने कोर्ट से अपने निवेदन में कहा कि सभी आरोपी/आवेदनकर्ताओं को इस मामले में मृतका के परिवारवालों की और से झूठा फंसा दिया गया है. जबकि इन लोगों का इस घटना से कुछ लेना देना नहीं है. अवदनकर्ताओं ने कभी भी मृतका को न तो सताया और न ही कभी दहेज की मांग की है. आरोपी/आवेदनकर्ता जांच अधिकारी के साथ जांच में सहयोग करने को भी तैयार है. इसलिए कोर्ट सभी आरोपीयों को अपने द्वारा लगाई गई शर्तों पर जमानत प्रदान करे.

अभियोजन पक्ष के वकील और जांच अधिकारी ने इस मामले को बहुत ही गंभीर बताया और कहा कि मृतक पीड़िता की शादी को मात्र 13 महीने ही हुए थे, जिसमें आरोपियो द्वारा लगातार परेशान करने व दहेज की मांग से परेशान होकर पीड़िता ने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि 27 जून 2023 को पीसीआर पर एक मदद की एक कॉल प्राप्त हुई थी. जिसपर पता चला कि एक नवविवाहित महिला ने आत्महत्या कर ली है. पुलिस को कॉल करने वाला मृतका का पति अंकित था. जिसकी शादी मृतका के साथ साल 2022 को हुई थी. उसकी 3 माह की छोटी बेटी भी है. आरोपी पति और उसके पिता दोनों न्यायिक हिरासत में है. अगर इनको जमानत दी जाती है तो ये लोग गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी कर सकते हैं.

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कोर्ट ने दोनों पक्षो को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि ये सभी आरोपी मृतका के रिश्ते में सास, नन्द और देवर है और जांच अधिकारी के साथ जांच में सहयोग करने को भी तैयार है. इसलिए इन सभी को 25 हजार के मुचलके पर सशर्त अग्रिम जमानत दी जाती है. साथ ही अगर आरोपी किसी भी गवाह को धमकाने व सबूतों को मिटाने की कोशिस करने या जांच अधिकारी के साथ जांच में सहयोग नही करेंगे तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी.

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