ETV Bharat / state

Delhi Riots Case: उपद्रव और आग लगाने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने तीन आरोपियों को किया बरी

दिल्ली दंगे के दौरान उपद्रव और आग लगाने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने तीन लोगों को आरोप मुक्त कर दिया. 25 फरवरी 2020 को यह घटना हुई थी. इसमें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलत्स्य प्रमाचल के कोर्ट ने अकील अहमद रईस खान और इरशाद को आरोप मुक्त किया है

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 17, 2023, 11:11 AM IST

Updated : Aug 17, 2023, 2:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली दंगे के मामले में जांच ठीक से न करने पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने पुलिस की खिंचाई की और तीन लोगों को आरोप मुक्त कर दिया. बुधवार को निर्णय करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलत्स्य प्रमाचल के कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने रिपोर्ट की गई घटनाओं की पूरी तरह से जांच नहीं की

कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपपत्र गलत तरीके से दायर किया गया और शुरुआती गलती पर पर्दा डाला गया. इसलिए जांच के आकलन के लिए मामला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के पास वापस भेजा जा रहा है. कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वह इस मामले में हुई शिकायतों को कानूनी और तार्किक अंत तक ले जाने के लिए कानून के अनुरूप आगे की कार्रवाई करें

बता दें कि नार्थ ईस्ट दिल्ली के तहत आने वाले दयालपुर इलाके में 25 फरवरी 2020 को हुए दंगे में पुलिस को फारुख, अहमद शहबाज मालिक, नदीम फारुखी और जय शंकर शर्मा ने कंप्लेंट दी थी जिसके बाद पुलिस ने इन सभी शिकायतों को एक साथ मर्ज कर दिया था. जांच के बाद अकील अहमद, रहीस खान और इरशाद की पहचान कर गिरफ्तार कर लिया गया.

वकील का बयान: बचाव पक्ष की और से पेश हुए वकील ने अपने मुवक्किलों को बेगुनाह बताते हुए कहा कि पुलिस वालों ने तीनों आरोपियों को झूठे मामले में फंसाया है. इस तीनो का इस मामले से कुछ भी लेना देना नहीं है. वहीं अभियोजन पक्ष के वकील ने कोर्ट को बताया कि ये तीनो आरोपी 25 फरवरी को हुए दंगो में शामिल रहे हैं

अतरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीनों आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया. और अपने आदेश में पुलिस विभाग की लापरवाही का भी जिक्र करते हुए कोर्ट ने मामला दोबारा पुलिस को वापस कर दिया

यह भी पढ़ें-दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल का दोपहिया वाहन भत्ता बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका

नई दिल्ली: दिल्ली दंगे के मामले में जांच ठीक से न करने पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने पुलिस की खिंचाई की और तीन लोगों को आरोप मुक्त कर दिया. बुधवार को निर्णय करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलत्स्य प्रमाचल के कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने रिपोर्ट की गई घटनाओं की पूरी तरह से जांच नहीं की

कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपपत्र गलत तरीके से दायर किया गया और शुरुआती गलती पर पर्दा डाला गया. इसलिए जांच के आकलन के लिए मामला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के पास वापस भेजा जा रहा है. कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वह इस मामले में हुई शिकायतों को कानूनी और तार्किक अंत तक ले जाने के लिए कानून के अनुरूप आगे की कार्रवाई करें

बता दें कि नार्थ ईस्ट दिल्ली के तहत आने वाले दयालपुर इलाके में 25 फरवरी 2020 को हुए दंगे में पुलिस को फारुख, अहमद शहबाज मालिक, नदीम फारुखी और जय शंकर शर्मा ने कंप्लेंट दी थी जिसके बाद पुलिस ने इन सभी शिकायतों को एक साथ मर्ज कर दिया था. जांच के बाद अकील अहमद, रहीस खान और इरशाद की पहचान कर गिरफ्तार कर लिया गया.

वकील का बयान: बचाव पक्ष की और से पेश हुए वकील ने अपने मुवक्किलों को बेगुनाह बताते हुए कहा कि पुलिस वालों ने तीनों आरोपियों को झूठे मामले में फंसाया है. इस तीनो का इस मामले से कुछ भी लेना देना नहीं है. वहीं अभियोजन पक्ष के वकील ने कोर्ट को बताया कि ये तीनो आरोपी 25 फरवरी को हुए दंगो में शामिल रहे हैं

अतरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीनों आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया. और अपने आदेश में पुलिस विभाग की लापरवाही का भी जिक्र करते हुए कोर्ट ने मामला दोबारा पुलिस को वापस कर दिया

यह भी पढ़ें-दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल का दोपहिया वाहन भत्ता बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका

Last Updated : Aug 17, 2023, 2:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.