नई दिल्ली: दिल्ली में नाबालिग के साथ रेप के आरोपित दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर बुधवार को तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई टल गई. जज की अनुपलब्धता के चलते यह सुनवाई टली है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 509, 120बी समेत पॉस्को की धारा के तहत खाखा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
खाखा पर अगस्त में दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ रेप करने का आरोप लगा था. इसके बाद खाखा और उसकी पत्नी को पुलिस ने 21 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था. उसकी पत्नी पर नाबालिग का गर्भपात कराने का आरोप लगा था. इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोपी महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को सस्पेंड कर दिया था. साथ ही मामले में मुख्य सचिव से विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी थी.
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सारे आरोप झूठे, उसने करा ली थी नसबंदीः खाखा के वकील ने कोर्ट में दावा किया था कि आरोप झूठे हैं. उन्होंने अपनी नसबंदी करवा ली थी और इसके अलावा मर्दानगी समेत अन्य अहम जांच पुलिस ने गिरफ्तार करने के 24 घंटे के अंदर करवा ली थी. उल्लेखनीय है कि नाबालिग के यौन शोषण के आरोप में पुलिस ने दिल्ली सरकार के 51 साल के अधिकारी प्रेमोदय खाखा और उनकी 50 साल की पत्नी सीमा रानी को गिरफ्तार किया था.
पीड़िता को धमकाने का भी लगा था आरोपः मामले के खुलासे के वक्त डीसीपी नॉर्थ जिला सागर सिंह कलसी ने कहा था कि खाखा की पत्नी ने पीड़िता को धमकाया था और उसने गर्भपात कराने के लिए कहा था. खाखा महिला और बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात थे. सरकार ने फिलहाल उन्हें सस्पेंड कर दिया है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में रेप, छेड़छाड़, आपराधिक साजिश, चोट पहुंचाने, बिना इच्छा गर्भपात कराने और पॉक्सो एक्ट समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था.