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बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई, दोनों भाईयों को मजिस्ट्रेट के समक्ष किया गया पेश - जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल

दिल्ली के करावल नगर इलाके के 2 भाईयों का पता लगाने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि दोनों को पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया है.

Hearing on habeas corpus petition of 2 brothers
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई
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Published : Mar 6, 2020, 5:03 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर इलाके के 2 भाईयों का पता लगाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि दोनों को पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया हैं. दोनों भाईयों के वकील ने कहा कि जब उन्होंने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी तब पुलिस ने दोनों को ट्रायल कोर्ट में पेश किया.

'ट्रायल कोर्ट के मजिस्ट्रेट के समक्ष उचित कदम उठाएं'

सुनवाई के दौरान जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट के मजिस्ट्रेट के समक्ष उचित कदम उठाने को कहा है. करावल नगर के फिरोज खान ने अपने 2 भाईयों मोहम्मद साबिर और भूरे खान के 24 फरवरी से गायब होने की शिकायत की थी. याचिका में कहा गया था कि 24 फरवरी को जब दोनों भाई फैक्ट्री से वापस घर लौट रहे थे तो पुलिस ने उन्हें शाम को हिरासत में ले लिया. उनमें से एक ने अपने रिश्तेदार को फोन कर बताया था कि पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है और उसे दयालपुर थाने ले जाया जा रहा है.

थाने में लॉक अप में रखा गया था

25 फरवरी को फिरोज दयालपुर थाने अपने भाईयों से मिलने गया तो उसके दोनों भाईयों को पुलिस ने लॉक अप में रखा था. याचिका में कहा गया था कि उनके बार-बार आग्रह के बावजूद पुलिस ने दोनों भाईयों को अभी तक नहीं छोड़ा.

मारने या गायब करने की आशंका

याचिका में कहा गया था कि उन्हें आशंका है कि फिरोज के दोनों भाईयों को पुलिस मार देगी या गायब कर देगी. याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली के उप-राज्यपाल और दिल्ली पुलिस को पक्षकार बनाया गया था.

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर इलाके के 2 भाईयों का पता लगाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि दोनों को पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया हैं. दोनों भाईयों के वकील ने कहा कि जब उन्होंने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी तब पुलिस ने दोनों को ट्रायल कोर्ट में पेश किया.

'ट्रायल कोर्ट के मजिस्ट्रेट के समक्ष उचित कदम उठाएं'

सुनवाई के दौरान जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट के मजिस्ट्रेट के समक्ष उचित कदम उठाने को कहा है. करावल नगर के फिरोज खान ने अपने 2 भाईयों मोहम्मद साबिर और भूरे खान के 24 फरवरी से गायब होने की शिकायत की थी. याचिका में कहा गया था कि 24 फरवरी को जब दोनों भाई फैक्ट्री से वापस घर लौट रहे थे तो पुलिस ने उन्हें शाम को हिरासत में ले लिया. उनमें से एक ने अपने रिश्तेदार को फोन कर बताया था कि पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है और उसे दयालपुर थाने ले जाया जा रहा है.

थाने में लॉक अप में रखा गया था

25 फरवरी को फिरोज दयालपुर थाने अपने भाईयों से मिलने गया तो उसके दोनों भाईयों को पुलिस ने लॉक अप में रखा था. याचिका में कहा गया था कि उनके बार-बार आग्रह के बावजूद पुलिस ने दोनों भाईयों को अभी तक नहीं छोड़ा.

मारने या गायब करने की आशंका

याचिका में कहा गया था कि उन्हें आशंका है कि फिरोज के दोनों भाईयों को पुलिस मार देगी या गायब कर देगी. याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली के उप-राज्यपाल और दिल्ली पुलिस को पक्षकार बनाया गया था.

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