नई दिल्ली: दिल्ली की सातों लोकसभा सीट को जिताने के लिए भाजपा जी जान से जुटी हुई है. पार्टी की इस कोशिश में पूर्वांचल मोर्चा को अहम जिम्मेदारी पार्टी ने दी है. दिल्ली में कुल 44 फीसद पूर्वांचल के मतदाता हैं. प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में इनकी संख्या अच्छी-खासी है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के दिशा निर्देश पर पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष मनीष सिंह को इन पूर्वांचल मतदाताओं को पार्टी के पक्ष में करने के लिए अहम जिम्मेदारी मिली है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष मनीष सिंह ने कहा कि 12 मई को दिल्ली में होने वाले मतदान से पहले पार्टी ने उन्हें छोटी-छोटी चुनाव बैठक करने और सुबह व शाम को पार्क-चौराहों पर एकत्रित छोटे जनसमूह को भाजपा की योजनाएं और मोदी सरकार की उपलब्धि बताने को कहा गया है. इस संबंध में उन्होंने अभी तक 1200 बैठकें की है.
दिल्लीवासियों को मिल रही सुविधाएं
दिल्ली में मौजूदा केजरीवाल सरकार के मनाही के बावजूद जिस तरह उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना को केंद्र सरकार ने लागू किया इससे अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है. दिल्ली की 1639 अनधिकृत कॉलोनियों में 90 फीसद से अधिक पूर्वांचल के लोग रहते हैं. झुग्गी बस्तियों में 95 फीसद के करीब पूर्वांचल के लोग हैं. रेहड़ी पटरी वाले, ऑटो वालों जितने भी हैं, उनमें पूर्वांचल के लोगों की तादाद अधिक है. वह जिस समस्या से जूझ रहे थे, उन्हें मोदी सरकार के कार्यकाल में ही थोड़ी राहत मिली है.
इस चुनाव में पूर्वांचल मोर्चा के कार्यकर्ताओं पदाधिकारी अधिक से अधिक लोगों तक इस बात को पहुंचाएंगे और पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने की अपील करेंगे. मोर्चा के अध्यक्ष मनीष सिंह से जब यह पूछा गया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं और वे स्वयं भी पूर्वांचल मोर्चा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तो इसका क्या सकारात्मक असर चुनाव प्रचार में पड़ेगा? उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिल्कुल इसका असर पड़ेगा क्योंकि पूर्वांचल के लोगों की राजनीतिक समाज अधिक होती है. वे राष्ट्र प्रेम की भावना से ओतप्रोत होते हैं. मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान विकास कार्यों के अलावा जो पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश को एक सीमा में बांध दिया है. आतंकी घटनाओं पर तुरंत सरकार कार्रवाई कर रही है, इस बात से लोगों में काफी उत्साह है और इसका असर निश्चित तौर पर चुनाव पर पड़ेगा.