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चार किलोमीटर के वसूले दस हजार, एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर पर केस दर्ज - सोनिया विहार एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर केस

सोनिया विहार इलाके में रहने वाले सतीश की शिकायत पर पुलिस ने एक एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर पर केस दर्ज किया है. एंबुलेंस प्रोवाइडर ने चार किलोमीटर के दस हजार रुपये लिए थे.

चार किलोमीटर के वसूले दस हजार
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Published : May 2, 2021, 1:58 AM IST

नई दिल्लीः कोरोना काल में एक तरफ जहां लोग आगे बढ़कर पीड़ितों की मदद कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस मुश्किल समय को मौका समझ कर मरीजों और उनके तीमारदारों से पैसा वसूलने में लगे हुए हैं. दरअसल सोनिया विहार पुलिस ने एक ऐसी ही शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर पर केस दर्ज

उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी संजय कुमार सेन ने बताया कि सोनिया विहार इलाके में रहने वाले सतीश ने डीके एंबुलेंस सर्विस द्वारा मरीज को शिफ्ट करने के नाम पर अधिक चार्ज वसूलने की शिकायत की. सूचना मिलते ही सोनिया विहार थाने की पुलिस ने कॉल को अटेंड किया. पीड़ित सतीश ने ट्वीटर के जरिए पुलिस को अपना बयान दर्ज करा दिया. जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे एंबुलेंस प्रोवाइडर ने महज चार किलोमीटर के लिए दस हजार रुपये लिए.

यह भी पढ़ेंः-दो किमी के लिये एंबुलेंस चालक मांग रहा था साढ़े आठ हजार रुपये, गिरफ्तार

तथ्यों की जांच के बाद कार्रवाई

डीसीपी ने कहा कि तथ्यों को जांचने के लिए एंबुलेंस प्रोवाइडर को कॉल किया गया. प्रोवाइडर को बताया गया कि सोनिया विहार तीसरा पुश्ता से एक मरीज को राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल लेकर जाना है, दूसरी तरफ मौजूद शख्स ने बताया कि इसके लिए पंद्रह हजार रुपये लगेंगे.

शिकायतकर्ता के ट्वीट में दिए तथ्यों को सही पाया गया. पुलिस ने शिकायतकर्ता सतीश की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सोनिया विहार थाने में आईपीसी की धारा 384 और 3 एपेडेमिक डिजीज एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए तहकीकात शुरू कर दी गई.

एंबुलेंस की ओरिजिनल बिल बुक जब्त

डीसीपी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए केस की तहकीकात शुरू की गई और जांच में मरीज को शिफ्ट करने के लिए ज्यादा पैसे मांगने वाले शख्स की पहचान राजीव नगर, भलस्वा डेयरी निवासी देवेन्द्र के रूप में हुई. जोकि अपने घर से ही डीके एंबुलेंस सर्विस नामक एजेंसी चला रहा था. तफ्तीश के दौरान पुलिस टीम ने एंबुलेंस की ओरिजिनल बिल बुक, एंबुलेंस बुक को जब्त कर लिया गया.

मौके की जरूरत को ध्यान में रखते हुए एंबुलेंस को सीज नहीं किया गया. हालांकि पुलिस ने उक्त एंबुलेंस के फोटो खींच लिए पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस पूरे मामले के पीछे कोई रैकेट तो नहीं काम कर रहा है.

नई दिल्लीः कोरोना काल में एक तरफ जहां लोग आगे बढ़कर पीड़ितों की मदद कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस मुश्किल समय को मौका समझ कर मरीजों और उनके तीमारदारों से पैसा वसूलने में लगे हुए हैं. दरअसल सोनिया विहार पुलिस ने एक ऐसी ही शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर पर केस दर्ज

उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी संजय कुमार सेन ने बताया कि सोनिया विहार इलाके में रहने वाले सतीश ने डीके एंबुलेंस सर्विस द्वारा मरीज को शिफ्ट करने के नाम पर अधिक चार्ज वसूलने की शिकायत की. सूचना मिलते ही सोनिया विहार थाने की पुलिस ने कॉल को अटेंड किया. पीड़ित सतीश ने ट्वीटर के जरिए पुलिस को अपना बयान दर्ज करा दिया. जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे एंबुलेंस प्रोवाइडर ने महज चार किलोमीटर के लिए दस हजार रुपये लिए.

यह भी पढ़ेंः-दो किमी के लिये एंबुलेंस चालक मांग रहा था साढ़े आठ हजार रुपये, गिरफ्तार

तथ्यों की जांच के बाद कार्रवाई

डीसीपी ने कहा कि तथ्यों को जांचने के लिए एंबुलेंस प्रोवाइडर को कॉल किया गया. प्रोवाइडर को बताया गया कि सोनिया विहार तीसरा पुश्ता से एक मरीज को राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल लेकर जाना है, दूसरी तरफ मौजूद शख्स ने बताया कि इसके लिए पंद्रह हजार रुपये लगेंगे.

शिकायतकर्ता के ट्वीट में दिए तथ्यों को सही पाया गया. पुलिस ने शिकायतकर्ता सतीश की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सोनिया विहार थाने में आईपीसी की धारा 384 और 3 एपेडेमिक डिजीज एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए तहकीकात शुरू कर दी गई.

एंबुलेंस की ओरिजिनल बिल बुक जब्त

डीसीपी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए केस की तहकीकात शुरू की गई और जांच में मरीज को शिफ्ट करने के लिए ज्यादा पैसे मांगने वाले शख्स की पहचान राजीव नगर, भलस्वा डेयरी निवासी देवेन्द्र के रूप में हुई. जोकि अपने घर से ही डीके एंबुलेंस सर्विस नामक एजेंसी चला रहा था. तफ्तीश के दौरान पुलिस टीम ने एंबुलेंस की ओरिजिनल बिल बुक, एंबुलेंस बुक को जब्त कर लिया गया.

मौके की जरूरत को ध्यान में रखते हुए एंबुलेंस को सीज नहीं किया गया. हालांकि पुलिस ने उक्त एंबुलेंस के फोटो खींच लिए पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस पूरे मामले के पीछे कोई रैकेट तो नहीं काम कर रहा है.

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