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तिहाड़ जेल में 'गुरू जी' ने दिया ऐसा 'ज्ञान' कि मामूली युवक बन गया कुख्यात लुटेरा

दिल्ली के सीमापुरी में छोटे से अपराध में जेल जाने के बाद बदमाश बने युवक को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है.

मामूली युवक बन गया कुख्यात लुटेरा, etv bharat
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Published : Sep 7, 2019, 2:31 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सीमापुरी में रहने वाला एक युवक साल 2007 में छोटे से अपराध में जेल चला गया. वहां उसकी मुलाकात कई नामी बदमाशों से हुई. वह उनसे काफी प्रभावित हुआ.

तिहाड़ जेल में मामूली युवक बन गया कुख्यात लुटेरा

जेल से बाहर आकर वह एक बदमाश के गैंग का हिस्सा बन गया और ताबड़तोड़ लूट-पाट की वारदातों को अंजाम देने लगा.

दर्जन भर वारदातों में शामिल इस बदमाश को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसके पास से एक चोरी की स्कूटी,कट्टा और दो कारतूस बरामद किये हैं.

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
डीसीपी जी. रामगोपाल नायक के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर शिव दर्शन को सूचना मिली थी कि दिलशाद उर्फ इरशाद नामक बदमाश उत्तर पश्चिमी दिल्ली में लगातार लूटपाट कर रहा है.

यह भी पता चला कि वह अपने साथी से मिलने के लिए महेंद्रा पार्क इलाके में आएगा.
इस जानकारी पर एसीपी अरविंद कुमार की देखरेख में शिव दर्शन की टीम ने दोपहर के समय एक्टिवा स्कूटी पर आ रहे दिलशाद को पकड़ लिया.

तलाशी में उसके पास से एक कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए. इस बाबत आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया है.

गैंग में शामिल हैं आधा दर्जन से ज्यादा बदमाश
पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि यह स्कूटी उसने महेंद्रा पार्क इलाके से चोरी की थी.
वह अपने साथियों रफी, सुनी, रंजीत, इस्लाम, राहुल और विशाल के साथ मिलकर राजधानी के विभिन्न इलाकों में लूटपाट की ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देता रहा है.
रंजीत इस गैंग का सरगना है. दिलशाद के खिलाफ विभिन्न थानों में 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इस गैंग से जुड़े अन्य अपराधियों की पुलिस तलाश कर रही है.

जेल में सीखा अपराध का पाठ
गिरफ्तार किया गया दिलशाद सीमापुरी का रहने वाला है. चौथी क्लास तक पढ़ने के बाद वह शादी समारोह में मजदूरी करता था. साल 2007 में पहली बार गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा गया था.
जमानत पर बाहर आने के बाद उसने दोबारा वारदात करना शुरू कर दिया. रोहिणी इलाके में साल 2011 में उसने एक ज्वेलरी शॉप में डकैती डाली थी.
दिसंबर 2018 में वह जेल से छूट कर आया और इसके बाद वह दोबारा ताबड़तोड़ वारदात करने लगा.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सीमापुरी में रहने वाला एक युवक साल 2007 में छोटे से अपराध में जेल चला गया. वहां उसकी मुलाकात कई नामी बदमाशों से हुई. वह उनसे काफी प्रभावित हुआ.

तिहाड़ जेल में मामूली युवक बन गया कुख्यात लुटेरा

जेल से बाहर आकर वह एक बदमाश के गैंग का हिस्सा बन गया और ताबड़तोड़ लूट-पाट की वारदातों को अंजाम देने लगा.

दर्जन भर वारदातों में शामिल इस बदमाश को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसके पास से एक चोरी की स्कूटी,कट्टा और दो कारतूस बरामद किये हैं.

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
डीसीपी जी. रामगोपाल नायक के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर शिव दर्शन को सूचना मिली थी कि दिलशाद उर्फ इरशाद नामक बदमाश उत्तर पश्चिमी दिल्ली में लगातार लूटपाट कर रहा है.

यह भी पता चला कि वह अपने साथी से मिलने के लिए महेंद्रा पार्क इलाके में आएगा.
इस जानकारी पर एसीपी अरविंद कुमार की देखरेख में शिव दर्शन की टीम ने दोपहर के समय एक्टिवा स्कूटी पर आ रहे दिलशाद को पकड़ लिया.

तलाशी में उसके पास से एक कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए. इस बाबत आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया है.

गैंग में शामिल हैं आधा दर्जन से ज्यादा बदमाश
पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि यह स्कूटी उसने महेंद्रा पार्क इलाके से चोरी की थी.
वह अपने साथियों रफी, सुनी, रंजीत, इस्लाम, राहुल और विशाल के साथ मिलकर राजधानी के विभिन्न इलाकों में लूटपाट की ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देता रहा है.
रंजीत इस गैंग का सरगना है. दिलशाद के खिलाफ विभिन्न थानों में 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इस गैंग से जुड़े अन्य अपराधियों की पुलिस तलाश कर रही है.

जेल में सीखा अपराध का पाठ
गिरफ्तार किया गया दिलशाद सीमापुरी का रहने वाला है. चौथी क्लास तक पढ़ने के बाद वह शादी समारोह में मजदूरी करता था. साल 2007 में पहली बार गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा गया था.
जमानत पर बाहर आने के बाद उसने दोबारा वारदात करना शुरू कर दिया. रोहिणी इलाके में साल 2011 में उसने एक ज्वेलरी शॉप में डकैती डाली थी.
दिसंबर 2018 में वह जेल से छूट कर आया और इसके बाद वह दोबारा ताबड़तोड़ वारदात करने लगा.

Intro:नई दिल्ली
सीमा पुरी में रहने वाला एक युवक वर्ष 2007 में छोटे से अपराध में जेल चला गया. वहां उसकी मुलाकात कई नामी बदमाशों से हुई. वह उनसे काफी प्रभावित हुआ. जेल से बाहर आकर वह एक बदमाश के गैंग का हिस्सा बन गया और ताबड़तोड़ लूटपाट की वारदातों को अंजाम देने लगा. दर्जन भर वारदातों में शामिल इस बदमाश को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसके पास से एक चोरी की स्कूटी,कट्टा और दो कारतूस बरामद किये हैं.



Body:डीसीपी जी. रामगोपाल नायक के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर शिव दर्शन को सूचना मिली थी कि दिलशाद उर्फ इरशाद नामक बदमाश उत्तर पश्चिमी दिल्ली में लगातार लूटपाट कर रहा है. यह भी पता चला कि वह अपने साथी से मिलने के लिए महेंद्रा पार्क इलाके में आएगा. इस जानकारी पर एसीपी अरविंद कुमार की देखरेख में शिव दर्शन की टीम ने दोपहर के समय एक्टिवा स्कूटी पर आ रहे दिलशाद को पकड़ लिया. तलाशी में उसके पास से एक कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए. इस बाबत आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया है.



गैंग में शामिल हैं आधा दर्जन से ज्यादा बदमाश
पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि यह स्कूटी उसने महेंद्रा पार्क इलाके से चोरी की थी. वह अपने साथियों रफी, सुनी, रंजीत, इस्लाम, राहुल और विशाल के साथ मिलकर राजधानी के विभिन्न इलाकों में लूटपाट की ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देता रहा है. रंजीत इस गैंग का सरगना है. दिलशाद के खिलाफ विभिन्न थानों में 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इस गैंग से जुड़े अन्य अपराधियों की पुलिस तलाश कर रही है.






Conclusion:जेल में सीखा अपराध का पाठ
गिरफ्तार किया गया दिलशाद सीमापुरी का रहने वाला है. चौथी क्लास तक पढ़ने के बाद वह शादी समारोह में मजदूरी करता था. वर्ष 2007 में पहली बार गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा गया था. वहीं पर उसकी मुलाकात कई बदमाशों से हुई. जेल से बाहर आने के बाद वह रंजीत गैंग का हिस्सा बन गया और लूटपाट करने लगा. वर्ष 2010 से जहांगीरपुरी में हुई लूट के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था. जमानत पर बाहर आने के बाद उसने दोबारा वारदात करना शुरू कर दिया. रोहिणी इलाके में वर्ष 2011 में उसने एक ज्वेलरी शॉप में डकैती डाली थी. दिसंबर 2018 में वह जेल से छूट कर आया और इसके बाद वह दोबारा ताबड़तोड़ वारदात करने लगा.
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