नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा से भाजपा नेता का मानना है कि इलाके के पुराने विधायकों ने क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई काम नहीं किया है. इलाके की जनता आज भी गंदा पानी पीकर बीमार पड़ रही है. भाजपा नेता ने साफ कहा विधानसभा चुनाव में CAA और NRC का कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
यमुनापार की मुस्लिम बाहुल्य सीटों में शुमार सीलमपुर विधानसभा में हमेशा से राजनीतिक समीकरण हावी रहे हैं, हालांकि इस विधानसभा से कभी भाजपा का विधायक तो नहीं रहा है. लेकिन मौजूदा राजनीतिक उठापटक के चलते भारतीय जनता पार्टी के नेता विनोद जोशी का कहना है कि भले ही यह सीट मुस्लिम बाहुल्य हो, भले ही यहां से हमेशा मुस्लिम एमएलए रहे हो, लेकिन सच यह है कि उन्होंने विकास के नाम पर हमेशा यहां की जनता को ठगा है.
'32 साल से इलाके के लोगों की सेवा की है'
भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने किसी न किसी रूप में पिछले 32 साल से इलाके के लोगों की सेवा की है. इलाके के लिए बहुत से काम कर आए हैं. उन्होंने सांसद निधि से भी कई काम इलाके में कराएं हैं. उन्हें उम्मीद है कि जो समीकरण विधानसभा में बने हुए हैं, वह कहीं न कहीं भाजपा के पक्ष में जाते दिख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चौ.मतीन अहमद यहां 21 साल तक विधायक रहे, पिछले पांच साल हाजी इशराक भी विधायक रहे. लेकिन उन्हें अफसोस होता है कि क्षेत्र की जनता को पीने के लिए साफ पानी तक मुहैया नहीं करा पाए. जीटीबी अस्पताल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सीलमपुर से आने वाले ज्यादातर मरीज पेट की बीमारी से ग्रस्त होते हैं.
कांग्रेस के मतीन से मानते हैं टक्कर
भाजपा नेता ने साफ कहा कि वह बीजेपी की टक्कर AAP से नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के मतीन अहमद से मानते हैं. केजरीवाल ने पूरे साढ़े चार साल कोई काम नहीं किया, सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी को ही कोसते रहे कि मोदी काम नहीं करने देते. आखिरी दिनों में उन्हें कामों की याद आई है, दिल्ली की जनता सब जानती है. लोग जानते हैं कि साढ़े चार सालों से केजरीवाल ने कोई काम नहीं किया.
'नहीं पड़ेगा CAA NRC का कोई फर्क'
मौजूदा समय में CAA और NRC को लेकर देशभर में हंगामा चल रहा है. ऐसे में विधानसभा चुनाव पर इसका असर पढ़ने के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने हवा दी है. क्योंकि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है. यह दोनों ही इसकी आड़ में अपनी-अपनी राजनीति कर रहे हैं. प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि CAA से देश के मुसलमानों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वहीं NRC का अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं है. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि विधानसभा चुनाव पर इसका कोई असर पड़ेगा.