नई दिल्ली: अमन विहार के सुलेमान नगर इलाके में पिछले 25-30 सालों से रहने वाले बौद्ध समुदाय से जुड़े दर्जनों लोगों ने दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के ऑफिस पहुंचकर कमीशन के चेयरमैन से मुलाकात की. साथ ही दिल्ली सरकार से अल्पसंख्यक समुदाय को मिलने वाली योजनाओं को जाना और अपनी समस्याएं उनके सामने रखी.
इस दौरान कमीशन के पदाधिकारियों ने बौद्ध समुदाय के लोगों की समस्याओं को सुना. साथ ही उन्हें अल्पसंख्यक वर्ग में शामिल होने पर दिल्ली सरकार से मिलने वाली योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया.
'कमीशन आगे बढ़कर समस्या का समाधान करेगा'
कमीशन के चेयरमैन डॉ.जफरुल इस्लाम खान ने बौद्ध समुदाय से जुड़े लोगों को पूरी तरह से आश्वस्त किया कि कमीशन दिल्ली में रहने वाले अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा करने को तत्पर है. उन्हें मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में होने वाली किसी भी समस्या का समाधान कमीशन आगे बढ़कर करेगा.
बौद्ध समुदाय के लिए एडवाइजरी कमेटी
इस दौरान कमीशन के चेयरमैन ने उन्हें बताया कि कमीशन में बौद्ध समुदाय के लिए पहले से ही एडवाइजरी कमेटी बनी हुई है. उन्होंने बताया कि बौद्ध समुदाय के लोगों ने अपनी समस्याओं से कमीशन को अवगत कराया. समुदाय के लोगों ने सरकार से मिलने वाली योजनाओं का लाभ लेने में भी रुचि दिखाई और ये भी जाना कि अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ा होने के नाते कमीशन उनके लिए क्या कर सकता है.
सरकारी स्कीम्स की जानकारी ली
कमीशन में बौद्ध समुदाय के लोगों को बताया गया कि कैसे वो जागरूकता से सरकार से मिलने वाली स्कीम्स का लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने लोन लेने के बारे में, अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण कराने में सरकार से मिलने वाली स्कॉलरशिप, फीस वापसी, समेत बहुत सी स्कीम के बारे में विस्तार से जानकारी ली.
'अपने अधिकारों से थे बेखबर'
ईटीवी भारत से बात करते हुए चेयरमैन डॉ.जफरुल इस्लाम खान ने कहा कि सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि बौद्ध समुदाय के लोगों को सरकारी स्कीम के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी. इतने समय से दिल्ली में रहने के बावजूद बौद्ध समुदाय के लोग इन सब चीजों से बेखबर थे और अपने अधिकारों के बारे में भी कुछ नहीं जानते थे. अब ये लोग इन योजनाओं का लाभ लेने में रुचि दिखा रहे हैं.
'कमीशन भेजेगा टीम'
इस मौके पर कमीशन के सिख सदस्य सरदार करतार सिंह कोचर ने बताया कि सुलेमान नगर से आने वाले बौद्ध समुदाय के लोगों को बताया गया कि कैसे वो केंद्र और दिल्ली सरकार की अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने बताया कि कमीशन आने वाले समय में अपनी टीम को उनके पास भेजेंगे ताकि बौद्ध समुदाय के अधिकारों को उन तक पहुंचाया जा सके. अधिकारियों का कहना है कि कमीशन को भी अंदाजा नहीं था कि दिल्ली में रहने वाले बौद्ध समुदाय को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हैरत तो यह है कि इस समुदाय को सरकारी योजनाओं में बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी. ऐसे में इन लोगों का कमीशन तक पहुंचना कहीं ना कहीं ये संकेत भी देता है कि आने वाले समय मे इस समुदाय में लोग भी जागरूक होकर सरकारी स्कीम का लाभ उठा सकेंगे.