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BCI ने क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT परीक्षा आयोजित करने की HC में दायर याचिका का समर्थन किया

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी CLAT परीक्षा आयोजित होनी चाहिए. इससे अधिक नागरिकों को कानूनी शिक्षा को अपना करियर के रूप में अपनाने का अवसर मिलेगा.

बार काउंसिल ऑफ इंडिया
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Published : Aug 9, 2023, 10:57 PM IST

नई दिल्ली: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT आयोजित करने की मांग वाली दिल्ली हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका का समर्थन किया है. क्योंकि इससे देश के अधिक नागरिकों को परीक्षा में बैठने और कानून को करियर के रूप में अपनाने का अवसर मिलेगा. यह जनहित याचिका दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि छात्र सुधांशु पाठक ने दायर की है.

कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT), जो कि कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज द्वारा अंग्रेजी भाषा में आयोजित किया जाता है, इस बार CLAT परीक्षा-दिसंबर 2024 और 2023 में होने वाला है. याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि CLAT (UG) परीक्षा भेदभाव करती है. उन सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करने में विफल रहती है, जिनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि क्षेत्रीय भाषाओं में निहित है.

बीसीआई ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कानूनी शिक्षा नियमों के अनुसार, एकीकृत पांच-वर्षीय और तीन-वर्षीय कानून पाठ्यक्रमों में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होना चाहिए, लेकिन संस्थान अंग्रेजी भाषा के अलावा किसी अन्य भाषा में भी शिक्षा की अनुमति देने के लिए खुला है. इसमें कहा गया है कि यदि कानूनी शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी के अलावा अन्य है, तो छात्रों को अंग्रेजी को अनिवार्य पेपर के रूप में लेना होगा.

बता दें, बीसीआई के द्वारा हलफनामे में ये भी कहा गया है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में CLAT परीक्षा आयोजित करने के याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे का समर्थन करती है. बीसीआई ने आगे कहा है कि 05 फरवरी को आयोजित ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआईबीई) को 23 भाषाओं अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने का निर्णय लिया गया था.

  1. ये भी पढ़ें: Report card of Delhi MLAs: उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे AAP विधायक, भाजपा MLAs सवाल पूछने में आगे, पढ़ें प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट
  2. ये भी पढ़ें: अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर ब्रेक्जिट जैसे जनमत संग्रह का कोई सवाल ही नहीं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT आयोजित करने की मांग वाली दिल्ली हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका का समर्थन किया है. क्योंकि इससे देश के अधिक नागरिकों को परीक्षा में बैठने और कानून को करियर के रूप में अपनाने का अवसर मिलेगा. यह जनहित याचिका दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि छात्र सुधांशु पाठक ने दायर की है.

कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT), जो कि कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज द्वारा अंग्रेजी भाषा में आयोजित किया जाता है, इस बार CLAT परीक्षा-दिसंबर 2024 और 2023 में होने वाला है. याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि CLAT (UG) परीक्षा भेदभाव करती है. उन सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करने में विफल रहती है, जिनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि क्षेत्रीय भाषाओं में निहित है.

बीसीआई ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कानूनी शिक्षा नियमों के अनुसार, एकीकृत पांच-वर्षीय और तीन-वर्षीय कानून पाठ्यक्रमों में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होना चाहिए, लेकिन संस्थान अंग्रेजी भाषा के अलावा किसी अन्य भाषा में भी शिक्षा की अनुमति देने के लिए खुला है. इसमें कहा गया है कि यदि कानूनी शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी के अलावा अन्य है, तो छात्रों को अंग्रेजी को अनिवार्य पेपर के रूप में लेना होगा.

बता दें, बीसीआई के द्वारा हलफनामे में ये भी कहा गया है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में CLAT परीक्षा आयोजित करने के याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे का समर्थन करती है. बीसीआई ने आगे कहा है कि 05 फरवरी को आयोजित ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआईबीई) को 23 भाषाओं अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने का निर्णय लिया गया था.

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