नई दिल्लीः एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड (AATS) ने कुख्यात डब्बू-बिट्टू गैंग के एक ऐसे गैंगस्टर को गिरफ्तार किया है, जो मकोका के मामले में वांटेड चल रहा था. पकड़े गए इस शातिर गैंगस्टर की पहचान कंवलजीत उर्फ बिट्टू के रूप में हुई है. इसके पास से सात कारतूसों के साथ एक अत्याधुनिक पिस्टल, एक देसी कट्टा और एक चोरी की मोटर साइकिल भी बरामद की गई है. कंवलजीत हत्या, लूटपाट, मकोका और आर्मस एक्ट जैसे चालीस मामलों में शामिल रहा है.
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उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी संजय कुमार सेन ने बताया कि तीन मार्च को दोपहर के समय डब्बू-बिट्टू गैंग के वांटेड क्रिमिनल कंवलजीत उर्फ बिट्टू के बारे में सूचना मिली थी. सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसीपी ऑप्रेशन नरेश खानका के नेतृत्व में AATS इंचार्ज एसआई अखिल, एसआई जयवीर, हेड कॉन्स्टेबल नेमपाल, विपिन, राजदीप, कॉन्स्टेबल पावित, संचित, दीपक और नितिन की टीम गठित की गई.
हथियार और बाइक बरामद
टीम द्वारा लोनी गोल चक्कर ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के पास ट्रैप लगाया गया. कुछ देर के बाद अपाचे बाइक पर सवार एक शख्स को टीम ने रुकने का इशारा किया. इसी बीच शख्स ने पुलिस को देखकर भागने लगा, लेकिन अलर्ट पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया. तलाशी लेने पर पुलिस टीम ने इसके पास से एक पिस्टल, कट्टा, कारतूस बरामद कर लिए. इस बाबत ज्योति नगर थाने में केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.
डब्बू-बिट्टू गैंग के सरगना का है भाई
पुलिस के मुताबिक आरोपी कंवलजीत के पास मिली बाइक कल्याणपुरी इलाके से चोरी की गई थी. गहन जांच पड़ताल में यह भी सामने आया कि आरोपी कंवलजीत दयालपुर थाने में दर्ज हत्या के एक मामले में पैरोल पर जेल से बाहर आया हुआ था. आरोपी दिल्ली के मौजपुर का रहने वाला है और डब्बू-बिट्टू गैंग के सरगना चरणजीत का छोटा भाई है.
चरणजीत को 25 फरवरी को ही उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसने ऐशो-आराम की जिंदगी से आकृषित होकर बेहद ही कम समय में अपना गैंग बना लिया था और डब्बू-बिट्टू गैंग के नाम से जाना जाने लगा. इसकी गिरफ्तारी से जाफराबाद थाने में दर्ज मकोका और कल्यानपुरी थाने में दर्ज केस का खुलासा हुआ है.