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पुलिस हिरासत में शख्स की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में हुई मौत

दिल्ली के भजनपुरा थाने में एक शख्स की तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद शख्स को अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई.

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Published : Aug 19, 2019, 7:32 PM IST

Updated : Aug 19, 2019, 8:17 PM IST

मृतक शख्स, etv bharat

नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी जिले के भजनपुरा थाने में एक केस के सिलसिले में बुलाए गए शख्स की हालत बिगड़ गई. जिसके बाद अस्पताल में ही संदिग्ध हालत में उसकी मौत हो गई.

भजनपुरा में हुई एक शख्स की की संदिग्ध हालात में मौत

जानकारी के मुताबिक 47 साल के संजय कुमार अपने परिवार के साथ ब्रहमपुरी एक्स ब्लॉक की गली नंबर 13 में रहते थे. संजय के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला भजनपुरा थाने में दर्ज है. संजय को उसी केस के सिलसिले में आईओ, ASI ने 15 अगस्त के दिन थाने में बुलाया था.

पूरे दिन थाने में बैठाए रखने के बाद रात में संजय की हालत बिगड़ गई. जिसके बाद पुलिस उसे शास्त्री पार्क और फिर लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल ले गई, जहां उनकी संदिग्ध हालत में मौत हो गई.

परिवार का आरोप है कि पुलिस थाने में संजय को मानसिक रुप से प्रताड़ित किया. जिसके चलते उसकी मौत हो गई. साथ ही उन्होंने आरोप लगया कि अगर संजय की हालत थाने में बिगड़ गई थी तो पुलिस वालों ने यह बात क्यों छुपाई रखी.

सामने आया पुलिस का अमानवीय चेहरा
संजय की बेटी अंजलि के मुताबिक वह लगातार मोबाइल पर अपने पिता के संपर्क में थी और उसके पिता की थाने से गिरफ्तारी और उसके बाद उन्हें कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किए जाने की बात कही गई, लेकिन उन्हें कोर्ट के बजाय अस्पताल पहुंचा दिया गया.
अंजलि ने आरोप लगाया कि थाने में हालत खराब होने के बावजूद उनके पिता के पानी मांगने पर भी उन्हें पानी नहीं दिया गया.

जीटीबी के बजाए क्यों ले गए एलएनजेपी
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पहली बात तो संजय अपनी बाइक से खुद थाने गए थे और उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी भी नहीं थी. ऐसे में अचानक क्या तबियत बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ गया.
परिजनों ने इस बात पर भी सवाल खड़ा किया कि इस तरह के मामलों में मरीज की जीटीबी ले जाया जाता है. फिर आखिर पुलिस संजय को एलएनजेपी क्यों ले गई. ऐसा लगता है कि एलएनजेपी में पुलिस को अपना राज खुलने का संदेह था इसलिए वह उन्हें जीटीबी ले गए.

आखिर क्या था पूरा मामला
मृतक संजय के परिजनों के मुताबिक उन्होंने कुछ रकम उधार ली थी. लेकिन उक्त दबंग आरोपी ने ब्याज वसूलने के बावजूद रकम बरकरार रखी और बाद में उसे बढ़ाकर 20 लाख कर दिया. इतना ही नहीं उनकी जगह पर भी आरोपी ने कब्जा कर लिया और उल्टे झूठा केस भी पुलिस की मिलीभगत से संजय पर बनवा दिया.

नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी जिले के भजनपुरा थाने में एक केस के सिलसिले में बुलाए गए शख्स की हालत बिगड़ गई. जिसके बाद अस्पताल में ही संदिग्ध हालत में उसकी मौत हो गई.

भजनपुरा में हुई एक शख्स की की संदिग्ध हालात में मौत

जानकारी के मुताबिक 47 साल के संजय कुमार अपने परिवार के साथ ब्रहमपुरी एक्स ब्लॉक की गली नंबर 13 में रहते थे. संजय के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला भजनपुरा थाने में दर्ज है. संजय को उसी केस के सिलसिले में आईओ, ASI ने 15 अगस्त के दिन थाने में बुलाया था.

पूरे दिन थाने में बैठाए रखने के बाद रात में संजय की हालत बिगड़ गई. जिसके बाद पुलिस उसे शास्त्री पार्क और फिर लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल ले गई, जहां उनकी संदिग्ध हालत में मौत हो गई.

परिवार का आरोप है कि पुलिस थाने में संजय को मानसिक रुप से प्रताड़ित किया. जिसके चलते उसकी मौत हो गई. साथ ही उन्होंने आरोप लगया कि अगर संजय की हालत थाने में बिगड़ गई थी तो पुलिस वालों ने यह बात क्यों छुपाई रखी.

सामने आया पुलिस का अमानवीय चेहरा
संजय की बेटी अंजलि के मुताबिक वह लगातार मोबाइल पर अपने पिता के संपर्क में थी और उसके पिता की थाने से गिरफ्तारी और उसके बाद उन्हें कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किए जाने की बात कही गई, लेकिन उन्हें कोर्ट के बजाय अस्पताल पहुंचा दिया गया.
अंजलि ने आरोप लगाया कि थाने में हालत खराब होने के बावजूद उनके पिता के पानी मांगने पर भी उन्हें पानी नहीं दिया गया.

जीटीबी के बजाए क्यों ले गए एलएनजेपी
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पहली बात तो संजय अपनी बाइक से खुद थाने गए थे और उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी भी नहीं थी. ऐसे में अचानक क्या तबियत बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ गया.
परिजनों ने इस बात पर भी सवाल खड़ा किया कि इस तरह के मामलों में मरीज की जीटीबी ले जाया जाता है. फिर आखिर पुलिस संजय को एलएनजेपी क्यों ले गई. ऐसा लगता है कि एलएनजेपी में पुलिस को अपना राज खुलने का संदेह था इसलिए वह उन्हें जीटीबी ले गए.

आखिर क्या था पूरा मामला
मृतक संजय के परिजनों के मुताबिक उन्होंने कुछ रकम उधार ली थी. लेकिन उक्त दबंग आरोपी ने ब्याज वसूलने के बावजूद रकम बरकरार रखी और बाद में उसे बढ़ाकर 20 लाख कर दिया. इतना ही नहीं उनकी जगह पर भी आरोपी ने कब्जा कर लिया और उल्टे झूठा केस भी पुलिस की मिलीभगत से संजय पर बनवा दिया.

Intro:उत्तर पूर्वी ज़िले के भजनपुरा थाने में एक केस के सिलसिले में बुलाए गए शख्स की हालत बिगड़ गई और फिर अस्पताल में संदिग्ध अवस्था में उसकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने थाने में उसे मानसिक मानसिक उत्पीड़न के चलते उनकी हालत बिगड़ गई और मौत हो गई फिलहाल परिजन इस पूरे मामले के अंदर जांच के साथ-साथ आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं उधर पुलिस के आला अधिकारी पूरे मामले पर साधे हुए हैं अचानक हुई इस घटना से मृतक का परिवार गहरे सदमे में है.


Body:जानकारी के मुताबिक संजय कुमार (47)अपने परिवार के साथ ब्रहमपुरी एक्स ब्लॉक की गली नंबर 13 में रहते थे, परिवार में पत्नी दो बेटे और एक बेटी अंजलि है. संजय के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला भजनपुरा थाने में दर्ज है, संजय को उसी केस सिलसिले में केस के आईओ एएसआई ने उन्हें 15 अगस्त के दिन थाने में बुलाया था, पूरे दिन थाने में बैठाए रखने के बाद रात में संजय की हालत बिगड़ गई जिसके बाद पुलिस उसे शास्त्री पार्क और फिर लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल ले गई जहां उनकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि पुलिस थाने में संजय को मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जिसके चलते उनकी हालत खराब होने से मौत हो गई.परिजनों का आरोप है कि अगर संजय की हालत थाने में बिगड़ गई थी तो पुलिस वालों ने यह बात छुपाई क्यों रखी.

सामने आया पुलिस का अमानवीय चेहरा
संजय की बेटी अंजलि ने रोते बिलखते हुए बताया कि उनके पिता को छुट्टी के दिन थाने बुलाया गया और फिर थाने में इतना मानसिक शोषण किया गया कि उनकी हालत बिगड़ गई,अंजलि के मुताबिक वह लगातार मोबाइल पर अपने पिता के संपर्क में थी, और उन्हें थाने से पिता की गिरफ्तारी और उन्हें कड़कड़डूमा किलोरत में पेश किए जाने की बात कही गई, लेकिन उन्हें कोइट के बजाय अस्पताल पहुंचा दिया गया, अंजलि ने आरोप लगाया कि थाने में हालात खराब होने के बावजूद उनके पिता को मांगने के बावजूद पानी तक पीने को नहीं दिया गया.


जीटीबी के बजाए क्यों ले गए एलएनजेपी
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पहली बात तो संजय अपनी बाइक से खुद थाने गए थे, और उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी भी नही थी, ऐसे में अचानक एआय क्या तबियत बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ गया. परिजनों ने इस बात पर भी सवाल खड़ा किया कि इस तरह के मामलों में मरीज की जीटीबी ले जाया जाता है, फिर आखिर पुलिस संजय को एलएनजेपी क्यों ले गई.ऐसा लगता है कि जीटीबी में पुलिस को अपना राज खुलने का संदेह था इसलिए वह उन्हें जीटीबी ले गए.

आखिर क्या यह पूरा मामला
मृतक संजय के परिजनों के मुताबिक उन्होंने कुछ रकम उधार ली थी, लेकिन उक्त दबंग आरोपी ने ब्याज वसूलने के बावजूद रकम बरकरार रखी और बाद में उसे बढ़ाकर बीस लाख कर दिया, इतना ही नहीं उनकी जगह पर भी आरोपी ने कब्जा कर लिया.और उल्टे झूठा केस भी पुलिस की मिलीभगत से संजय पर बनवा दिया.


Conclusion:बाईट 1
अंजलि, मृतक की बेटी

बाईट 2
सचिन
मृतक का बेटा

बाईट 3
मृतक की पत्नी

बाईट 4
राजेश
मृतक का भाई
Last Updated : Aug 19, 2019, 8:17 PM IST
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