नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या के मुताबिक 8 जनवरी को श्रीराम कॉलोनी निवासी शमीम ने अपने 10 साल के बेटे के लापता होने की सूचना दी थी. पुलिस को बताया गया कि वह सात जनवरी की शाम से गायब है. वह मदीना मस्जिद गया था फिर वापस नहीं लौटा. पुलिस ने इस मामले में खजूरी खास थाने में किडनैपिंग का केस दर्ज कर लिया.एसीपी खजूरी खास हरीश कुकरेती की टीम ने इस बच्चे की खोजबीन शुरू की. इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी जांच की.
मस्जिद की दूसरी मंजिल पर मलबे के नीचे दबा मिल था बच्चा
पुलिस ने मदीना मस्जिद की हरेक मंजिल पर जाकर बच्चे को तलाश किया. दूसरी मंजिल पर यह बच्चा एक कोने में मलबे के नीचे दबा मिल गया. पीड़ित शमीम ने बेटे फरहान की पहचान कर ली.जांच में पुलिस को पता लगा कि इस बच्चे काे आखिरी बार दो नाबालिगों के साथ देखा गया था. पुलिस ने इन दोनों नाबालिगों को पकड़ लिया. बातचीत में दोनों नाबालिगों ने बच्चे को मारने की बात स्वीकार कर ली.
10 दिन पहले नींद की गाेलियां दी थीं
दोनों नाबालिगों ने बताया वे बच्चे को किडनैप कर उसके पिता से रुपए वसूलना चाहते थे. जिसके तहत उन्होंने करीब 10 दिन पहले पानी में नींद की गाेलियां मिलाकर दी.लेकिन उसे पीने के बाद भी बच्चे को कुछ नहीं हुआ.इस वजह से उनका यह प्लान फेल हो गया.
बच्चे के पिता से रुपए वसूलना चाहते थे
बच्चे के गायब होने वाले दिन आरोपियों ने बच्चे से मोमोज लेकर आने के लिए कहा.पहली मंजिल पर सबने मोमोज खाए और फिर आरोपी बच्चे को छत पर ले गए.एक आरोपी ने बच्चे का गला घोंटा तो वहीं दूसरे ने उसके पैर पकड़ लिए थे. हत्या के बाद वे बच्चे के पिता से उसे छोड़ने के एवज में रुपए वसूलना चाहते थे.पुलिस ने इस केस में मृत बच्चे के जूते और शव को छिपाने में इस्तेमाल पॉलीथीन बैग बरामद किया है.
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मासूम की हत्या के इस मामले से इलाके में दहशत का माहौल बन गया था. लेकिन इस वारदात के खुलासे ने इलाके के लोगों को हैरान और परेशान कर दिया है.