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दिल्ली दंगों में हेड कांस्टेबल की हत्या में वांटेड आरोपी मणिपुर से गिरफ्तार

पश्चिमी रेंज-2 अपराध शाखा की टीम ने एक लाख के वांटेड अपराधी मो. खालिद को गिरफ्तार किया है. यह आरोपी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में शामिल रहा है. लगभग तीन साल पहले 2020 थाना दयालपुर में मामला दर्ज हुआ था, जिसमें दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या कर दी गई थी. इसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित था. दंगों में कई लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे.

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Published : Jul 10, 2023, 6:00 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के दौरान हेड कांस्टेबल की हुई हत्या में शामिल वांटेड को पश्चिमी रेंज-2 अपराध शाखा की टीम ने मणिपुर से गिरफ्तार किया है. उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह को गुप्त सूचना मिली थी कि वांटेड अपराधी मो. खालिद भारत-म्यांमार बॉर्डर के पास मणिपुर के इम्फाल में छिपा हुआ है.

सूचना पर संयुक्त आयुक्त एसडी मिश्रा और डीसीपी सतीश कुमार की देखरेख एसीपी यशपाल सिंह, इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह, सब इंस्पेक्टर रवि भूषण, हेडकांस्टेबल जितेंद्र सिंह और मोहित कुमार की टीम ने लगातार टेक्निकल सर्विलांस से नजर रखी. आरोपी की वास्तविक लोकेशन का पता चलते ही टीम ने एक्शन लेते हुए आरोपी को इम्फाल से गिरफ्तार कर लिया.

आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि साल 2020 में वह अपने बड़े भाई मो. अयाज और अन्य साथियों के साथ दिल्ली के चांद बाग में हो रहे सीएए/एनआरसी विरोधी प्रदर्शन में शामिल हुआ था. उसके घर पर एक गुप्त बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें लाठी, लोहे की रॉड आदि इकट्ठे करने और सड़कों को ब्लॉक करने का निर्णय लिया गया था. भीड़ ने सड़कों को बन्द करके दंगा करना शुरू कर दिया. दंगों के दौरान चांद बाग विरोध प्रदर्शन स्थल पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई और मेन वजीराबाद रोड को अवरुद्ध करने का प्रयास किया गया.

जब पुलिस टीम ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो आरोपी खालिद, उसका भाई मो. अयाज और अन्य दंगाइयों ने पथराव करते हुए और पुलिस दल पर हमला कर दिया. जिसमेंं दिल्ली पुलिस के हेडकांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई और कई अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

11 साल से फरार वांटेड गिरफ्तारः द्वारका जिला के एंटी बर्गलरी सेल की टीम ने 11 साल से फरार चल रहे एक वांटेड को गिरफ्तार किया है. उस पर अलग-अलग थानों में 12 मामले चल रहे हैं. गिरफ्तार आरोपी की पहचान संजय के रूप में हुई है. यह रघुवीर नगर का रहने वाला है. इसकी द्वारका पुलिस को 2009 में दर्ज एक मामले में एक दशक से ज्यादा समय से तलाश थी. यह ख्याला थाने का घोषित बदमाश भी है. गिरफ्तार संजय पश्चिमी दिल्ली के हरिनगर, ख्याला, नॉर्थ दिल्ली के बुरारी, बाहरी दिल्ली के निहाल विहार, रान्होला, द्वारका जिला के छावला, बाबा हरिदास नगर और द्वारका सेक्टर 23 थाना इलाकों में एक दर्जन वारदात को अंजाम दे चुका है.

ये भी पढ़ें: Delhi Riots 2020: कड़कड़डूमा कोर्ट ने हिंसक भीड़ में शामिल होने के आरोपी को दी जमानत

नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के दौरान हेड कांस्टेबल की हुई हत्या में शामिल वांटेड को पश्चिमी रेंज-2 अपराध शाखा की टीम ने मणिपुर से गिरफ्तार किया है. उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह को गुप्त सूचना मिली थी कि वांटेड अपराधी मो. खालिद भारत-म्यांमार बॉर्डर के पास मणिपुर के इम्फाल में छिपा हुआ है.

सूचना पर संयुक्त आयुक्त एसडी मिश्रा और डीसीपी सतीश कुमार की देखरेख एसीपी यशपाल सिंह, इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह, सब इंस्पेक्टर रवि भूषण, हेडकांस्टेबल जितेंद्र सिंह और मोहित कुमार की टीम ने लगातार टेक्निकल सर्विलांस से नजर रखी. आरोपी की वास्तविक लोकेशन का पता चलते ही टीम ने एक्शन लेते हुए आरोपी को इम्फाल से गिरफ्तार कर लिया.

आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि साल 2020 में वह अपने बड़े भाई मो. अयाज और अन्य साथियों के साथ दिल्ली के चांद बाग में हो रहे सीएए/एनआरसी विरोधी प्रदर्शन में शामिल हुआ था. उसके घर पर एक गुप्त बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें लाठी, लोहे की रॉड आदि इकट्ठे करने और सड़कों को ब्लॉक करने का निर्णय लिया गया था. भीड़ ने सड़कों को बन्द करके दंगा करना शुरू कर दिया. दंगों के दौरान चांद बाग विरोध प्रदर्शन स्थल पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई और मेन वजीराबाद रोड को अवरुद्ध करने का प्रयास किया गया.

जब पुलिस टीम ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो आरोपी खालिद, उसका भाई मो. अयाज और अन्य दंगाइयों ने पथराव करते हुए और पुलिस दल पर हमला कर दिया. जिसमेंं दिल्ली पुलिस के हेडकांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई और कई अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

11 साल से फरार वांटेड गिरफ्तारः द्वारका जिला के एंटी बर्गलरी सेल की टीम ने 11 साल से फरार चल रहे एक वांटेड को गिरफ्तार किया है. उस पर अलग-अलग थानों में 12 मामले चल रहे हैं. गिरफ्तार आरोपी की पहचान संजय के रूप में हुई है. यह रघुवीर नगर का रहने वाला है. इसकी द्वारका पुलिस को 2009 में दर्ज एक मामले में एक दशक से ज्यादा समय से तलाश थी. यह ख्याला थाने का घोषित बदमाश भी है. गिरफ्तार संजय पश्चिमी दिल्ली के हरिनगर, ख्याला, नॉर्थ दिल्ली के बुरारी, बाहरी दिल्ली के निहाल विहार, रान्होला, द्वारका जिला के छावला, बाबा हरिदास नगर और द्वारका सेक्टर 23 थाना इलाकों में एक दर्जन वारदात को अंजाम दे चुका है.

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