नई दिल्लीः मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार सुपरटेक कंपनी के मालिक आरके अरोड़ा ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका दायर की है. याचिका पर 5 जनवरी को सुनवाई होगी. अरोड़ा ने कहा है कि जेल प्रशासन के कहने पर हमें राम मनोहर लोहिया अस्पताल चेकअप के लिए भेजा गया था. अस्पताल के डॉक्टरों ने चेकअप के बाद पाया कि स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा है.
याचिका में कहा गया है कि जेल के अंदर इलाज मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन उसकी तुलना किसी निजी अस्पताल से नहीं की जा सकती है. तुरंत रिहा करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि अगर अरोड़ा के इलाज के लिए रिहा नहीं किया गया तो उनका स्वास्थ्य और बिगड़ सकता है. बता दें, 26 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने अरोड़ा के खिलाफ ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.
इनको बनाया गया है आरोपीः ईडी ने आरके अरोड़ा के अलावा सुपरटेक लिमिटेड, नेहा तलरेजा, मेसर्स सर्व रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एएसपी सरिन रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स पलास बिल्डिंग सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, गुडटाइम बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स दामोदर बिल्ड इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड, दून वैली टेक्नोपॉलिस प्राइवेट लिमिटेड और आरके अरोड़ा फैमिली ट्रस्ट को आरोपी बनाया है.
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ईडी ने अरोड़ा को 27 जून को 2023 गिरफ्तार किया था. सुपरटेक समूह के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई एफआईआर दर्ज हैं. इसी आधार पर ईडी ने सुपरटेक समूह, उसके निदेशकों व प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया था. अप्रैल 2023 में ईडी ने सुपरटेक और उसके निदेशकों की 40 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की थीं.
क्या है आरोप, जानिएः एफआईआर के अनुसार, अरोड़ा और सुपरटेक पर फ्लैट बुक कराने वालों से अग्रिम राशि लेकर धोखाधड़ी करने के आरोप हैं. ईडी के मुताबिक सुपरटेक और समूह की कंपनियों ने फ्लैट खरीदारों की राशि के आधार पर बैंक से कर्ज लिए और राशि का गबन कर लिया. दूसरी कंपनियों के नाम से जमीन खरीदी गई और उनके आधार पर भी बैंकों से कर्ज लिया. आरके अरोड़ा उसी कंपनी के मालिक हैं, जिसके नोएडा में बने ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस ट्विन टावर को 28 अगस्त 2022 को गिरा दिया गया था.