नई दिल्ली: हाल ही में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली से 108 भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने के आदेश पारित किए थे. जिसके बाद दिल्ली की सभी सिविक एजेंसियों में हड़कंप मच गया है. बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में भी 38 वरिष्ठ अधिकारियों को एकाएक उपराज्यपाल के आदेशों के बाद 56 J के तहत रिटायर कर दिया गया है.
'4 महीने से चल रही है प्रक्रिया'
इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जयप्रकाश से बातचीत की. उन्होंने कहा यह एक लंबी प्रक्रिया थी. जो पिछले 4 महीने से चल रही है, जिसके बाद कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आदेश दिए गए है. जाहिर है कमेटी की रिपोर्ट भी कुछ ना कुछ तथ्यों पर आधारित रही होगी, जिसके बाद उपराज्यपाल इस तरह के आदेश जारी किए हैं.
'भ्रष्टाचार में लिप्त थे अधिकारी'
उनका कहना है कि बीजेपी की सरकार सीधे तौर पर भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहती है. जिसके लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे है और अब नतीजे भी सामने आ रहे हैं. जिन अधिकारियों को हटाया गया है वो कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार में लिप्त है. जिसकी वजह से उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है. आने वाले समय में भी अगर अधिकारी लिप्त पाए जाते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
'जांच के बाद सख्त एक्शन लिया जाएगा'
बहरहाल उत्तरी दिल्ली नगर निगम की बात करें तो निगम के अंदर अभी भी काफी सारे ऐसे अधिकारी है. जो ऊपर से नीचे तक पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. जिनके बारे में सवाल करने पर जयप्रकाश ने कहा कि जैसे ही अधिकारियों के नाम सामने आएंगे उनके ऊपर जांच के बाद सख्त एक्शन लिया जाएगा, चाहे फिर वह अधिकारी कमिश्नर का करीबी हो या फिर किसी और का.