नई दिल्ली: अपराध करने के बाद आरोपी भले ही पुलिस के सामने झूठ बोल दे लेकिन एफएसएल के सामने अब उसका झूठ नहीं चल पाएगा. जी हां, दिल्ली की एफएसएल में अब ब्रेन मैपिंग मशीन लगाई जा रही है. यह जानकारी एफएसएल की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में दी गई है. अभी तक यह मशीन केवल गुजरात के गांधी नगर स्थित एफएसएल में ही थी. दिल्ली देश का दूसरा एकमात्र एफएसएल है, जिसके पास यह मशीन होगी.
जानकारी के अनुसार अपराधियों द्वारा किये गए जुर्म को साबित करने एवं साक्ष्य जुटाने के लिए एफएसएल लगातार काम कर रही है. कुछ समय पहले एफएसएल में झूठ को पकड़ने के लिए लाई डिटेक्टर मशीन लगाई गई थी. इसके बाद अब यहां पर ब्रेन मैपिंग टेस्ट की मशीन लगाई गई है.
एफएसएल का मानना है कि इस मशीन के जरिये वह अपराध साबित करने में पुलिस की काफी मदद कर पाएंगे. वहीं इसके साथ ही अपराधियों को दोषी करार दिलवाने के प्रतिशत में भी इजाफा होगा.
तीन माह बाद से होने लगेगी जांच
एफएसएल के सह प्रवक्ता रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट को निदेशक की तरफ से यह बता दिया गया है कि उन्होंने ब्रेन मैपिंग मशीन ले ली है. जल्द ही इससे संबंधित केस आने पर वह मशीन से जांच कर सकेंगे.
ब्रेन मैपिंग टेस्ट से साइंटिफिक सबूत मिलेंगे और यह ज्यादा विश्वसनीय होंगे. इस मशीन पर होने वाली जांच के लिए अभी प्रशिक्षण दिया जाएगा. एफएसएल अधिकारियों की माने तो तीन माह बाद यह जांच एफएसएल में शुरु हो जाएगी.
अपराधियों का सच आएगा सामने
स्पेशल क्राइम सीन मैनेजमेंट इनचार्ज एसके गुप्ता के अनुसार यह सुविधा शुरू होने से पुलिस द्वारा सच उगलवाने के लिए की जाने वाली मेहनत में काफी राहत मिलेगी. यह मशीन बदमाशों के लिए एक बड़ी परेशानी होगी.
सह प्रवक्ता रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि यह पूरी तरह साइंटिफिक प्रक्रिया है, जिसके जरिए वह साक्ष्य सामने रखते हैं. इससे जांच एजेंसी को पक्का सबूत मिलेगा और इससे आरोपियों को सजा दिलवाने में मदद मिलेगी.
इसकी वजह से उन लोगों को भी फायदा होगा जिन्होंने अपराध नहीं किया है, लेकिन गलत साक्ष्यों के आधार पर वह गिरफ्तार हो गए हैं. उनका सच भी सामने आएगा.