नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के नरेला विधानसभा में बख्तावरपुर से हिरणकी तक बनने वाला नाला लोगों के लिए बड़ी समस्या का कारण बनता जा रहा है. नाले का निर्माण कार्य चलते हुए एक साल से ज्यादा का वक्त हो गया है. नाले का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ, लेकिन नाला कई जगह से टूटना शुरू हो गया है. काम की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए और दिल्ली सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया. इस नाले की वजह से किसानों की फसलों में पानी भर गया है. फसलें बर्बाद हो रही है. नाले का गंदा पानी जिस जमीन पर फैला है उस जमीन में उगने वाली फसल और सब्जियों में बहुत ज्यादा केमिकल है और दिल्ली के लोग ये जहरीली सब्जियां खाने को मजबूर है.
पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और ठेकेदार इस बाबत ध्यान नहीं दे रहे हैं. किसानों के सामने एक और यहां पर बड़ी समस्या बनी हुई है कि नाले की दीवारें खड़ी कर दी गई और उसके ऊपर स्लैप नहीं डाले गए. किसानों के खेतों में जो रास्ते जाते थे उन रास्तों से किसानों के वाहनों का आना जाना बंद हो गया है, क्योंकि नाले की खुदाई हो गई है. एक साल से नाला खुदा हुआ है कहीं लकड़ी की पलाई डालकर तो कहीं दूसरे इंतजाम करके किसान लोग पैदल ही खेत में जाते हैं, लेकिन जब उन्हें अपनी फसल को लाना होता है तो कोई पुलिया या नाले के ऊपर स्लैब नहीं होने से किसानों को बहुत ज्यादा समस्या हो रही है.
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इस नाले को लेकर स्थानीय लोगों ने आरटीआई भी दायर की. 2022 में डाली गई आरटीआई का जवाब अभी तक नहीं आया है और टालमटोल की जा रही है. इस बाबत संबंधित विभाग के एई से बात की तो उन्होंने बताया कि बारिश से पहले नाले के काम को पूरा कर दिया जाएगा.
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