नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बवाना और नरेला इलाके में बने राजीव रतन आवास योजना के फ्लैट खंडहर में तब्दील हो रहे हैं. झुग्गी वालों को यहां बसाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करके यहां फ्लैट्स बनाए गए थे. अब तक एक भी फ्लैट को अलॉट नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा झुग्गियां हटाने का आदेश दिया गया, लेकिन सालों से तैयार फ्लैट सरकार द्वारा अभी तक आवंटित नहीं किए गए. सुनसान फ्लैट्स में कई बार आपराधिक घटनाएं भी हो चुकी हैं.
सरकार कर रही राजनीति
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 4800 करोड़ झुग्गियों को हटाने का फैसला आते ही झुग्गी में रहने वाले लोगों के आशियाने पर तलवार लटक गई है. वहीं हजारों की संख्या में बने हुए राजीव रतन आवास योजना के फ्लैट खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. 2008 में राजीव रतन आवास योजना के फ्लैट का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. अभी तक इन फ्लैटों को अलॉट नहीं किया गया है. आसपास से निकलने में भी लोग घबराते हैं. लोगों का आरोप है कि सरकार गरीबों के आशियाने पर भी राजनीति कर रही है.
![The flats lying in ruins were not allotted](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8803858_dasds.bmp)
16 हजार फ्लैट्स बने खंडहर
राजीव रतन आवास योजना के तहत करीब 16 हजार फ्लैट बनाए गए. इन फ्लैटों को बनाने का मकसद दिल्ली में झुग्गियों को जब पूरी तरीके से खत्म किया जाना था तब झुग्गी वालों को इन फ्लैटों में अलॉट किया जाना था. करोड़ों रुपये की लागत से इन फ्लैटों को तो तैयार कर दिया गया, लेकिन यह फ्लैट सिर्फ राजनीति की भेंट चढ़े. फ्लैटों में लगे हुए खिड़की, दरवाजे, नल बिजली की फिटिंग सभी यहां के आपराधिक तत्व उखाड़कर ले गए. यह फ्लैट अपराधिक गतिविधियों का अड्डा बन चुके हैं. आए दिन लूटपाट जैसी वारदातों को यहां अंजाम दिया जाता है.
![Window and doors also broken](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8803858_sdesds.bmp)
सवाल यह खड़ा होता है कि हर चुनाव में जहां झुग्गी वहीं मकान का वादा करने वाली सरकार आखिरकार सालों से तैयार यह फ्लैट गरीबों को अलॉट क्यों नहीं कर रही है. इससे दिल्ली में झुग्गियों को हटाया भी जाए और झुग्गी वालों को उनका आशियाना भी मिल सकता है.
![The flat was deserted for years](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8803858_sddvd.bmp)