नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पताल में एक बार फिर से लापरवाही करने के मामले सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि एक गर्भवती महिला जो इलाज के लिए बाबू जगजीवन राम अस्पताल आई थी, उस महिला के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने सीधे तौर पर डॉक्टरों पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है.
बाबू जगजीवन राम अस्पताल पर लापरवाही का आरोप: जानकारी के अनुसार महिला का गर्भ को लेकर शुरुआत से ही बाबू जगजीवन राम में इलाज चल रहा था. डॉक्टरों ने उसे 3 मार्च को डिलीवरी के लिए बोला था, लेकिन 3 मार्च को डिलीवरी नहीं हुई. फिर डॉक्टर के कहे अनुसार गर्भवती महिला 12 मार्च को अपने परिवार के साथ अस्पताल पहुंची और बताया कि उसको तकलीफ है. ऐसे में जब डॉक्टर ने महिला की जांच की तो मालूम हुआ कि बच्चे की दिल की धड़कन नहीं चल रही है, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई है.
परिवार का आरोप है कि अस्पताल पहुंचने के बाद काफी देर तक महिला का ट्रीटमेंट नहीं किया गया और उसके बाद बताया गया कि बच्चे की हार्टबीट नहीं चल रही है, आप बाहर कहीं जाकर अल्ट्रासाउंड करवाइए. परिवार और स्थानीय समाजसेवियों का कहना है कि इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड तक की व्यवस्था नहीं है. जिस वजह से वह अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर भटकती रही और गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई. वहीं गर्भवती महिला भी गर्भ में बच्चे की मौत की वजह से बेहद बीमार है.
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पीड़िट परिवार जहांगीरपुरी के J ब्लॉक का ही रहने वाला है. फिलहाल पीड़ित परिवार ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में भी इसकी शिकायत दी है. दिल्ली सरकार के इतने बड़े अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है. साथ ही सीनियर डॉक्टरों की भी भारी कमी है. इन सभी को लेकर स्थानीय लोग दिल्ली सरकार से बेहद नाराज हैं.
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