नई दिल्ली: दिल्ली की तिमारपुर विधानसभा के वजीराबाद इलाके के लोग जनप्रतिनिधियों की बेरुखी का शिकार है. यहां के लोगों ने बताया कि वजीराबाद इलाके की गालियां सालों से टूटी हुई है, गलियों में नाली का पानी भरा रहता है. लोग गंदे पानी के बीच से निकलने को मजबूर है. लोगों ने जनप्रतिनिधियो पर आरोप लगाया है कि उनके झूठे अश्वशनों से परेशान होकर खुद चंदा इकट्ठा कर टूटी गलियों को बनवा रहे हैं. इलाके की कई गलियों में गंदगी का अंबार है.
गंदगी के चलते यहां बदबू इस कदर है कि यहां रहने वाले लोगों का सांस लेना भी दुश्वार हो रहा है. यहां के लोग काफी परेशान है. इस समस्या का समाधान के लिए लोगों ने जनप्रतिनियों से कई बार शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ. यहां न तो गलियों का निर्माण कार्य हुआ और न ही साफ-सफाई प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई. इससे परेशान होकर लोगों ने हर घर से 12 से 15 हजार रुपये चंदा इखट्टा किया और गली का निर्माण करवाया. करीब 10 फिट चौड़ी व 180 मीटर लंबी गली को RMC डाल कर बनाया गया. इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
वजीराबाद इलाके में चंदा इखट्टा कर गली का निर्माण पहली घटना नहीं है, बल्कि करीब 1 साल पहले जावेद उर्फ कमालुद्दीन नाम के एक मजदूर ने अपने निजी पैसे से 8 फुट चौड़ी व 150 मीटर लम्बी गली का निर्माण करवाया था. क्योंकि उनकी इकलौती बेटी गंदगी के चलते बहुत बीमार हो चुकी थी. प्रशाशन की तरफ से गली को बनाने का सिर्फ आश्वाशन ही मिल रहा था.
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