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रेलवे में भर्ती के नाम पर लाखों की ठगी, फर्जी मेडिकल से लेकर ट्रेनिंग भी कराता था गैंग

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Published : Dec 12, 2019, 8:59 PM IST

दिल्ली में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले दो बदमाशों को मध्य जिला स्पेशल स्टाफ ने गिरफ्तार किया है. बता दें कि आरोपियों ने टीटीई की नौकरी लगवाने के लिए 25 लाख रुपए की ठगी की थी.

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रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी

नई दिल्ली: रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले दो बदमाशों को मध्य जिला स्पेशल स्टाफ ने गिरफ्तार किया है. रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर वे पीड़ितों का न केवल अस्पताल में मेडिकल करवाते थे बल्कि नियुक्ति से पहले उनकी ट्रेंनिंग भी करवा देते थे. इसके बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिया जाता था.

रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी

टीटीई की नौकरी के लिए ठगे 25 लाख रुपए
दिल्ली के नबी करीम में दर्ज एक मामले में आरोपियों ने टीटीई के नौकरी लगवाने के लिए 25 लाख रुपए की ठगी की थी. इनके पास से कुछ मोबाइल, बैंक कार्ड, फर्जी नियुक्ति पत्र आदि बरामद किए हैं.

पैसे ठगे पर नौकरी नहीं लगवाई
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा के मुताबिक आंध्र प्रदेश के रहने वाले गंता परुद्धवि स्वामी ने नबी करीम थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया कि विकेश सिंह, अतुल जैन और कुछ अन्य लोगों ने उससे 25 लाख रुपये की ठगें. उसे रेलवे में टिकट चेकर बनाने के नाम पर पिछले साल आरोपियों ने ये रकम ली लेकिन उसकी नौकरी नहीं लगवाई. ये मामला नबी करीम थाने में मामला दर्ज किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच ऑपरेशन एसीपी नरेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर ललित कुमार को सौंपी गई.

बैंक डिटेल की मदद से दो आरोपी गिरफ्तार
छानबीन के दौरान पुलिस ने पीड़ित और संदिग्धों की बैंक अकाउंट डिटेल खंगाली. इससे पता चला कि पीड़ित ने 11 लाख रुपये विकेश सिंह के बैंक खाते में डाले थे. ये भी पता चला कि उसने अपना नंबर बंद कर नया मोबाइल नंबर ले लिया है. इसकी मदद से पुलिस टीम ने लगभग 3 महीने की मशक्कत के बाद आखिरकार उसको मुकुंदपुर से गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अतुल जैन को भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया है.

मेडिकल से लेकर फर्जी प्रशिक्षण करवाते थे आरोपी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दक्षिण भारत, उड़ीसा, महाराष्ट्र आदि राज्यों के लोगों को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनके साथ ठगी करते थे. उनसे फॉर्म भरवाए जाने के साथ दस्तावेज भी जमा कराए जाते थे. सरकारी अस्पताल में उनका मेडिकल भी करवा दिया जाता था. उन्हें नियुक्ति से पहले फर्जी ट्रेनिंग सेशन भी करवाया जाता था. उन्हें बाद में ठगी का एहसास होता था. ये गैंग फर्जी ट्रेनिंग बिहार के सहरसा और लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के पास करवाता था. पुलिस ने फिलहाल आगे पूछताछ के लिए इन लोगों को रिमांड पर लिया है.

मुंबई में बना ठगों का ये गैंग
गिरफ्तार किया गया विकेश सिंह ग्रेजुएट है. वे नौकरी की तलाश में 2014 में मुंबई गया था. वहां उसे मर्चेंट नेवी में नौकरी मिली. वहीं उसकी मुलाकात देवेश और अतुल जैन से हुई जो फर्जी जॉब रैकेट चलाते थे. उनके साथ मिलकर वे ठगी करने लगा. गिरफ्तार किया गया अतुल जैन पहले भी ठगी के एक मामले में अमर कॉलोनी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है.

नई दिल्ली: रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले दो बदमाशों को मध्य जिला स्पेशल स्टाफ ने गिरफ्तार किया है. रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर वे पीड़ितों का न केवल अस्पताल में मेडिकल करवाते थे बल्कि नियुक्ति से पहले उनकी ट्रेंनिंग भी करवा देते थे. इसके बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिया जाता था.

रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी

टीटीई की नौकरी के लिए ठगे 25 लाख रुपए
दिल्ली के नबी करीम में दर्ज एक मामले में आरोपियों ने टीटीई के नौकरी लगवाने के लिए 25 लाख रुपए की ठगी की थी. इनके पास से कुछ मोबाइल, बैंक कार्ड, फर्जी नियुक्ति पत्र आदि बरामद किए हैं.

पैसे ठगे पर नौकरी नहीं लगवाई
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा के मुताबिक आंध्र प्रदेश के रहने वाले गंता परुद्धवि स्वामी ने नबी करीम थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया कि विकेश सिंह, अतुल जैन और कुछ अन्य लोगों ने उससे 25 लाख रुपये की ठगें. उसे रेलवे में टिकट चेकर बनाने के नाम पर पिछले साल आरोपियों ने ये रकम ली लेकिन उसकी नौकरी नहीं लगवाई. ये मामला नबी करीम थाने में मामला दर्ज किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच ऑपरेशन एसीपी नरेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर ललित कुमार को सौंपी गई.

बैंक डिटेल की मदद से दो आरोपी गिरफ्तार
छानबीन के दौरान पुलिस ने पीड़ित और संदिग्धों की बैंक अकाउंट डिटेल खंगाली. इससे पता चला कि पीड़ित ने 11 लाख रुपये विकेश सिंह के बैंक खाते में डाले थे. ये भी पता चला कि उसने अपना नंबर बंद कर नया मोबाइल नंबर ले लिया है. इसकी मदद से पुलिस टीम ने लगभग 3 महीने की मशक्कत के बाद आखिरकार उसको मुकुंदपुर से गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अतुल जैन को भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया है.

मेडिकल से लेकर फर्जी प्रशिक्षण करवाते थे आरोपी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दक्षिण भारत, उड़ीसा, महाराष्ट्र आदि राज्यों के लोगों को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनके साथ ठगी करते थे. उनसे फॉर्म भरवाए जाने के साथ दस्तावेज भी जमा कराए जाते थे. सरकारी अस्पताल में उनका मेडिकल भी करवा दिया जाता था. उन्हें नियुक्ति से पहले फर्जी ट्रेनिंग सेशन भी करवाया जाता था. उन्हें बाद में ठगी का एहसास होता था. ये गैंग फर्जी ट्रेनिंग बिहार के सहरसा और लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के पास करवाता था. पुलिस ने फिलहाल आगे पूछताछ के लिए इन लोगों को रिमांड पर लिया है.

मुंबई में बना ठगों का ये गैंग
गिरफ्तार किया गया विकेश सिंह ग्रेजुएट है. वे नौकरी की तलाश में 2014 में मुंबई गया था. वहां उसे मर्चेंट नेवी में नौकरी मिली. वहीं उसकी मुलाकात देवेश और अतुल जैन से हुई जो फर्जी जॉब रैकेट चलाते थे. उनके साथ मिलकर वे ठगी करने लगा. गिरफ्तार किया गया अतुल जैन पहले भी ठगी के एक मामले में अमर कॉलोनी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है.

Intro:नई दिल्ली
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले दो बदमाशों को मध्य जिला स्पेशल स्टाफ ने गिरफ्तार किया है. रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर वह पीड़ितों का न केवल अस्पताल में मेडिकल बल्कि नियुक्ति से पहले उनका प्रशिक्षण भी करवा देते थे. इसके बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिया जाता था. नबी करीम में दर्ज एक मामले में आरोपियों ने टीटीई लगवाने के लिए 25 लाख रुपए की ठगी की थी. इनके पास से कुछ मोबाइल, बैंक कार्ड, फर्जी नियुक्ति पत्र आदि बरामद किए हैं.


Body:डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा के अनुसार आंध्र प्रदेश के रहने वाले गंता परुद्धवि स्वामी ने नबी करीम थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया कि विकेश सिंह, अतुल जैन एवं कुछ अन्य लोगों ने उसके साथ 25 लाख रुपये की ठगी की है. उसे रेलवे में टिकट चेकर बनाने के नाम पर पिछले साल आरोपियों ने यह रकम ली, लेकिन उसकी नौकरी नहीं लगवाई. इस बाबत नबी करीम थाने में मामला दर्ज किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच ऑपरेशन एसीपी नरेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर ललित कुमार को सौंपी गई.



बैंक डिटेल की मदद से दो आरोपी गिरफ्तार
छानबीन के दौरान पुलिस ने पीड़ित एवं संदिग्धों की बैंक अकाउंट डिटेल खंगाली. इससे पता चला कि पीड़ित ने 11 लाख रुपये विकेश सिंह के बैंक खाते में डाले थे. यह भी पता चला कि उसने अपना नंबर बंद कर नया मोबाइल नंबर ले लिया है. इसकी मदद से पुलिस टीम ने लगभग 3 महीने की मशक्कत के बाद आखिरकार उसको मुकुंदपुर से गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अतुल जैन को भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया है.


मेडिकल से लेकर फर्जी प्रशिक्षण करवाते थे आरोपी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह दक्षिण भारत, उड़ीसा, महाराष्ट्र आदि जगह के लोगों को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनके साथ ठगी करते थे. उनसे फॉर्म भरवाए जाने के साथ दस्तावेज भी जमा कराए जाते थे. सरकारी अस्पताल में उनका मेडिकल भी करवा दिया जाता था. उन्हें नियुक्ति से पहले फर्जी ट्रेनिंग सेशन भी करवाया जाता था. उन्हें बाद में ठगी का एहसास होता था. यह गैंग फर्जी ट्रेनिंग बिहार के सहरसा और लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के पास करवाता था. पुलिस ने फिलहाल आगे पूछताछ के लिए इन लोगों को रिमांड पर लिया है.


Conclusion:मुम्बई में बना ठगों का यह गैंग
गिरफ्तार किया गया विकेश सिंह ग्रेजुएट है. वह नौकरी की तलाश में 2014 में मुंबई गया था. वहां उसे मर्चेंट नेवी में नौकरी मिली. वहीं उसकी मुलाकात देवेश और अतुल जैन से हुई जो फर्जी जॉब रैकेट चलाते थे. उनके साथ मिलकर वह ठगी करने लगा. गिरफ्तार किया गया अतुल जैन पहले भी ठगी के एक मामले में अमर कॉलोनी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है.
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