नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली सहित पूरे भारत में बढ़ते हुए प्रदूषण को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ रही है. खासतौर पर देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण हर किसी के लिए चिंता का विषय है. इसको लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी), केंद्र सरकार और राज्य सरकार सभी चिंता जाहिर कर चुके हैं और समय-समय पर नए नियम और कई तरीके के कामों पर प्रतिबंध भी लगाए गए हैं.
इस बीच राजधानी में मेट्रो द्वारा प्रदूषण फैलाने का कारण सामने आया है. समाजसेवी हरपाल राणा ने एनजीटी में एक याचिका दायर कर इस बात का खुलासा किया है. उनका कहना है कि दिल्ली सहित कई राज्यों में मेट्रो एनजीटी के नियमों का उल्लंघन कर रही है. मेट्रो स्टेशन के साथ-साथ मेट्रो पिलर से बारिश और कई तरीके के दूषित पानी सड़कों पर ही छोड़ा जा रहा है, जो प्रदूषण का कारण बन रहा है. उनकी याचिका पर एनजीटी ने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया, जो मामले की जांच कर रही है.
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शुरुआती दौर में मेट्रो से कई बार हरपाल राणा ने सही जानकारी मांगी, लेकिन उन्हें सही जानकारी नहीं मिली. आखिरकार उन्होंने एनजीटी में एक याचिका दायर कर दी. अब इस मुद्दे पर कमेटी द्वारा जांच की जा रही है. उनका कहना है कि नियम के मुताबिक एक निर्धारित पैमाने से अधिक कंस्ट्रक्शन के काम पर वॉटर हार्वेस्टिंग बनाना जरूरी है, लेकिन मेट्रो विभाग ने कहीं भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधाएं नहीं दी है. जिससे पानी सीधे सड़कों पर आता है और उससे प्रदूषण फैल रहा है. यहां सीधे तौर पर मेट्रो विभाग द्वारा एनजीटी के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है.
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