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साहित्य मंच पर आईपीएस ने सुनाई कविताएं, लेखकों ने सुनाई यात्रा वृतांत - आईपीएस अधिकारी मृत्युंजय सिंह

मंडी हाउस के पास साहित्य अकादमी में ‘साहित्य मंच’ का आयोजन किया गया. इसमें नवोदित कवियों और लेखकों ने अपनी-अपनी रचनाएं सुनाई. खास आकर्षण आईपीएस अधिकारी मृत्युंजय सिंह रहे.

पवन माथुर ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की
पवन माथुर ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की
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Published : Dec 8, 2022, 6:02 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मंडी हाउस के पास साहित्य अकादमी में ‘साहित्य मंच’ नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें बतौर आईपीएस अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने अपनी कविताएं सुनाई. इसके अलावा पवन माथुर ने भी अपनी कविताएं प्रस्तुत की. कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने दोनों रचनाकारों का स्वागत किया.

सर्वप्रथम पवन माथुर ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की. पवन माथुर सुप्रसिद्ध कवि गिरिजा कुमार माथुर के सुपुत्र हैं और उन्हें कविता और साहित्य की संवेदना विरासत में मिली है. उन्होंने अपनी चार कविताएं प्रस्तुत कीं, जिनमें इतिहास की यात्रा करते शब्द थे तो प्रेम की उत्कृष्ट परिभाषा ढूंढते हुए शब्द भी. लापता लोगों को ढूंढती संवेदनाएं थी तो किसी अपने बहुत करीबी के खो जाने की चिंता भी.

आईपीएस ने सुनाई कविताएंः मृत्युंजय सिंह ने बुद्ध, निर्भया कांड, जंगल और प्रेम पर कुछ मुक्त छंद की कविताएं सुनाई और उसके बाद संगीत के साथ दो गजलें और हाल में प्रकाशित खंड काव्य द्रौपदी के एक अंश को अपने सुरीले स्वर और संगीत के साथ प्रस्तुत किया. जिसे उपस्थित श्रोताओं ने बेहद पसंद किया.

काफी साहित्यकार रहे मौजूदः कार्यक्रम में साहित्यकार, अध्यापक और भारी संख्या में छात्र अन्य उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन सहायक संपादक अजय कुमार शर्मा ने किया. यहां बतातें चले कि साहित्य अकादमी द्वारा समय समय पर साहित्य मंच का आयोजन किया जाता है. कार्यक्रम में साहित्य से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया जाता है. इसमें जहां वक्ता अपने अनुभव को साझा करते हैं, वहीं वह अपनी अपनी प्रसिद्ध कविताएं भी दर्शकों के सामने रखते हैं

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मंडी हाउस के पास साहित्य अकादमी में ‘साहित्य मंच’ नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें बतौर आईपीएस अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने अपनी कविताएं सुनाई. इसके अलावा पवन माथुर ने भी अपनी कविताएं प्रस्तुत की. कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने दोनों रचनाकारों का स्वागत किया.

सर्वप्रथम पवन माथुर ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की. पवन माथुर सुप्रसिद्ध कवि गिरिजा कुमार माथुर के सुपुत्र हैं और उन्हें कविता और साहित्य की संवेदना विरासत में मिली है. उन्होंने अपनी चार कविताएं प्रस्तुत कीं, जिनमें इतिहास की यात्रा करते शब्द थे तो प्रेम की उत्कृष्ट परिभाषा ढूंढते हुए शब्द भी. लापता लोगों को ढूंढती संवेदनाएं थी तो किसी अपने बहुत करीबी के खो जाने की चिंता भी.

आईपीएस ने सुनाई कविताएंः मृत्युंजय सिंह ने बुद्ध, निर्भया कांड, जंगल और प्रेम पर कुछ मुक्त छंद की कविताएं सुनाई और उसके बाद संगीत के साथ दो गजलें और हाल में प्रकाशित खंड काव्य द्रौपदी के एक अंश को अपने सुरीले स्वर और संगीत के साथ प्रस्तुत किया. जिसे उपस्थित श्रोताओं ने बेहद पसंद किया.

काफी साहित्यकार रहे मौजूदः कार्यक्रम में साहित्यकार, अध्यापक और भारी संख्या में छात्र अन्य उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन सहायक संपादक अजय कुमार शर्मा ने किया. यहां बतातें चले कि साहित्य अकादमी द्वारा समय समय पर साहित्य मंच का आयोजन किया जाता है. कार्यक्रम में साहित्य से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया जाता है. इसमें जहां वक्ता अपने अनुभव को साझा करते हैं, वहीं वह अपनी अपनी प्रसिद्ध कविताएं भी दर्शकों के सामने रखते हैं

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