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दिल्ली के स्कूल में छात्राओं और महिला शिक्षकों को स्वास्थ्य के प्रति किया गया जागरूक

पूर्वी दिल्ली के एक स्कूल में छात्राओं और महिला शिक्षकों (Girl students and female teachers) को एक निजी अस्पताल की तरफ से स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया. इसमें 300 से ज्यादा छात्राओं और महिला शिक्षकों ने भाग लिया.

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Published : Dec 21, 2022, 8:20 PM IST

छात्राओं और महिला शिक्षकों को स्वास्थ्य के प्रति किया गया जागरूक

नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली के डिफेंस एनक्लेव स्थित बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में क्लाउड नाइन अस्पताल की तरफ से स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में 300 से ज्यादा छात्राओं और महिला शिक्षकों को स्वास्थ्य के प्रति (aware of health) जागरूक कर परामर्श दिया गया.इसमें कहा गया कि स्कूल किशोरियों के स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. कार्यक्रम में क्लाउडनाइन अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों की टीम ने मासिक धर्म की समस्या, युवा होती लड़कियों में एनीमिया, बचपन का मोटापा, बढ़ रहे पीसीओडी की समस्या और जीवन शैली संबंधी विकार में स्कूलों और शिक्षकों की क्या भूमिका हो इससे अवगत कराया.

:कार्यक्रम में क्लाउड नाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रूपम अरोड़ा और डॉ. कनिका गर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे शिक्षक होने के अलावा, जीवन के प्रत्येक चरण में महिलाओं को स्वास्थ्य प्रबंधन, बीमारी का पता लगाने और रोकथाम के लिए सजग रहने की आवश्यकता है. इस बात के प्रति महिला शिक्षकों को जागरूक किया गया. उन्होंने बताया कि इन दिनों रजोनिवृत्ति आम समस्याओं में से एक है, जो स्कूल की शिक्षकों के बीच भी बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सबसे अच्छा निवारक ‘ऐन्यूअल वेल-वूमेन केअर’ है.

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बातचीत में डॉ. रूपम अरोड़ा ने कहा, “युवा और बढ़ते बच्चों में किशोरावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों और उन्हें प्रभावित करने वाले खराब स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान और जागरूकता की कमी होती है. किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए जागरूकता, पोषण शिक्षा और पूरकता, एनीमिया नियंत्रण उपायों और आवश्यक परामर्श जैसी सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित है.

उन्होंने कहा कि हमें अस्पतालों के साथ सहयोग करने के लिए भारत भर के स्कूलों की आवश्यकता है, जो एक स्वस्थ जीवन शैली का नेतृत्व करने, जंक फूड की आदत को प्रतिबंधित करने, प्रजनन और यौन स्वास्थ्य और गतिहीन जीवन शैली के बारे में जागरूकता पैदा करने से संबंधित जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करेंगे. बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल संतोष अहूजा ने बताया कि बच्चें कई बार अपनी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को अपने पेरेंट्स या शिक्षकों को नहीं बता पाते हैं. इस तरह के कैंप से बच्चे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं.

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छात्राओं और महिला शिक्षकों को स्वास्थ्य के प्रति किया गया जागरूक

नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली के डिफेंस एनक्लेव स्थित बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में क्लाउड नाइन अस्पताल की तरफ से स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में 300 से ज्यादा छात्राओं और महिला शिक्षकों को स्वास्थ्य के प्रति (aware of health) जागरूक कर परामर्श दिया गया.इसमें कहा गया कि स्कूल किशोरियों के स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. कार्यक्रम में क्लाउडनाइन अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों की टीम ने मासिक धर्म की समस्या, युवा होती लड़कियों में एनीमिया, बचपन का मोटापा, बढ़ रहे पीसीओडी की समस्या और जीवन शैली संबंधी विकार में स्कूलों और शिक्षकों की क्या भूमिका हो इससे अवगत कराया.

:कार्यक्रम में क्लाउड नाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रूपम अरोड़ा और डॉ. कनिका गर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे शिक्षक होने के अलावा, जीवन के प्रत्येक चरण में महिलाओं को स्वास्थ्य प्रबंधन, बीमारी का पता लगाने और रोकथाम के लिए सजग रहने की आवश्यकता है. इस बात के प्रति महिला शिक्षकों को जागरूक किया गया. उन्होंने बताया कि इन दिनों रजोनिवृत्ति आम समस्याओं में से एक है, जो स्कूल की शिक्षकों के बीच भी बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सबसे अच्छा निवारक ‘ऐन्यूअल वेल-वूमेन केअर’ है.

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बातचीत में डॉ. रूपम अरोड़ा ने कहा, “युवा और बढ़ते बच्चों में किशोरावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों और उन्हें प्रभावित करने वाले खराब स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान और जागरूकता की कमी होती है. किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए जागरूकता, पोषण शिक्षा और पूरकता, एनीमिया नियंत्रण उपायों और आवश्यक परामर्श जैसी सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित है.

उन्होंने कहा कि हमें अस्पतालों के साथ सहयोग करने के लिए भारत भर के स्कूलों की आवश्यकता है, जो एक स्वस्थ जीवन शैली का नेतृत्व करने, जंक फूड की आदत को प्रतिबंधित करने, प्रजनन और यौन स्वास्थ्य और गतिहीन जीवन शैली के बारे में जागरूकता पैदा करने से संबंधित जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करेंगे. बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल संतोष अहूजा ने बताया कि बच्चें कई बार अपनी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को अपने पेरेंट्स या शिक्षकों को नहीं बता पाते हैं. इस तरह के कैंप से बच्चे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं.

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