नई दिल्ली: दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में एबीवीपी का आजादी के अमृतकाल में 69वां अधिवेशन रविवार को समाप्त हो गया. विद्यार्थी परिषद के गठन को 75 साल पूरे हो चुके है. समापन कार्यकर्म में समाज के लिए विशेष कार्य करने वाले तीन लोगों को यशंवत राव केलकर अवार्ड से समानित किया गया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी परिषद के छात्रों के बीच पहुंची. कार्यकर्म में देश और विदेश से दस हजार छात्र पहुंचे. जिन्होंने अपने कौशाल से सभी को प्रभावित किया.
विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी अंबुज मिश्रा ने बताया कि बुराड़ी ग्राउंड में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के चार दिवसीय 69वें अधिवेशन में देश के प्राचीन इतिहास को दिखाया गया है. जिसे अभी तक छुपाया गया था.
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उन्होंने कहा कि हमें केवल मुगलकालीन इतिहास को ही बताया और पढ़ाया गया है. भारत की आजादी में अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले वीर सपूतों के नामों को भी इतिहास में छिपाया गया है. उन गुमनाम नामों को विशाल प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की गई है. प्रदर्शनी को देश के अलग-अलग कॉलेजों के 150 छात्रों ने अपने हाथों से बनाया है.
69 वे अधिवेश का नाम इस बार दिल्ली के प्राचीन नाम इंद्रप्रस्थ ने नाम पर रखकर खांडवप्रस्थ से इंद्रप्रस्थ का गौरवशाली इतिहास बताया गया है . कार्यकर्म के दौरान देश और विदेश से आए 10000 छात्रों के रहने खाने से लेकर सभी बुनियादी सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया.साथ ही बिहार के शरद विवेक सागर, मध्य प्रदेश की लहरीबाई पडिया तथा राजस्थान के वैभव भंडारी को यशवंत राव केलकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार अर्पण समारोह में अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा भी उपस्थिति रहे .
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