नई दिल्ली: पंजाब से आए किसानों को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर 5 दिन हो चुके हैं. सोमवार को फेडरेशन ऑफ नरेला ने किसानों को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है. साथ ही किसान नेताओं को अपना समर्थन पत्र दिया. संगठन का कहना है कि किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ जब तक ये आंदोलन चलेगा तब तक वह किसानों के साथ रहेंगे.
फेडरेशन ऑफ नरेला ने किया किसान आंदोलन का समर्थन
किसान आंदोलन को मदद करने के लिए अब दिल्ली की कई संस्थाएं भी आगे आ गई हैं. फेडरेशन ऑफ नरेला ने भी सोमवार को किसान आंदोलन के समर्थन की घोषणा कर दी है. संस्था के अध्यक्ष जोगेंद्र दहिया का कहना है कि वह तन-मन और धन से किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं और किसान भाइयों को हर संभव सहयोग करेंगे.
आपको बता दें कि नरेला वही इलाका है जहां बीते 4 दिनों से किसान अपना आंदोलन चला रहे हैं. इस किसान आंदोलन के चलते नरेला वासियों को जांच के साथ-साथ कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है, बावजूद इसके सभी छोटी-बड़ी संस्थाओं ने साथ मिलकर यह फैसला लिया कि वह किसान आंदोलन का समर्थन करें. इस बाबत उन्होंने किसानों को फेडरेशन की तरफ से लिखित में आश्वासन भी दिया.
हरियाणा की सभी खाप पंचायतें कर चुकी हैं समर्थन
दिल्ली की संस्थाओं से पहले हरियाणा की खाप पंचायत भी किसान आंदोलन का समर्थन कर चुकी हैं. बताया जा रहा है कि मंगलवार से अलग-अलग जगहों से हरियाणा की खाप पंचायत के सदस्य दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंचेंगे. जिसके बाद इस आंदोलन को और भी बड़ा बनाया जाएगा. यह आंदोलन धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है और लोगों की संख्या भी इस आंदोलन में बढ़ती जा रही है. जैसे-जैसे समय बीत रहा है अलग-अलग संस्थाएं और अलग-अलग गुट आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.
क्या है फेडरेशन ऑफ नरेला?
देशभर की कई संस्थाएं किसान आंदोलन का समर्थन कर रही हैं. यह आंदोलन जल्द खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है. आपको बता दें कि फेडरेशन ऑफ नरेला में करीब 177 संस्था हैं, जो मिलकर नरेला के विकास कार्य करती हैं.