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एडहॉक टीचर्स को लेकर डूटा की प्रेस वार्ता, कहा- सरकार लेकर आए परमानेंट रेगुलेशन - Delhi University

दिल्ली विश्वविद्यालय में एडहॉक टीचरों को परमानेंट करने को लेकर DUTA ने दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रेस वार्ता की.

एडहॉक टीचर की मांगों को लेकर डूटा ने की प्रेस वार्ता
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Published : Oct 11, 2019, 11:04 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में DUTA ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत करीब 4500 हजार शिक्षकों को स्थायी न किए जाने को लेकर प्रेस वार्ता की. एडहॉक टीचर जोकि कई सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय के अलग-अलग कॉलेजों में कार्यरत हैं. उन्हें अभी तक परमानेंट नहीं किया गया है बल्कि उन्हें कई प्रताड़नाए दी जा रही है. उन्हें किसी प्रकार का अवकाश, सैलेरी, प्रमोशन की सुविधाएं नहीं है.

एडहॉक टीचर की मांगों को लेकर डूटा ने की प्रेस वार्ता

डूटा के कई प्रोफेसर शामिल
इस प्रेस वार्ता में डूटा के वर्तमान प्रेसिडेंट राजीव रे, पूर्व प्रेसिडेंट नंदिता नारायण आदित्य नारायण और नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के इस साल हुए डूटा चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार और पूर्व मेम्बर डॉक्टर एके भागी समेत कई टीचर शामिल हुए.

'सरकार लेकर आए एक परमानेंट रेगुलेशन'
डूटा प्रेसिडेंट राजीव रे ने कहा कि यह मांग काफी समय से उठाई जा रही है कि DU में जो इतनी बड़ी संख्या में एडहॉक टीचर काम कर रहे हैं उन्हें परमानेंट किया जाए. लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय वाइस चांसलर ने नियुक्तियां रोकी हुई है. जिसको लेकर हम मांग कर रहे हैं कि एक परमानेंट रेगुलेशन लाया जाए और सरकार इसमें हस्तक्षेप करें.

'महिला टीचरों को नहीं मिल रही मेटरनिटी लीव'
पूर्व प्रेजिडेंट आदित्य नारायण का कहना था कि जो फीमेल एडहॉक ऑफ़ टीचर हैं उन्हें मैटर्निटी लीव तक नहीं मिल रही है. जिसके चलते वह गर्भावस्था में भी कॉलेज में पढ़ाने के लिए पहुंच रही हैं. यहां तक कि वह डिलीवरी के बाद भी तुरंत अपनी जॉब को ज्वाइन करने के लिए मजबूर है.

'दिल्ली विश्वविद्यालय कर रहा नियमों का उल्लंघन'
इस दौरान डूटा की पूर्व प्रेजिडेंट रह चुकी नंदिता नारायण भी प्रेस वार्ता में शामिल हुई जिन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय नियम के मुताबिक 10 फ़ीसदी तक एडहॉक टीचर रख सकती है. लेकिन वर्तमान में 50 फ़ीसदी तक एडॉक टीचर दिल्ली विश्वविद्यालय के तमाम कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं. जिससे दिल्ली विश्व विद्यालयनियमों का उल्लंघन कर रहा है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में DUTA ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत करीब 4500 हजार शिक्षकों को स्थायी न किए जाने को लेकर प्रेस वार्ता की. एडहॉक टीचर जोकि कई सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय के अलग-अलग कॉलेजों में कार्यरत हैं. उन्हें अभी तक परमानेंट नहीं किया गया है बल्कि उन्हें कई प्रताड़नाए दी जा रही है. उन्हें किसी प्रकार का अवकाश, सैलेरी, प्रमोशन की सुविधाएं नहीं है.

एडहॉक टीचर की मांगों को लेकर डूटा ने की प्रेस वार्ता

डूटा के कई प्रोफेसर शामिल
इस प्रेस वार्ता में डूटा के वर्तमान प्रेसिडेंट राजीव रे, पूर्व प्रेसिडेंट नंदिता नारायण आदित्य नारायण और नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के इस साल हुए डूटा चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार और पूर्व मेम्बर डॉक्टर एके भागी समेत कई टीचर शामिल हुए.

'सरकार लेकर आए एक परमानेंट रेगुलेशन'
डूटा प्रेसिडेंट राजीव रे ने कहा कि यह मांग काफी समय से उठाई जा रही है कि DU में जो इतनी बड़ी संख्या में एडहॉक टीचर काम कर रहे हैं उन्हें परमानेंट किया जाए. लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय वाइस चांसलर ने नियुक्तियां रोकी हुई है. जिसको लेकर हम मांग कर रहे हैं कि एक परमानेंट रेगुलेशन लाया जाए और सरकार इसमें हस्तक्षेप करें.

'महिला टीचरों को नहीं मिल रही मेटरनिटी लीव'
पूर्व प्रेजिडेंट आदित्य नारायण का कहना था कि जो फीमेल एडहॉक ऑफ़ टीचर हैं उन्हें मैटर्निटी लीव तक नहीं मिल रही है. जिसके चलते वह गर्भावस्था में भी कॉलेज में पढ़ाने के लिए पहुंच रही हैं. यहां तक कि वह डिलीवरी के बाद भी तुरंत अपनी जॉब को ज्वाइन करने के लिए मजबूर है.

'दिल्ली विश्वविद्यालय कर रहा नियमों का उल्लंघन'
इस दौरान डूटा की पूर्व प्रेजिडेंट रह चुकी नंदिता नारायण भी प्रेस वार्ता में शामिल हुई जिन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय नियम के मुताबिक 10 फ़ीसदी तक एडहॉक टीचर रख सकती है. लेकिन वर्तमान में 50 फ़ीसदी तक एडॉक टीचर दिल्ली विश्वविद्यालय के तमाम कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं. जिससे दिल्ली विश्व विद्यालयनियमों का उल्लंघन कर रहा है.

Intro:दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत करीब 4,500 हजार तदर्थ शिक्षकों को स्थायी ना किए जाने को लेकर प्रेस वार्ता की, जिसमें तदर्थ यानी एडहॉक टीचर जोकि कई सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय के अलग-अलग कॉलेजों में कार्यरत हैं लेकिन उन्हें अभी तक परमानेंट नहीं किया गया है बल्कि उन्हें कई प्रताड़नाए दी जा रही है उन्हें किसी प्रकार का अवकाश, सैलेरी, प्रमोशन आदि की सुविधाएं नहीं है


Body:डूटा के इसी मेंबर समेत कई प्रोफेसर शामिल
इस प्रेस वार्ता में डूटा के वर्तमान प्रेसिडेंट राजीव रे, पूर्व प्रेसिडेंट नंदिता नारायण आदित्य नारायण और जूता के तमाम इसी मेंबर और नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के इस साल हुए डूटा चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार और पूर्व इसी मेम्बर डॉक्टर एके भागी समेत कई टीचर शामिल हुए.

सरकार लेकर आए एक परमानेंट रेगुलेशन
डूटा प्रेसिडेंट राजीव रे ने कहा कि यह मांग काफी समय से उठाई जा रही है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में जो इतनी बड़ी संख्या में एडहॉक टीचर काम कर रहे हैं उन्हें परमानेंट किया जाए नियुक्तियां की जाएं, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय वाइस चांसलर ने नियुक्तियां रोकी हुई है जिसको लेकर हम मांग कर रहे हैं कि एक परमानेंट रेगुलेशन लाया जाए और सरकार इसमें हस्तक्षेप करें.

टीचर डर के माहौल के साथ पढ़ाने को मजबूर
डूटा के पूर्व प्रेजिडेंट आदित्य नारायण ने कहा जो एडहॉक टीचर है वह ऐसे ही दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाने नहीं आता,उसके पास तमाम डिग्री होती हैं तमाम इंटरव्यू को फेस कर उसे दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाने दिया जाता है लेकिन सभी गुणवत्ताए होने के बाद भी उसे परमानेंट नियुक्ति क्यों नहीं दी जाती. उनका कहना था कि अगर इस तरह के डर के माहौल में एक टीचर रहेगा तो वह कैसे छात्रों को पढ़ा पाएगा

महिला टीचरों को नहीं मिल रही मेटरनिटी लीव
पूर्व प्रेजिडेंट आदित्य नारायण का कहना था कि जो फीमेल एडहॉक ऑफ़ टीचर हैं उन्हें मैटर्निटी लीव तक नहीं मिल रही है जिसके चलते वह गर्भावस्था में भी कॉलेज में पढ़ाने के लिए पहुंच रही हैं यहां तक कि वह डिलीवरी के बाद भी तुरंत अपनी जॉब को ज्वाइन करने के लिए मजबूर है, जहां हम मूल अधिकारों की बात करते हैं महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं वहां एक महिला को गर्भावस्था के दौरान छुट्टियां तक नहीं दी जा रही है इस प्रकार एक एडहॉक टीचर को प्रताड़ित किया जा रहा है


Conclusion:दिल्ली विश्वविद्यालय कर रहा नियमों का उल्लंघन
इस दौरान बूटा की पूर्व प्रेजिडेंट रह चुकी नंदिता नारायण भी प्रेस वार्ता में शामिल हुई जिन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय नियम के मुताबिक 10 फ़ीसदी तक एडहॉक टीचर रख सकती है लेकिन वर्तमान में 50 फ़ीसदी तक एडॉक टीचर दिल्ली विश्वविद्यालय के तमाम कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं जिससे दिल्ली विश्व विद्यालय नियमों का उल्लंघन कर रहा है

डीयू प्रशासन नहीं दे रहा कोई ध्यान
प्रेस वार्ता में शामिल हुए पूर्व इसी मेंबर एके भागी ने कहा की टूटा की तरफ से जो मांगे उठाई जा रही हैं वह सरासर सही हैं और कई सालों से ऐडहॉक टीचर को परमानेंट किए जाने की मांग उठाई है लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा
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