नई दिल्ली: कालका शताब्दी ट्रेन के लोको-पायलट और गार्ड ने मानवता की नई मिसाल कायम की है. यहां इन्होंने अपनी ही ट्रेन की चपेट में आए व्यक्ति को न सिर्फ उठाया बल्कि अपनी गाड़ी में ही चढ़ाकर अस्पताल तक भी पहुंचाया. समय पर उपचार मिलने से घायल व्यक्ति की जान बच पाई. हालांकि उसके दोनों पैर कट गए.
लोको-पायलट ने लगाया इमरजेंसी ब्रेक
मामला सोमवार का है. गाड़ी संख्या 12005 शताब्दी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शाम करीब 5:15 पर कालका के लिए रवाना हुई थी. 5:50 पर ट्रेन के बादली स्टेशन क्रॉस करने के साथ ही कुछ ही दूरी पर ट्रैक पार कर रहा एक व्यक्ति उसकी चपेट में आ गया. गाड़ी करीब 110 की स्पीड पर थी लेकिन लोको-पायलट ने घटना को देख इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोक दिया.
वक्त रहते घायल को भेजा अस्पताल
लोको पायलट और गार्ड घायल व्यक्ति के पास पहुंचे और देखा कि सांसे चल रही हैं. ऐसे में घायल को ट्रेन में चढ़ाया गया और शाम 6:15 बजे नरेला स्टेशन पर रोककर उसे स्टेशन मास्टर की मदद से एम्बुलेंस में अस्पताल भेजा गया.
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स से मिली जानकारी के मुताबिक घायल की पहचान नहीं हो पाई है. लेकिन उसके दोनों पैर कट गए हैं. उधर उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने लोको पायलट और गार्ड की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है और मिसाल पेश की है.