नई दिल्ली: राजधानी में बुराड़ी के झड़ौदा भाग दो इलाके में कुछ दिनों पहले करीब 17 बीघे जमीन पर सीमांकन के उच्य न्यायलय के ऑर्डर जारी किए गए थे और ऑर्डर की कॉपी इलाके में लगाई गई थी. इसके बाद स्थानीय लोग चिंतित थे. वहीं बुधवार को इलाके में दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ के जवानों की तैनात करने के बाद उसके बाद रिवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारी मशीनें लेकर गली संख्या एक, दो और तीन में पहुंचे और सीमांकन की प्रक्रिया शुरू की.
अधिकारियों द्वारा किए जा रहे है इस सीमांकन से स्थानीय लोगों में चिंता और आक्रोश है. उनका कहना है कि जब यह जमीन उन्होंने खरीदी तो रेवेन्यू डिपार्टमेंट के माध्यम से ही जनरल पॉवर ऑफ अटॉर्नी रजिस्टर कराई गई. वहीं यहां बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी सरकार मुहैया करवा रही है. यह कॉलोनी करीब 50 साल पुरानी है, जिसमें लोग काफी सालों से रह रहे हैं और उन्होंने जमापूंजी लगाकर घर बनवाए, लेकिन अब उन्हें आशियाना छिन जाने का डर सता रहा है. गौरतलब है कि दिल्ली में मकानों की रजिस्ट्री के बजाए पॉवर अटॉर्नी दी जाती है.
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जानकारी के मुताबिक भारत पाकिस्तान बंटवारे के दौरान झरौदा इलाके की विवादित जगह के कुछ हिस्सों को पाकिस्तान से आए हुए हिंदू शरणार्थियों को सरकार द्वारा दिया गया था. उस वक्त हर साल वहां यमुना नदी का पानी भर जाया करता था, जिससे लोग यहां बसने को तैयार नहीं थे. कुछ समय बाद यहां की जमीन, जामींदार ने ले ली, जहां लोग कॉलोनी बनाकर रहने लगे. वर्तमान में यहां सैकड़ों कॉलोनियां बनी हुई हैं. कुछ साल पहले जमींदार ने अपनी जमीन वापस लेने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मामला उच्च न्यायालय पहुंचा, जिसके बाद कोर्ट ने पूरे इलाके के सीमांकन का आदेश दे दिया.
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